लीवर की देखभाल

अगर आप एल्कोहल का सेवन करते हैं तो आपके लीवर को खास देखभाल की जरूरत है। एल्कोहल का सेवन लीवर से संबंधित कई बीमारियों को जन्म देता है। ऐसे में लीवर की सुरक्षा के लिए आपको अपने आहार के साथ-साथ जीवनशैली में भी खासा बदलाव करने की जरूरत है। आइए जानें अगर नहीं छोड़ पा रहें हैं एल्कोहल तो कैसें रखें लिवर का खयाल।
जड़ वाली सब्जियां

लीवर को सेहतमंद रखने के लिए अपने आहार में जड़ वाली सब्जियों को शामिल करना चाहिए। इसमें फ्लेवोनॉइड है जो लिवर की कोशिकाओं की मरम्मत कर लिवर की को सुचारु रुप से काम करने के लिए प्रेरित करता है। चुकंदर, गाजर, आलू आदि का सेवन करने से लिवर ठीक रहता है।
डिटॉक्सीफाई करने वाले आहार

लिवर के डिटॉक्सिफिकेशन के लिए से हरी सब्जियों, लहसुन और ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। ये लिवर से विषैले तत्‍वों को बाहर निकालने में काफी मददगार साबित होती हैं। इसमें मौजूद क्‍लोरोफिल तत्‍व लीवर में खतरनाक रसायनों के प्रभावों को कम करता है।
साबुत अनाज

इसमें विटामिन बी कॉमप्‍लेक्‍स अच्‍छी मात्रा में पाया जाता है जो कि फैट को बैलेंस करता है। ब्राउन राइस, मल्‍टी ग्रेन वाला आटा और सोया आटा लीवर के लिये बहुत अच्‍छे होते हैं।
सल्फर से भरपूर फूड

लीवर एंजाइमों का उत्‍पादन करता है जो कि सभी अंगो द्वारा इस्‍तेमाल किया जाता है। सल्‍फर से भरपूर आहारों का सेवन करें जैसे, अंकुरित अनाज, पत्‍ता गोभी और ब्रॉकली जैसी सब्‍जियां लीवर को इंजाइम उत्‍पादन करने में मदद करती है।
जैविक खाद्य पदार्थों का सेवन

हमेशा जैविक खाद्य पदार्थों ही खाइये। इनमें कम कीटनाषक होते हैं और ये प्राकृतिक भी हैं। रसायन और कीटनाशक लीवर में जम जाते हैं जिन्‍हें निकाल पाना बहुत मुशकिल होता है।
एल्कोहल का सेवन कम करें

एल्कोहल आपके लीवर की कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त कर सकता है जिससे फैटी लीवर, लीवर में सूजन, एल्कोहलिक हेपेटाइटिस और सिरोसिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अगर आपको पहले से ही लिवर से जुडी कोई समस्या है तो एल्कोहल को थोड़ा सा भी सेवन जानलेवा हो सकता है।
जरुरी है एंटीऑक्सीडेंट

एंटीऑक्‍सीडेंट्स फ्री रेडिकल्‍स को डेमेज होने से रोकता है। पत्‍ता गोभी, गाजर, गोभी, सोयाबीन, स्‍प्राउट और फिश ऑयल आदि में खूब सारा एंटीऑक्‍सीडेंट होता है।
ना लें तनाव

तनाव से कई शारीरिक बीमारियां होती हैं। इससे पाचन तंत्र को हानि पहुंचती है और बुरी लत जैसे, धूम्रपान और शराब पीने की लत भी लग जाती है। इसलिए तनाव को दूर करने के लिए खुद को व्यस्त रखने की कोशिश करें।
व्यायाम

नियमित रुप से व्यायाम करने वाले लोग लीवर से संबंधित बीमारियों से बचे रहते हैं। मिसौरी यूनिवर्सिटी(एमयू) के 'स्कूल ऑफ मेडिसिन' द्वारा किए गए एक नए शोध से पता चला है कि दिनचर्या में अचानक परिवर्तन आने और उसके गतिहीन हो जाने से लीवर पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। मोटापे से ग्रस्त कम से कम 75 प्रतिशत लोग लिवर संबंधी नॉन अल्कोहलिक फैटी डिजीज नामक बीमारी से प्रभावित होते हैं।