'जल ही जीवन है'

'जल ही जीवन है' यह कहावत तो आपने सुनी ही होगी। मानव शरीर की बनावट में 70 प्रतिशत पानी होता है। पानी न सिर्फ हमारी प्यास बुझाता है बल्कि कई बीमारियों के इलाज में भी मददगार होता है। इस स्‍लाइड शो के जरिये आप पानी से होने वाले स्‍वास्‍थ्‍य लाभों के बारे में जान पायेंगे।
100 समस्याओं का एक ही हल जल

जल में न्यू ट्रियंट्स होते हैं जो शरीर से गंदगी को साफ करते हैं। प्रदूषण और अनहेल्‍दी खाने से न जाने हर रोज हमारे अंदर कितनी गंदगी जाती है। पानी इस तरह की गंदगी को शरीर से बाहर निकालता है और जब शरीर में विषैले तत्‍व ही नहीं रहेंगे तो बीम‍ारियां भी पास नहीं आएगी। जानकार मानते हैं कि हर घंटे एक गिलास पानी पीने से कई बीमारियों को दूर रखा जा सकता है।
त्वचा को रखे जवां

पानी की कमी से त्‍वचा बेजान हो जाती है, इसलिए खिली त्‍वचा पाने के लिए भी पानी पीना बहुत जरूरी होता है। पानी त्वचा के ऊतकों को फिर से भरता है, त्वचा को नमी और लचीलापन प्रदान करता है। दूसरे शब्दों में आप कह सकते है कि पानी त्वचा का प्राकृतिक पोषक है। सेल्यूलर ब्रेकथ्रू में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के प्रो. हॉवर्ड मुराद के अनुसार, पर्याप्त पानी पीकर आप 10 साल ज्यादा जवान और सुंदर दिख सकते हैं और इसे खुद महसूस भी कर सकते हैं।
सिरदर्द सताये तो पानी अपनायें

शरीर में पानी की कमी के कारण सिरदर्द होने लगता है। एक अनुमान के अनुसार, आज लगभग 90 प्रतिशत लोगों में सिरदर्द निर्जलीकरण के कारण होता है। आमतौर पर लोग लगातार होने वाले सिरदर्द से बचने के लिए दवाओं का सहारा लेते है। लेकिन सिरदर्द की दवाओं के सेवन से बचना चाहिए। दवा के स्‍थान पर नियमित रूप से पर्याप्‍त पानी पीने से लगातार होने वाला सिरदर्द गायब हो जाता है।
मनचाहा फिगर पाने का राज है पानी

अगर आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते तो आपके शरीर में मेटाबालिज्म की गति धीमी हो जाती है। इसलिए फैट को जलाने के लिए पानी आवश्यक है। प्रतिदिन कम से कम 8 से 10 गिलास पानी पियें। इससे अतिरिक्त चर्बी कम करने में मदद मिलती है। अमेरिकन केमिकल सोसाइटी की एक स्टडी के अनुसार, भोजन से पहले पर्याप्त पानी पीने से 75 से 90 कम कैलोरी का सेवन होता है। इससे तीन महीने में लगभग 2.25 किलोग्राम तक वजन कम हो सकता है।
अस्थमा का आसान इलाज

फेफड़ों में जल वाष्प की कमी के कारण फेफड़े सिकुड़ने लगते हैं, जिससे फेफड़ों में म्यूकस बनता है और अस्थमा के अटैक की सम्भावना बढ़ जाती है। चिकित्सकों का मानना है कि अस्थमा के मरीज़ों को प्रतिदिन कम से कम 10 गिलास पानी पीना चाहिए।
आप स्वस्थ और पेट भी खुश

हम सभी जानते हैं कि चेहरे पर पानी के छींटे डालने से चेहरे पर चमक आती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पानी पीने से आपका पाचन तंत्र भी प्राकृतिक रूप से ठीक रहता है। भोजन को पचाने के लिये हमारा पेट एंजाइम का उत्पा़दन करता है, जो एसिडिक होता है। पानी से पेट में बनते एसिड से निजात पायी जा सकती है इसलिए पेट को ठीक रखने के लिए पानी का सेवन अधिक मात्रा में करें।
एनर्जी दे और एसिडिटी भगाए

खाने को पचाने के लिये हमारा पेट एंजाइम बनाता है, जो एसिडिक होते हैं। इसलिये ठीक प्रकार से पानी न पीने पर पेट ठीक नहीं रहता और पेट में एसिड बनता रहता है। पानी में न्‍यूट्रियंट्स होते हैं जो शरीर से गंदगी को साफ करते हैं और उसे एनर्जिटिक बनाए रखते हैं। इसलिये खुद को हाइड्रेट रखने के लिये खूब पानी पियें।
गंदगी को बाहर निकाले और मेटाबॉलिज्म बढाए

जल्दबाजी, भाग-दौड़ या स्वाद के चलते हम दिन में कितना कुछ उल्टा-सीधा खाते हैं। पानी पीने से यह सब गंदगियां शरीर से निकाल जाती हैं। जरूरत के हिसाब से पानी न पीने से शरीर की काम करने की क्षमता घट सकती, वह थक जाता है और उसका मेटाबॉलिज्‍म धीमा पड़ने लगता है। पानी पीने से मेटाबॉलिज्‍म ठीक होता है।
किड़नी को स्वस्थ बनाएं

पानी का पर्याप्‍त मात्रा में सेवन करने से किडनी में स्‍टोन नहीं बनता और किडनी स्‍वस्‍थ रहती है। साथ ही यूरीन के माध्‍यम से शरीर में बनने वाला यूरिया नाइट्रोजन भी निकल जाता है जिससे किडनी को कोई भी खतरा नहीं रहता है।