डायबिटीज मेलिटिस के लिए घरेलू उपचार
डायबिटीज का अर्थ है प्रवाहित होना और मेलिटिस का शुगर। शुगर प्रवाहित होना डायबिटीज कहलाता है। इसमें रोगी के ब्लड में जरूरत से ज्यादा शुगर बनने लगती है।

डायबिटीज को आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में डायबिटीज मेलिटिस कहते है। ये दोनों शब्द की उत्पति लैटिन भाषा से हुई हैं। लैटिन में डायबिटीज का अर्थ है प्रवाहित होना और मेलिटिस का शुगर। शुगर प्रवाहित होना डायबिटीज कहलाता है। इसमें रोगी के ब्लड में जरूरत से ज्यादा शुगर बनने लगती है। किसी एक निश्चित मात्रा तक रक्त में शर्करा का होना, शारीरिक क्रिया-कलापों के लिए नितान्त आवश्यक माना जाता हे। लेकिन किसी भी पदार्थ का आवश्यकता से अधिक होना सदा हानिकारक माना गया है। लेकिन कुछ घरेलू उपायों द्वारा ब्लड में आवश्यकता से अधिक बनने वाले शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है।
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ग्रीन टी डायबिटीज के लिए बहुत फायदेमंद होती है। ग्रीन टी में मौजूद पॉलीफिनोल नामक मजबूत एंटी-ऑक्सीडेंट शरीर में फ्री रेडिकल्स को दूर कर ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके अलावा ग्रीन टी में विटामिन सी, पोटेशियम, आयोडीन, कॉपर और विटामिन बी भरपूर मात्रा में होता है। ग्रीट में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट दिल की बीमारियों को दूर करने, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ने, कैंसर के खतरे को कम करने और ग्लूकोज और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी मदद करता है। इसके अलावा यह फैट को जलाकर चयापचय दर में सुधार करने में मददगार होता है। एक शोध के अनुसार, नियमित रूप से दिन में दो बार ग्रीन टी पीने से शुगर के स्तर को लगभग 50 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।
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यह डायबिटीज मेलिटिस में ग्लूकोज के स्तर को कम करने में बहुत मददगार होती है। सेम की फली में आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस और विटामिन 'ए' पाया जाता है। डायबिटीज में एक मुठ्ठी सेम की फली को थोड़े से पानी में उबाल लें। ठंडा होने के बाद इसे फिज्र में रख दें। आप स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें ताजा नींबू की कुछ बूंदे मिला सकते हैं। इस मिश्रण को दिन में तीन बार भोजन से पहले लें। यह बहुत ही हल्के ग्लूकोज की चाय है।
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इसके स्वास्थ्य लाभों के बारे में लगभग हर कोई जानता है। प्याज भारतीय भोजन का अहम हिस्सा है। इसके स्वास्थ्य लाभों के बारे में लगभग हर कोई वाकिफ हैं। प्याज में अधिक मात्रा में मौजूद फ्लेवोनॉयड्स रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में सकारात्मक भूमिका निभाते हैं। शोधकर्ताओं का दावा है कि कच्चा प्याज खाने से शरीर में इंसुलिन उत्पन्न करता है जो डायबिटीज मेलिटिस के रोगी के लिए बहुत ही लाभदायक होता है।
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लहसुन डायबिटीज रोगियों के लिए किसी अमृत से कम नहीं है। लहसुन के स्वाद और गंध के लिए उत्तरदायी एलिसिन की पर्याप्त मात्रा रक्त में ग्लूकोज के अतिरिक्त स्तर को कम करने में मदद करती है। इसके साथ ही लहसुन में बीटा-सेल इंसुलिन के स्तर को काबू में रखते है, जिससे उच्च रक्त शर्करा को काबू किया जा सकता है। डायबिटीज को रोकने के लिए लहसुन का नियमित सेवन काफी फायदेमंद होता है। यह शरीर में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने के साथ ही हृदय को भी सेहतमंद रखता है।
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यह मसाला डायबिटीज मेलिटिस को नियंत्रित करने में सबसे अधिक कारगर होता है। यह शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। विभिन्न शोधो के अनुसार, दालचीनी, शरीर की सूजन को कम करने और इंसुलिन स्तर को नियंत्रित करता है। दालचीनी पाउडर की एक चुटकी को आप खाने, चाय या फिर गर्म पानी में मिक्स करके ले सकते हैं।
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भारतीय करौदा डायबिटीज के लिए एक आदर्श घरेलू उपाय है। एक ताजा कप लौकी के रस में करौदे की एक बड़ी चम्मच को मिलाकर नियमित रूप से पीने से इंसुलिन का स्राव प्राकृतिक रूप से उत्तेजित होता है। इस तरह से यह रक्त शर्करा के स्तर को कम कर देता है। मधुमेह रोगियों में नेत्र जटिलताओं के विकास को रोकता है।
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आंवले में विटामिन सी, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन और विटामिन बी बहुत अधिक मात्रा में होता हैं। इसलिए इसे अपनी डाइट में शामिल करना बहुत अच्छा रहता है। साथ ही आंवले में क्रोमियम की भरपूर मात्रा डायबिटीज के मरीजों के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है। क्रोमियम इंसुलिन बनाने वाले सेल्स को सक्रिय करता है और इस हॉर्मोन का काम शरीर में ब्लड शुगर को कंट्रोल करना होता है। डायबिटीज के रोगियों के लिए आंवला सेहत के खजाने से कम नहीं है।
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डायबिटीज के मरीजों के लिए नियमित रूप से पालक का सेवन काफी फायदेमंद है। इससे शरीर को ग्लूकोज स्तर को सामान्य रखने वाले ग्लाइकेमिक इंडेक्स का स्तर कम होता है। साथ ही पालक में विटामिन सी और आयरन अच्छी मात्रा में हैं जो शरीर का मेटाबॉलिज्म ठीक रखता हैं जिससे कैलोरी तेजी से कम होती हैं। इसके अलावा, पालक में मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में होता है। विभिन्न शोधों के अनुसार डायबिटीज मेलिटिस को रोकने में मैग्नीशियम बेहद मददगार होता है।
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