प्रेग्नेंसी में गुड़ खाने के हैं कई फायदे
गर्भवती के लिए भी गुड़ खाना बहुत फायदेमंद होता है। गुड़ गर्भवती में आयरन की कमी को पूरा करता है इसलिए इससे बच्चे का वजन और सेहत अच्छी बनी रहती है, आइए जानें कैसे।

गुड़ खाना हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है, आयरन, कैल्शियम और फॉस्फोरस जैसे गुणों से भरपूर गुड़ खाने से खून की कमी दूर होती है, पाचन संबंधी समस्या को ठीक होती है और हड्डियों को मजबूती मिलती है। साथ ही गुड़ कैंसर, दिल के रोगों, मोतियाबिंद और अन्य पुरानी बीमारियों से लड़ने में भी मदद करता है। इसके अलावा गुड़ त्वचा के लिए अच्छा होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गर्भवती के लिए भी गुड़ खाना बहुत फायदेमंद होता है। गुड़ गर्भवती में आयरन की कमी को पूरा करता है इसलिए इससे बच्चे का वजन और सेहत अच्छी बनी रहती है। इसे नियमित रूप से अपने आहार के साथ लेने से गर्भवती महिलाओं में दूध की अशुद्धियां कम हो जाती हैं। इसलिए यह कहा जाता है कि हर गर्भवती को अपने सातवें वें महीने से गुड़ खाना शुरू कर देना चाहिए। आइए जानें गर्भावस्था में गुड़ खाना किन कारणों से फायदेमंद होता है।

गुड़ खाने से खून की कमी को दूर किया जा सकता है। गुड़ खाने से रेड ब्लड सेल्स बनते हैं, जिससे गर्भवती में खून की कमी नहीं होती और उसकी प्रतिरक्षा मजबूत होती है। जिससे वह गर्भावस्था के दौरान बीमारियों और संक्रमण लड़ने में मदद मिलती है।

गुड़ में मौजूद फोलेट के कारण आप गर्भावस्था के दौरान भी स्वस्थ बनी रहती हैं। यही नहीं इससे भ्रूण का भी सही विकास होता है। इसके अलावा गुड़ रक्त को भी शुद्ध करता है। गुड खाने से खून साफ होता है और गर्भावस्था के दौरान यह आपके होने वाले बच्चे और उसकी सेहत के लिए भी बहुत लाभदायक होता है।

गर्भावस्था के दौरान अक्सर महिलाओं को जोड़ों में दर्द की शिकायत होने लगती है, लेकिन गर्भावस्था के दौरान गुड़ खाने से हड्डियां मजबूत होती हैं जिससे घुटनों को ताकत मिलती है। यह जोड़ों के दर्द और जोड़ों की अकड़न को भी कम करता है।

गुड़ ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है। गुड़ में सोडियम की मात्रा कम होने के कारण यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखता है। गर्भवस्था के दौरान गुड़ खाने से किडनी में स्टोन नहीं होता साथ दिल संबंधी समस्या कम हो जाती हैं।

गुड में मौजूद मिनरल और पोटैशियम शरीर में पानी की कमी नहीं होने देते है। पोटैशियम के कारण शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलित मात्रा में बना रहता है। जिससे गर्भावस्था के दौरान हुई सूजन और दर्द को कम करने में मदद मिलती है।
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