हृदय स्वास्थ्य

हृदय में किसी भी प्रकार की अनियमितता या हृदय गति बढ़ जाना या धड़कन के तेज होने की स्थिति को हार्ट पलपटिशेन कहते हैं। इस समस्या से बचने के लिए आप चाहें तो कई तरह के हर्ब की मदद ले सकते हैं। ये हर्ब हृदय को स्वस्थ रखने के साथ ही रक्तचाप की समस्या से भी निजात दिलाते हैं। आइए जानें कौन से हैं वो हर्ब ।
ओरेगेनो

यह हर्ब पौटेशियम का एक अच्छा स्रोत है। शरीर के अंगों और कोशिकाओं के लिए यह एक अच्छा तत्व है। यह हृदय की तेज धड़कनों को नियंत्रित करता है और रक्तचाप जैसी गंभीर समस्या से भी छुटकारा दिलाता है। यह ओमेगा-3 फैटी एसिड का प्राकृतिक स्रोत है जो कि हृदय रोग को दूर रखने में मददगार होता है।
ग्रीन टी

नियमित रुप से ग्रीन टी का सेवन करना दिल के लिए फायदेमंद हो सकता है। अमेरिकी हार्ट एसोसिएशन की पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक यदि आप हर रोज ग्रीन टी का सेवन करते हैं तो हृदयाघात का खतरा काफी हद कम हो सकता है।
लहसुन

हृदय रोगियों के लिए लहसुन बेहद फायदेमंद मानी जाती है। यह कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम करने में सहायक है। इसके सेवन से रक्त संचार में व्यवधान नहीं आता तथा रक्त की धमनियों में लचीलापन बना रहता है। भोजन के बाद कच्चे लहसुन का सेवन या इसे दूध में उबाल कर पीना इस रोग में बेहद लाभकारी है। दिल के मरीजों को लहसुन का नियमित सेवन जरूर करना चाहिए।
हॉथोर्न

वैज्ञानिक शोधों के मुताबिक हॉथोर्न की मदद से रक्तचाप को कम किया जा सकता है। उच्च रक्तचाप हृदय के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि रक्तचाप बढ़ने से ऑक्सीजन की सप्लाई में समस्या आती है।
लेवेंडर

लेवेंडर ऑयल में एंटीबैक्टेरियल, एंटीसेप्टिक तत्व पाए जाते हैं जो हृदय की मांसपेशियों को स्वस्थ रखते हैं। लेवेंडर के प्रयोग से हृदय धमनियां स्वस्थ और मजबूत रहती है जिससे आप भी स्वस्थ बने रहते हैं।
अलसी

अलसी के बीज में ओलिक एसिड के अलावा आमेगा 3 फेटी एसिड जो हृदय को स्वस्थ रखते हैं। इसके अलावा अलसी में कुछ मात्रा में चीनी, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, लोहा, जिंक फॉस्फोरस भी पाया जाता है। इसमें कोलेस्ट्रॉल व सोडियम की मात्रा कम तथा रेशे की मात्रा प्रचुर होती है।
चोकेबेरी

चोकेबेरी में विटामिन ए, सी और के पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक यह हृदय से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में काफी मददगार होता है। एंटीऑक्सीडेंट का गुण होने के कारण यह रक्त चाप और एलडीएल की मात्रा को भी कम करता है।
जिनसेंग

यह इम्यून सिस्टम के लिए जरूरी तत्व है। तमाम शोधों में पाया गया है कि जिनसेंग का प्रयोग करने वाले लोगों में रक्तचाप का खतरा कम होता है साथ ही वे हृदय रोग से भी बचे रहते हैं।
काली मिर्च

काली मिर्च में पिपराइन होते है जो कोलेस्ट्रोल को कम करता है और हृदय की गतिविधि को बढ़ाता है। जिन लोगों को एक बार हार्ट अटैक हो चुका है वे काली मिर्च की मदद से हृदय को स्वस्थ रख सकते हैं।