आहार जो रखें आंखों की चमक बरकरार
डाइट का आंखों पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है, इसलिए अपने आहार में कुछ खाद्य पदार्थों को शामिल कर आप अपनी आंखों को स्वस्थ रख सकते है।

वैसे तो मानव शरीर में सभी अंगों का अपना महत्व है, लेकिन आंखों का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है। हमारी सुन्दरता में चार चांद लगाने के साथ आंखे हमें दुनिया की खूबसूरती से भी रूबरू कराती है। यह जितनी सुंदर होती है, उतनी ही नाजुक भी। इसलिए आंखों का स्वस्थ और निरोगी होना बहुत जरूरी है। जरा सी लापरवाही इन्हें कई प्रकार की समस्याओं से घेर सकती हैं। लेकिन घबराइए नहीं क्योंकि डाइट का आंखों पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है, और अपने आहार में कुछ खाद्य पदार्थों को शामिल कर आप आंखों को स्वस्थ रख सकते है।

केल (एक प्रकार की गोभी) पालक, और दूसरी पत्तेदार सब्जियों में एंटी-ऑक्सीडेंट, जियेक्सेंथिन और लुटिन की मौजूदगी के कारण इसमें मैक्युला होता है। यह आपकी आंखों को हानिकारक किरणों से बचाता है। साथ ही हरे पत्तेदार सब्जियों में प्राकृतिक सनब्लॉक और एंटी-ऑक्सीडेंट होने के कारण यह ब्लू लाइट को सोख लेता है, जो रेटिना के लिए हानिकारक होती हैं। अगर आपको भी आंखों की रोशनी को सही रखना है तो आप जल्द से जल्द हरी सब्जियां खानी शुरू कर दें। कई रिसर्च के अनुसार, जियेक्सेंथिन और लुटेन कम होने की वजह से आंखों की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।

सबसे स्वादिष्ट और बेहतरीन गुणों वाले अनाज में कॉर्न, आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसमें जियेक्सेंथिन, लुटिन और एंटीऑक्सीडेंट की मौजूदगी आपकी आंखों के लिए बहुत अच्छा होती है। आधा कप कॉर्न खाने से आपको लगभग 1.8 ग्राम पिग्मेंट मिलता है। यह मोतियाबिंद और आंखों में पीलेपन को कम करता है। साथ ही कॉर्न में विटामिन सी, विटामिन बी5, विटामिन बी1 और फोलेट भी होता है। आप कॉर्न को सलाद, सूप या उबाल कर खा सकते है।

कई शोधों के अनुसार, दवाई खाने से अच्छा है कि आप डाइट में एंटी-ऑक्सीडेंट चीजों को शामिल करें। और टमाटर में लाइकोपीन नामक अच्छा एंटी-ऑक्सीडेंट होता है। शोध के अनुसार, लाइकोपीन रेटिना और आंखों की रोशनी के लिए फायदेमंद है। लाइकोपीन आंखों के सेल्स को डैमेज होने से बचाता है। साथ ही इसमें विटामिन सी की अधिक मात्रा के कारण इसके सेवन से आंखों की रोशनी तेज होती है। आप टमाटर को स्मूदी, सूप, सलाद, जूस और सब्जी में मिलाकर खा सकते हैं।

आंखों की देखभाल के लिए गाजर सबसे ज्यादा जरूरी है। गाजर विटामिन 'ए' का अच्छा स्रोत है, और एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होने के कारण, यह आंखों के सेल और रेडिकल्स को डैमेज होने से बचाती है। साथ ही गाजर खाने से मोतियाबिंद और भेंगापन की समस्या कम होती है। इन सबके अलावा गाजर में फाइबर और पोटैशियम अधिक होता है। गाजर की सब्जी, सलाद, स्मूदी, सूप और जूस बना कर पी सकते हैं।

ऑलिव ऑयल बालों और त्वचा की तरह आंखों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। ऑलिव ऑयल पोषक तत्वों को शरीर में अवशोषित करने का काम करता है। ऑलिव ऑयल में भरपूर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट आंखों को कई प्रकार की बीमारियों से बचाता है। अध्ययन के अनुसार, आहार में संतृप्त और ट्रांस वसा की कमी रेटिना रोगों को रोकने में मदद करते हैं। और ऑलिव ऑयल में संतृप्त वसा कम है और कोई ट्रांस वसा नहीं होता है।

अगर आपको शक्करकंदी पसंद है तो खूब खाइए। क्योंकि आंखों को स्वस्थ रखने के लिए शक्करकंदी बहुत मददगार होती है। शक्करकंदी में बीटा-कैरोटीन आंखों के लिए अच्छा होता है। गाजर, टमाटर व अन्य सब्जियों की तरह शक्करकंदी भी विटामिन ए, विटामिन सी, फाइबर, मैंगनीज और पोटैशियम का अच्छा स्रोत है। अगर आप शक्करकंदी खाते हैं तो आपके शरीर को लगभग 200 बीटा-कैरोटीन और 28 प्रतिशत मैंगनीज मिलता है।

स्वस्थ आंखों के लिए सबसे अच्छे और स्वादिष्ट खाद्य पदार्थों में टर्की सबसे अच्छा है। यह विटामिन बी नियासिन और जिंक दोनों से समृद्ध है और अविश्वसनीय रूप से बहुमुखी है। आप इसका उपयोग बीफ और चिकन दोनों के विकल्प के रूप में कर सकते हैं। इसके अलावा टर्की बहुत ज्यादा महंगा भी नहीं होता है। नियमित रूप से भोजन में टर्की के सेवन से आंखे स्वस्थ और मोतियाबिंद की समस्या से बची रहती है। इसके अलावा टर्की जिंक से भरपूर होने के साथ विटामिन बी, नियासिन, फास्फोरस, प्रोटीन और सेलेनियम से भी समृद्ध होती है। इसमें कोलेस्ट्रॉल और संतृप्त वसा की मात्रा कम है, और उच्च प्रोटीन के कारण स्वस्थ आहार का हिस्सा है।

अमेरिका के हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के अध्ययनकर्ता विलियम क्रिस्टेन के अनुसार, मछली खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है जो कि छोटी-छोटी खून की नलियों को खराब होने से बचाती हैं। शोध बताते हैं कि भोजन में ओमेगा-3 वसा अम्लों को लेने से उम्र सम्बंधी दृष्टिहीनता से बचा जा सकता है। सालमोन और टूना मछलियों में ये फैट अम्ल प्रचुर मात्रा में मिलते हैं, जो उम्र के साथ आंखों की मांसपेशियों में आने वाली विकृतियों को रोकते हैं।
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।