इन तरीकों से विदेशी खुद को रखते हैं फिट एंड फाइन
जब भी हम फॉरनेर्स को देखते हैं तो उनकी फिटनेस के कायल हो जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं फिट रहने के लिए वे क्या-क्या करते हैं, इस स्लाइडशो में हम आपको उनके फिटनेस टिप्स के बारे में बता रहे हैं।

फिट रहने के लिए लोग ना जाने क्या-क्या जतन करते हैं फिर भी शरीर को फिट नहीं रख पाते हैं। कई बार तो ऐसा लगता है कि इन लोगों के लिए फिट रहना पहाड़ तोड़ने से भी मुश्किल काम है। लेकिन फिट रहने की चाहत हर किसी को होती है। अगर आप भी हमेशा फिट रहना चाहते हैं और फिट नहीं रह पा रहे हैं तो ये विदेशी फिटनेस टिप्स अपनाएं।

अगर आप कभी सिंगापुर, मलेशिया और ताइवान घूमने जाएंगे तो आपको वहां के कई मॉडर्न इलाको में गोल-चिकने पत्थरों से बनी सड़कें नज़र आएंगी। इन सड़कों के पीछे लोगों की फिटनेस का राज छिपा है। ये थियोरी ‘रिफ्लेक्सोलॉजी’ पर बेस्ड है, जिसमें पैरों के अलग-अलग हिस्सों (जो शरीर के विभिन्न हिस्सों से जुड़े हुए हैं) पर ज़ोर देकर इलाज किया जाता है। शुरुआत में इन रास्तों पर नंगे पैर चलना अजीब लग सकता है लेकिन आदत हो जाने पर ये आपके लिए थेरेपी का काम करेगी। ये नदी और समुद्र में लगे पत्थरों पर नंगे पैर चलने के सामान हैं। इससे रक्तचाप नियंत्रित रहता है औऱ तलवों व पैरों को शक्ति प्राप्त होती है।

क्यूबा में डांस करना खाने की तरह जरूरत के समान है। इसलिए वहां का ‘रूम्बा’ व ‘ज़ुम्बा’ डांस बहुत फेमस है, जिनमें कमर को खास तौर पर घुमाना है। इस डांस से कमर की अच्छी तरह से एक्सरसाइज हो जाती है जहां सबसे पहले और सबसे अधिक फैट जमा होता है। ये लोग शादी औऱ उत्सव में ही नहीं घरों में भी ये डांस करते हैं। इस डांस से बॉडी का लचीलापन बना रहता है और वह एनर्जेटिक बनी रहती है। इससे दिल औऱ हड्डियां दोनों मजबूत बनी रहती हैं।

साइकिल चलाने से आप फिट भी रहते हैं और पर्यावरण को प्रदुषण से भी बचाते हैं। इस कारण डच लोग अपना रोज का काम साइकिल से करते हैं। यहां के लोग ऑफिस जाने से लेकर घूमने जाने तक के लिए साइकिल का इस्तेमाल करते हैं। यहां के मशहूर शहर एम्सटर्डम की आधी से ज्य़ादा आबादी हर रोज साइकिल का इस्तेमाल करती है और 85 प्रतिशत लोग हफ़्ते में एक बार जरूर साइकिल चलाते हैं। साइक्लिंग से स्टैमिना बढ़ता है और दिमाग व शरीर तरोताजा बना रहता है। सबसे बड़ा फायदा कि इससे वजन कंट्रोल में रहता है।

जापान के प्रत्येक ऑफिस में काम से पहले पियानो की सॉफ्ट धुन कुछ समय के लिए बजाई जाती है। इस धुन बजने के दौरान सारे कर्मचारी स्ट्रैचिंग करते हैं जो उन्हें सीटिंग वर्क से होने वाले नुकसान से बचाता है। सुबह जल्दी काम पर आना और देर तक दफ़्तर में ही रहना फिटनेस के लिए सही नहीं होता। इसलिए उन्होंने काम पर ही स्ट्रैचिंग करने का नियम लागू कर दिया। इस नियम के अनुसार जापान में हर सुबह राष्ट्रीय रेडियो स्टेशन से हर सुबह 15 मिनट की धुन बजाई जाती है जिस पर सभी जापानियों को उठकर स्ट्रैचिंग करनी होती है। इसे वहां ‘रेडियो एक्सरसाइज़’ का नाम दिया गया है जिसके बजने के दौरान अब हर घर, पार्क, स्कूल, कॉलेज व दफ़्तर में रोज़ सुबह सुनी जाती है और लोग सबकुछ छोड़कर स्ट्रैचिंग की एक्सरसाइज करना शुरू कर देते हैं। स्ट्रैचिंग से शरीर में लचीलापन आता है और मसल्स में सही तरीके से ब्लड सर्कुलेशन होता है, जिससे थकान दूर होती है और एनर्जी मिलती है।
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