गर्भपात का खतरा

गर्भवती महिला जब पेसिव स्मोकिंग के संपर्क में आती है, तो प्लेसेंटा ठीक से काम नहीं करता है। निकोटीन जब प्लेसेंटा से होकर गुजरता है तो भ्रूण में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है। इससे फेटल कार्डियोवेस्कुलर सिस्टम, गैस्ट्रोइंटेसटाइनल सिस्टम और सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता है। कई बार पेसिव स्मोकिंग गर्भपात या जन्म के समय शिशु का वजन कम होने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।Image Source-getty
बहरेपन की समस्या

सिगरेट के धुएं की जद में आए किशोरों में सुनने को खतरा अन्य लोगों के मुकाबले दोगुना होता है। सिगरेट का धुआं शरीर के उन हिस्सों में खून की आपूर्ति को प्रभावित करते हैं जिससे व्यक्ति के लिए भाषा समझ पाना मुश्किल हो जाता है। इसका असर शैक्षणिक जीवन पर भी पड़ता है। Image Source-getty
जल्दी मेनोपोज

जो महिलाएं पैसिव स्मोकर हैं, उन्हें मेनोपोज के जल्दी आने और बांझपन की समस्या हो सकती है। हालांकि जो महिलाएं धूम्रपान करती हैं उनमें मेनोपोज एक से दो साल पहले ही आ जाता है। पर चौंकाने वाली बात ये है कि सिगरेट पीने वाले लोगों के संपर्क में रहने वाली महिलाओं में भी इस बात का खतरा होता है। Image Source-getty
गुर्दों को कर सकता है खराब

सिगरेट का धुंआ शरीर के अंदर रक्त प्रवाह पर बहुत बुरा असर डालता है। इसका सीधा असर गुर्दे के काम करने की क्षमता पर पड़ता है। धूम्रपान से धमनियां कड़ी हो जाती हैं और रक्‍त वाहिकाएं भी संकुचित हो जाती हैं। जिससे गुर्दे के रक्त प्रवाह में रुकावट पैदा होती है और उसके कार्य करने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है।Image Source-getty
हृदय को नुकसान

चाहे आप स्मोकिंग करते हो या नहीं, सिगरेट के धुएं से आपको हृदय रोग हो सकता है।इस धुएं के कारण रक्त नलिकाओं की दीवारें मोटी होने लगती हैं। इससे भविष्य में उनको दिल का दौरा पड़ने और स्ट्रोक के खतरे बढ़ जाते हैं। केवल 30 मिनट तक सिगरेट के धूएं के संपर्क में रहने से आपका बीपी, हार्ट रेट और खून का दौरा कई गुना बढ़ सकता है।Image Source-getty
सांस संबधी समस्या

पैसिव स्मोकिंग के संपर्क में होने वाले बच्चे में सांस से संबंधित समस्या हो सकती है। साथ ही बच्चे का भविष्य में अस्थमा से पीड़ित होने का खतरा भी रहेगा। वे बच्चे जो घर में पैसिव स्मोकिंग का शिकार होते हैं, उन्हें भीषण कफ की शिकायत होती है।Image Source-getty s