बदलती दुनिया-बदलती होली

होली आई रे कन्हाई.... होली के दिन दिल खिल जाते हैं... और अब बलम पिचकारी, जो तूने मुझे मारी...। इन तीन गानों के बोल और म्यूजिक से वर्तमान में बदलती होली का मूड और टेस्ट समझा जा सकता है। सिक्सटीज के गानों के धीरे-धीरे म्यूजिक की तरह होली भी धीरे-धीरे और आराम से खेली जाती थी। फिर नाइनटीज़ में होली हुड़दंग और छेड़खानी का बहाना बनी। और अब तो होली में लाउड होता है, गाना होता है, रंग, पानी, अबीर सब होता है। इसी कारण अब होली खेलना और भी रंगीन हो गया है। Image source @ masala
होली इन डिस्को अंदाज

इस तरह की होली खेलने का चलन युवाओं के बीच काफी है। अब सारे यूथ, एक पार्क या सेंटर में इकट्ठे होते हैं जहां भांग, गुजिया, रंग, अबीर औऱ रंग का सारा इंतजाम होता है। साथ ही लगा होता है डीजे जिसके गानों पर युथ एक बार थिरकना शुरु करते हैं तो थकने के बाद ही हटते हैं। Image source @ Getty
सूखी होली

पानी की कमी और पर्यावरण व त्वचा को नुकसान ना पहुंचाने के लिए अब हर जगह सूखी होली ही मनाई जाती है और ये लोगों के बीच काफी लोकप्रिय भी है। इसे मनाना भी आसान है जिस कारण इसे अब स्कूल, कॉलेज औऱ ऑफिस हर जगह मनाया जाता है। Image source @ Getty
मैसेज होली

जो करीबी लोग दूर बैठे हैं उनके साथ बीती होली हमेशा याद आती है। लेकिन स्मार्ट जमाने में किसी चीज को दुख करना... खुद के साथ अन्याय है। तो एक साथ होली ना मनाने का दुख मनाने की जगह एक-दूसरे को होली वाला संदेश भेजकर होली की याद दिलाएं और पुरानी यादें ताजा करें। Image source @ Getty
बलून फेंक होली

इस तरह की होली, होली के पंद्रह दिन पहले ही शुरू हो जाती है। इसे स्कूल के बच्चे, रास्ते और मोहल्लो में आते-जाते लोगों के ऊपर बलून फेंक कर मनाते हैं और साथ में कहते जाते हैं... बूरा ना मानो, होली है। Image source @ Getty