सावधान! कहीं इन हेल्दी फूड को गलत तरीके से तो नहीं खाते हैं आप
बहुत से ऐसे हेल्दी फूड हैं जिन्हें हम गलत तरीके से खाते हैं और गलत तरीके से खाने के कारण उसके पौष्टिक गुणों से हम महरूम रह जाते हैं।

आज के लोग अपने स्वास्थ्स को लेकर इतने जागरूक हो गये हैं कि हेल्दी फूड को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया है। और हो भी क्यों न हेल्दी फूड शरीर को मजबूत बनाता है तथा रोगों से लड़ने के लिए आपकी इम्यूनिटी को स्ट्रॉग बनाता है। लेकिन अच्छी सेहत के लिए हेल्दी खाना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि सही तरीके से खाना भी बहुत जरूरी होता है। जी हां बहुत से ऐसे हेल्दी फूड हैं जिन्हें हम गलत तरीके से खाते हैं और गलत तरीके से खाने के कारण उसके पौष्टिक गुणों से हम महरूम रह जाते हैं। आइए जानें कौन से है ऐसे फूड।

सुबह उठने के बाद गर्मा-गर्म चाय की चुस्की हर कोई लेना चाहता हैं। और हम से से ज्यादातर लोग दूध की चाय पीना पसंद करते है। लेकिन क्या आप जानते हैं चाय पीने के इस तरीके से चाय के सारे पौष्टिक गुण आपको नहीं मिल पाते हैं। एक शोध के अनुसार सामान्य काली चाय में दूध मिलाने से इसके सारे पौष्टिक गुण समाप्त हो जाते हैं। दरअसल, दूध में मौजूद कैसीन प्रोटीन, चाय के असर को कम कर देता है। इसलिए इसकी बजाय हर्बल या ग्रीन टी का सेवन करें।

निसंदेह ब्रोकली आपके शरीर के लिए बेस्ट फूड में से एक है! पोषक तत्वों से भरपूर ब्रोकली सेहत के साथ-साथ वजन कम करने में भी मदद करती है। लेकिन क्या आप इसे खाने का सही तरीका जानते हैं शायद नहीं। जी हां ब्रोकली को सही तरीके से बनाने के तरीके के बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। 2008 में हुए एक अध्ययन के अनुसार, ब्रोकली को स्टीम करके इस्तेमाल करना सबसे अच्छा होता है। लेकिन उबालना और तलना सबसे खराब तरीकों में से एक है।

सेब में एंटीऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा के अलावा इसमें पाये जाने वाले पॉलीफिनोल और फ्लेवोनोइड्स दिल की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सेब के बीच के जिस हिस्से को आप बेकार समझकर फेंक देते हैं, यह आपके स्वास्थ्य के लिए कितना फायदेमंद होता है। इसलिए अगली बार सेब के बीच के हिस्से को फेंके नहीं।

अक्सर लोग गाजर को कच्चा, काट कर खाते हैं। लेकिन एक शोध में पाया गया कि अगर गाजर को बिना काटे उबाला जाए और फिर उसके टुकड़े किए जाएं तो न केवल कैंसर का खतरा कम होता है, बल्कि स्वादिष्ट भी लगती है। न्यू कैसल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि बिना उबली, कटी हुई गाजर की तुलना में उबली हुई गाजर में कैंसर विरोधी तत्व ज्यादा होता है। साथ ही उबली हुई गाजर में मिठास भी ज्यादा होती है।
Image Source : Getty
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।