मलेरिया से बचने के 7 सबसे आसान और सरल उपाय
मलेरिया दरअसल एक प्रकार के परजीवी प्लाज्मोडियम से फैलने वाली बीमारी है, इसका वाहक मादा एनाफिलीज मच्छर होता है, इसकी रोकथाम के लिए क्यों न इन फुल प्रूफ तरीकों को उठायें और इस बीमारी से बचाव करें।

मानसून और गर्मी के मौसम में होने वाली बीमारी है मलेरिया, इसकी रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाना आवश्यक है। मलेरिया दरअसल एक प्रकार के परजीवी प्लाज्मोडियम से फैलने वाला रोग होता है। इसका वाहक मादा एनाफिलीज मच्छर होता है। जब संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है तो संक्रमण फैलने से उसे मलेरिया हो जाता है। लापरवाही या सही इलाज न होने पर मलेरिया काफी खतरनाक साबित हो सकता है, और इसमें इंसान की जान भी जा सकती है। बेहतर है कि आप मलेरिया से बचव के उपायों को जानें और उन्हें अपनायें भी। तो चलिये जानें मेलेरिया से बचाव के कुछ कारगर तरीके।

मौनसून या गर्मी में खुद को अच्छी तरह से हाइड्रेट रख कर आप मलेरिया को मात दे सकते हैं। इन दिनों में शरीर गर्म रहता, जिसे निकालना बेहद आवश्यक हो जाता है। इसके लिये आपको दिर भर में पर्याप्त पानी पीने के अलावा नारियल पानी, जूस आदि भी पीने चाहिये।

ऐसी जगह जहां पर कूड़ा या गंदगी पड़ी हो, वहां पर ना जाएं क्योंकि वह जगह मच्छरों के पनपने की अच्छी जगहें होती हैं। साथ ही शाम के समय भी पार्क आदि में न जाएं और घर पर ही रहें।

हल्के रंग के कपड़ों पर मच्छर कम पास आते हैं, जबकि गहरे रंग के कपड़ों पर वे आकर्षित होते हैं। तो हल्के रंगे के तथा फुल आस्तीन के कपड़े पहन कर आप मलेरिया से बचे रह सकते हैं।

अपने दरवाजे और खिड़की पर पतली जालियां लगवाएं व घर में भी मच्छरदानी के अंदर ही सोएं। इससे आप मच्छरों के प्रकोप से बच पाएंगे। चाहे दिन हो या रात, आपको मच्छरदानी के अदंर ही सोएं। छोटे बच्चों के साथ तो विशेष सावधानी रखें।

फुल आस्तीन के कपड़े पहने और जहां पर कपड़े नहीं पहन सकते हैं, वहां पर सिंट्रोनेला तेल वाली क्रीम लगाएं। ये आपको मच्छरों से बचने में मदद करेगा। आप इस तेल को पानी में मिलाकर जमीन पर पोछा भी लगा सकते हैं।

मच्छरों की संख्या बढ़ने के साथ ही मलेरिया का संक्रमण भी बढ़ने लगता है। इसलिये मच्छरों की रोकथाम करना जरूरी होता है। मच्छरों के प्रजनन के लिये बारिश का मौसम सबसे अनुकूल होता है इसलिए मानसून के आते ही मच्छरों से बचाव के उपाय कर लें। पानी को खुले स्थानों पर इकट्ठा न होने दें, नालियों की साफ सफाई रखें और कूलर के पानी को हर हफ्ते बदलें। इससे मादा मच्छर अण्डे नहीं दे पाएंगी।

यदि कंपकंपी के साथ तेज बुखार आये तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर रक्त जांच कराएं और उपचार लें। घरेलू उपचार के तौर पर रोजाना तुलसी की पत्तियों को चबाकर खाने से भी मलेरिया से बचाव किया जा सकता है। मलेरिया में हल्का भोजन करना ही बेहतर रहता है।
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