बच्चों में पढ़ने की आदत को कैसे करें विकसित
पढ़ोगे-लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे-कूदोगे बनोगे खराब, यह सिर्फ जुमला ही नहीं बल्कि हकीकत है, इसलिए बच्चों के मन में पढ़ाई के प्रति रूझान बचपन से ही डालना चाहिए, आइए हम आपको बताते हैं बच्चों में पढ़ने की आदत का विकास कैसे करें।

सुनहरे और उज्ज्वल भविष्य के लिए पढ़ाई बहुत जरूरी है। हालांकि बच्चों के लिये तो ये चीजों की समझ बनाने की शुरूआत भी होती है। ऐसे में आपके लिए सबसे बेहतरीन कामों में से एक होता है अपने बच्चे का रुझान पढ़ाई के प्रति कैसे बढ़ायें। जब आपका बच्चा पढ़ना सीखता है तो वो आपके लिए बहुत ही अद्भुत अनुभव होता है। लेकिन बच्चे अगर पढ़ने से मन चुराते हैं या आसानी से पढ़ाई नहीं करते हैं, तो कुछ ट्रिक्स की मदद से अभिभावक उनकी खास मदद कर सकते हैं।
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बच्चों को पढ़ाने-लिखाने में की गयी मेहनत ही उनका भविष्य संवारने में बड़ा महत्व होता है। साथ ही इससे उन्हें ढेर सारी खुशियां भी मिलती हैं। कुछ लोगों के लिए ये उनके बचपन की सुनहरी यादें हैं, जब उनके माता-पिता उन्हें किताबें पढ़कर सुनाया करते थे।
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बच्चे में शुरू से ही पढ़ने की आदत डालने के लिए जरूरी है कि उन्हें अनुशासन सीखाया जाए, जिसके लिए आपको भी वही डिसिप्लिन अपनाना होगा। हर रोज शाम को पार्क आदि में जाने के साथ-साथ यदि आप अपने बच्चे को किसी लाइब्रेरी में लेकर जाएंगे तो वह पढ़ना साखेगा। नयी किताबें और लाइब्रेरी का माहौल उसे पढ़ने के लिए प्रेरीत करेगा।
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अपने बच्चे रोज अच्छी और नयी-नयी किताबों से रूबरू करवाएं। यह किसी भी तरह की किताबें हो सकती हैं, जैसे जानवरों की कहानी से लेकर किसी पारंपरिक या ऐतीहासिक कहानी, या फैरी टेल आदि। महत्वपूर्ण बात यह है कि बच्चे को उसी की उम्र के हिसाब से किताबें मोहैया कराई जाएं। आप अपने बच्चे से भी पूछ सकते हैं कि किस तरह की किताबें में उसकी अधिक रुची है।
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बच्चे पर अपनी पसंद की किताब थोपें नहीं, इस तरह से आपकी पसंद आपके बच्चे का उतनी रुचि नहीं बांध पाएगी। हो सकता है आपको पंचतंत्र की कहानी वाली किताबें पसंद हों और आपका बच्चा स्पाइडर मेन पढ़ना चाहता हो, तो उसे वही पढ़नें दें जो वह चाहता है। समझने की कोशिश करें कि यह अच्छी बात है कि वह पढ़ रहा है, समय के हिसाब से वह अपने लिए सही किताबें ढूंढना सीख ही लेगा।
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पढ़ने की आदत को परिवार की आदत बनाएं। बच्चे के आस-पास पढ़ने वाला माहौल पैदा करें। आप चाहे अखबार पढ़ें या कोई काल्पनीक किताब लेकिन किताबों को अपने घर का एक अहम हिस्सा बनाएं। किताब को आपके बच्चे के जिवन का हिस्सा बनाएं। जन्मदिन पर बाहर जाएं। किताबें खरीदें। बच्चे को गिफ्ट में किताबें दें जिससे बच्चे को पढ़ना एक जरूरी काम लगेगा।
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हिस्सा लेने के लिए अपने बच्चों को प्ररित करें और जो पढ़ा है उस पर उनके साथ चर्चा करें। आपको यह जानकर खुशी होगी कि आपका नन्हा-मुन्ना जल्द ही कई शब्दों को पहचानना, उन्हें सही तरीके से बोलना और उनका मतलब समझना सीख जाएगा। जो आप पढ़ते हैं उसके बारे में बच्चे के साथ चर्चा करने से वह ज़्यादा बेहतर ढ़ंग से सीख पता है।
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कई बार बच्चे किताबों में लिखी भारी-भरकम शब्दावली से डर जाते हैं। इसलिए जरूरी है कि बच्चों को ऐसी किताबें भी दी जाएं, जिनमें तस्वीरें हों। ये बच्चों को रोचक तो लगती ही हैं, साथ ही आजकल बच्चों के लिए कविता, राइम, कहानियों वाली डीवीडी भी आ रही हैं। उन्हें वह भी सुनाएं, इससे भी सकारात्मक असर पड़ता है।
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