एलर्जी के इलाज के घरेलू उपचार
एलर्जी के कई अलग-अलग प्रकार व कारण होते हैं। हालांकि एलर्जी का उपचार अनके कारणों पर निर्भर करता है लेकिन कुछ घरेलू उपायों की मदद से इसे दूर किया जा सकता है।

एलर्जी होने के कई कारण व प्रकार हो सकते हैं। अक्सर धूल मिट्टी या मौसम में आए बदलाव के कारण एलर्जी हो जाती है। एलर्जी किसी भी मौसम में हो सकती है, लेकिन मानसून के दिनों में ज्यादा परेशान करती है। दरअसल हमारा शरीर भी कुछ खास रसायन उद्दीपकों के प्रति अपनी असहज प्रतिक्रया को 'एलर्जी' के रूप में दर्शाता है। हालांकि एलर्जी का उपचार अनके कारणों पर निर्भर करता है लेकिन कुछ घरेलू उपायों की मदद से इसे दूर किया जा सकता है।

यूं तो एलर्जी किसी भी चीज से हो सकती है लेकिन स्किन स्पेशलिस्ट बताते हैं कि किसी एलर्जी के कारण जेनेटिक हो सकते हैं। माता-पिता, दादा-दादी या परिवार के किसी अन्य सदस्य से यह बीमारी बच्चों को मिल सकती है, जो उनके लिए परेशानी का कारण बन सकती है।

जिन बच्चों की माताओं में विटमिन ई की कमी होती है उन्हें एलर्जी जल्दी होती है। विशेषकर घर में आने वाली धूल व फूल-पौधों में मिलने वाले परागकणों से। इसलिए गर्भावस्था में गर्भवती महिलाओं को हरी सब्जियां और मेवे व विटमिन के अच्छे स्रोत वाली चीजें खानी चाहिए।

घर की बहुत सी ऐसी चीजें होती हैं जिनके साथ सावधानी रख कर बच्चों व बड़ों दोनों को एलर्जी से बचाया जा सकता है। जैसे कि धूल व मिट्टी एलर्जी का मुख्य कारण होती है। ये कण फर वाले खिलौनों व बिस्तर पर भी मिलते हैं। इस लिए ऐसी सभी चीजों को साफ रखना चाहिए और डीटौल आदि से धोना चाहिए।

नीम चढ़ी गिलोय के डंठल को छोटे टुकड़ों में काटकर इसका रस हरिद्रा खंड चूर्ण के साथ 1.5 से 3 ग्राम नियमित रूप से लेने पर पुरानी से पुरानी एलर्जी में लाभ होता है।

गुनगुने निम्बू पानी सुबह-सुबह नियमित पीने से शरीर सें विटामिन-सी की मात्रा की पूर्ति होती है, और एलर्जी के कारण होने वाले नजला-जुखाम जैसी समस्याओं को दूर किया जा सकता है।

एलर्जी की समस्या से बचने व इसे दूर करने के लिए घर में ही मौजूद अदरख, काली मिर्च, तुलसी के पत्ते, लौंग व मिश्री को मिलाकर बनायी गयी 'हर्बल चाय' पीनी चाहिए। इस चाय से न सिर्फ एलर्जी से निजात मिलती है बल्कि एनर्जी भी मिलती है।

एलर्जी की समस्या से बचने के लिए या एलर्जी होने पर खटाई एवं अचार के नियमित सेवन से बचना चाहिए। साथ ही धूल, धुएं व फूलों के परागकण आदि के साधे संपर्क से बचाव करना चाहिए। साथ ही बहुत ठंडी व गर्म चीजों के सेवन से भी बचना चाहिए।

बरसात के मौसम में होने वाले वायरल संक्रमण के कारण 'फ्लू' जनित एलर्जी को दूर करने के लिए रोज चार ताजे नीम के पत्तों को चबाना चाहिए। कर दूर किया जा सकता है। साथ ही नमक पानी से 'कुंजल क्रिया' एवं 'नेती क्रिया" कफ दोष को दूर कर पुराने से पुराने एलर्जी को दूर करने में मदद करती है।

त्वचा की एलर्जी के लिए नींबू के रस को आप नारियल तेल में मिला कर भी लगा सकते हैं। इसको लगा कर पूरी रात ऐसे ही लगा रहने दें। इसे नीम के पानी से धोएं, यह एंटी बैक्टीरियल होता है इसलिए यह किसी भी त्वचा संबंधित बीमारी को दूर कर सकता है।
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