पार्टनर को अनसुना करने से रिश्‍ते इस तरह होते हैं प्रभावित

सिर्फ बातें करना ही कला है, ऐसा नहीं है। अगर आपको अपने रिश्ते में गहराई बरकरार रखनी है, उसमें ऊर्जा भरनी है तो आपको एक अच्छे श्रोता भी बनना होगा। विशेषज्ञों की मानें तो अच्छे श्रोता होने से तमाम रिश्ते की समस्याओं को हम आसानी से सुलझा सकते हैं। नीचे दी जा रही कुछ गलतियों पर ध्यान दें ताकि रिश्ते में खटास न आ सके।

Meera Roy
Written by:Meera RoyPublished at: May 16, 2017

दिमाग पढ़ना

दिमाग पढ़ना
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हम बिना सोचे समझे अपने पार्टनर के दिमाग को पढ़ने की कोशिश करते हैं। नतीजतन वास्तविकता जाने बिना ही प्रतिक्रिया करने लगते हैं। जबकि यह एक गलत तरीका है। ऐसा करने से हम समस्या पर नहीं सीधे सीधे परिणाम पर पहुंच जाते हैं। जबकि अपने पार्टनर के दिमाग को पढ़ने के बजाय जरूरी है कि उसकी समस्या उसके मुंह से पूछें और समाधान पर दोनों मिलकर पहुंचे।Image Source-Getty

बोलते जाना

बोलते जाना
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अकसर लड़कियों से उनके पार्टनरों को शिकायत होती है कि वह सुनती नहीं बल्कि अपनी बात बोलती जाती है। असल में इस तरह का व्यवहार करने से रिश्ते में गहराई नहीं वरन खटास बढ़ती है। असल में चाहे वह लड़की हो या लड़के, दोनों को अपने पार्टनर की बातें सुननी चाहिए। बिना अपने पार्टनर की राय जानें, अपनी बातें बोलते जाना कोई समझदारी नहीं है। ऐसा करने से हम अपने पार्टनर को सही स्पेस नहीं दे रहे होते। नतीजतन रिश्ते में अपने आप दूरी पसरने लगती है।Image Source-Getty

जो चाहा, वही समझा

जो चाहा, वही समझा
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अगर आप लड़ाई-झगड़ा पसंद करते हैं तो फिर आप जो चाहेंगे, वही समझेंगे। असल में बातों बातों में अकसर ऐसी बातें हो जाती हैं, जो जैसी कही जाती है, उसका मतलब वैसा नहीं होता। असल में रिश्तों को सरल और प्यारभरा बनाए रखना है तो इसके लिए खुद को भी सरल बनाना जरूरी है। आप निजी जीवन में जितने जटिल होंगे, अपने रिश्ते उतने ही जटिल होते जाएंगे। अतः आपसे जो कहा जाए, वही समझें। इसके उलट न ज्यादा समझने की कोशिश करें और न ही समझें।Image Source-Getty

निर्णायक

निर्णायक
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हर समय अपने पार्टनर के प्रति निर्णायक रवैय्या सही नहीं है। उसने कुछ कहा और आपने तुरंत सुनते ही कोई निर्णय ले लिया। हालंाकि क्या सही है और क्या गलत, इस पर चर्चा करना दोनों का हक है। लेकिन अपने पार्टर को हर समय सही और गलत का पाठ पढ़ाना समझदारी नहीं है। इससे उसे लगने लगता है कि आप उस पर भरोसा नहीं करते। इसलिए हमेशा उसके प्रति निर्णायक बने रहते हैं। ऐसा करने से उसका आप पर भरोसा कम होने लगता है।Image Source-Getty

सलाह देना

सलाह देना
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आपका पार्टनर अभी अपनी समस्या का पूरी तरह बखान भी नहीं कर पाया लेकिन आपने उससे पहले ही उसे सलाह देने का काम शुरु कर दिया। बेहतर है कि अपने पार्टनर की पूरी बात सुनें, उसके बाद आवश्यक हो तभी सलाह दें। बेवजह अपनी सलाह देने से बचें। हालांकि आप अपनी राय रख सकती हैं। लेकिन राय को सलाह के तौर पर पार्टनर पर थोपने की कोशिश न करें।Image Source-Getty

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