अभिभावक और बच्चे

बच्चे का आना परिवार में खुशियों की सौगात ला देता है। लोग एक-दूसरे का मुंह मीठा कराते हुए नहीं थकते। लेकिन यहीं बच्चा जब पैंट में शू-शू कर देता है, बड़े होने पर आपकी बात नहीं मानता, स्कूल में अच्छे मार्क्स नहीं ला पाता... आदि चीजें सही तरीके से नहीं कर पाता तो अभिभावक बच्चों पर गुस्सा होने लगते हैं। ये बिल्कुल गलत है। बच्चे कहीं से सीख कर नहीं आए हैं। उन्होंने जो सीखा है यहां आपसे और आपके पास ही रहकर सीखा है। वो गलतियां कर रहे हैं तो कहीं न कहीं आपकी सीख गलत है।
मेहनत करें

बच्चे पालना बहुत ही मेहनत का काम है। इनके साथ काफी बैलेंस होकर चलना होता। ज्यादा ढील देने पर भी औऱ कड़ाई करने पर भी बच्चे बिगड़ जाते हैं। सो सब्र से काम लें। कड़ाई से पेश आएं, लेकिन एक हद के बाद समझाएं भी। दोस्त बने लेकिन उन्हें ये भी अहसास दिलाएं की आप उनके अभिभावक भी हैं।
अपना बेस्ट दें

हर काम में अपना बेस्ट दें जिससे बच्चा भी हर काम में अपना बेस्ट देना सीखें। अगर खेल भी रहे हैं तो उसे चलते में ना डालें। इससे आपका बच्चा आपसे हर काम बेस्ट तरीके से करेगा।
शेयर करें

ये एक अहम चीज है और इसी के ऊपर दुनिया टिकी है। कई बच्चे चीजें शेयर करना पसंद नहीं करते। लेकिन ये गलत है। बचपन में ये आदत अच्छी लगती है लेकिन बड़े होने पर ये बच्चे को अड़ियल, असंवेदनशील और भावहीन इंसान बना देती है। तो बच्चे को शेयर करना जरूर सिखाएं।
वैल्यूज मायने रखती हैं

आजकल एकल परिवार की संख्या में जिस तरह से बढ़ोतरी हो रही है उसको देखते हुए आज के बच्चों में बचपन से ही वैल्यूज डालना जरूरी है। इससे बच्चे आपका और अपने हमउम्र के लोगों की इज्जत करना सीखते हैं।
तारों की चाहत

बचपन में तारों की गिनती हर कोई करता है। लेकिन तारों की गिनती के साथ ये आपकी जिम्मेदारी है कि आप बच्चों में तारों तक पहुंचने की भी चाहत उनमें जगाएं। इससे बच्चे सफलता की ओर अग्रसर होते हैं।