सीने में जलन और एसिडिटी के लिए सर्वश्रेष्ठ घरेलू उपचार
सीने में जलन या एसिड रिफ्लक्स और एसिडिटी की समस्या के समाधान के लिए कुछ घरेलू उपचार भी सहायक सिद्ध हो सकते है। आइए जानें ऐसे ही कुछ उपायों के बारे में।

सीने में जलन या एसिड रिफ्लक्स और एसिडिटी बहुत ही आम समस्या है, जो अक्सर हमारे खाने का मजा खराब कर देती हैं। हालांकि इन समस्याओं के प्रभावी उपचार के लिए कई तरह की दवाएं उपलब्ध है। लेकिन इस समस्या के समाधान के लिए कुछ घरेलू उपचार भी सहायक सिद्ध हो सकते है। आइए जानें ऐसे ही कुछ उपायों के बारे में।

अदरक भारतीय रसोई का लोकप्रिय मसाला है। लेकिन, साथ ही पाचन शक्ति बढ़ाने में भी इसका कोई सानी नहीं। सीने में जलन के इलाज में भी बहुत कारगर होता है। ताजा अदरक को चबाने या अदरक वाली चाय एसिड रिफ्लक्स को कम करती है।

सीने में जलन से बचने के लिए बेकिंग सोडा अद्भुत प्राकृतिक उपाय है। इस समस्या को कम करने के लिए आप एक गिलास पानी में एक चम्मच बेकिंग सोडा को मिलाकर पी सकते हैं। लेकिन आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि इसका सेवन बहुत जल्दी-जल्दी न करें क्योंकि इसमें नमक बहुत ज्यादा होता है। जो आपके हृदय को नुकसान पहुंचा सकता है।

प्रोबायोटिक्स दही में पाया जाने वाला फायदेमंद बैक्टीरिया पेट में सूक्ष्म वनस्पति में संतुलन बना कर रखता है इससे एसिडिटी से राहत मिलती है। यह पाचन तंत्र में सुधार कर भविष्य में होने वाली इस तरह की समस्याओं की आशंकाओं को कम करने में मदद करता है।

एलोवेरा में जलन को कम करने और एसिडिटी से तुरन्त राहत प्रदान करने की अद्भुत क्षमता होती है। आप एलोवेरा जूस को पानी में मिलाकर ले सकते हैं। अपने आहार में इसे जोड़कर आप कई तरह के स्वास्थ्य लाभ पा सकते है।

कई अध्ययनों से यह बात स्पष्ट हुई है कि पेट के बल या दायीं करवट करवट करके सोने से पेट पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है जिससे एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों में वृद्धि हो सकती है। इसलिए पेट सम्बंधी समस्याओं से राहत पाने के लिए लेफ्ट साइड सोना चाहिए।

शहद का इस्तेमाल कई घरेलू उपचारों में किया जाता है। एसिडिटी से निजात पाने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है। पेट की समस्या होने पर पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर दिन में कई बार पीने से आप बेहतर महसूस करेगें।

एक लीटर पानी में एक छोटा चम्मच नींबू का रस और दो चम्मच शहद मिलाकर लें। अच्छे परिणाम के लिए इस मिश्रण को दिन के दौरान खत्म करें। नींबू और शहद दोनों मिलकर एसिड रिफ्लक्स का इलाज जल्द ही कर सकते हैं।

हर भोजन के बाद च्युइंगम खाने से सलाइवा के उत्पादन में वृद्धि होती है। सलाइवा के उत्पादन की अतिरिक्त राशि भोजन नली में एसिड के स्तर को कम करती हैं। एसिड रिफ्लक्स से बचने का यह एकमात्र उपाय नहीं है। बहुत ज्यादा च्युइंगम चबाने से समस्या बढ़ भी सकती है।

एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर चेरी एसिडिटी के इलाज में मदद करती है। विटामिन सी और पोटैशियम का अच्छा स्रोत होने के कारण यह पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करती हैं। एसिड रिफ्लक्स और एसिडिटी से बचने के लिए आप चेरी को जरूर खाएं।

अगर आपको एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों को अनुभव कर रहे हैं तो पहली चीज जो आपको चैक करनी चाहिए वह है आपकी बेल्ट। टाइट बेल्ट पेट पर दबाव डालती है और आप रिफ्लक्स में असुविधा का अनुभव करते है। अपनी बेल्ट को ढीला कर आप कुछ राहत का महसूस करेंगे।
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