सिंगल मदर के लिए हेल्दी ईटिंग प्लान
बच्चों की परवरिश करना दुनिया के सबसे मुश्किल कामों में शामिल है। इस मुश्किल काम कि जिम्मेदारी निभाते वक्त सिंगल मदर को जरुत है कि अपना खान-पान स्वस्थ रखें।

सिंगल मदर की जिम्मेदारी
अकेली मां जिम्मेदारी का पर्याय होती हैं। उनकी परेशानियां खाने की मेज पर भी साफ देखी जा सकती हैं। कामकाज का दबाव, परिवार का दायित्व और घर का बजट। जी, हां! जब सिंगल मदर यानी अकेली मां अपने परिवार के लिए फैमिली फ्रेंडली फूड बजट बनाती हैं तो उनके लिए ये किसी चुनौती से कम नहीं होता। इस लेख में हम अकेली मांओं के लिए फैमिली फ्रेंडली खानपान हेतु कुछ सलाहों पर चर्चा करेंगे।

प्लानिंग करें
आप सोचेंगे कि आखिर हेल्दी फूड बनाने के लिए भला कैसी प्लानिंग। असल में प्लानिंग हेल्दी फूड खरीदने में है। सिंगल मदर के लिए यह एक बड़ी समस्या है। उन्हें चाहिए कि वे खानपान सम्बंधी तमाम किस्म की छूट पर नजर रखें। ऐसा करने से प्लानिंग करने में आसानी होती है। इसके बाद हेल्दी खाना और बच्चों की सेहत को ध्यान में रखना आवश्यक है। अपनी प्लानिंग में अमल करने के लिए आपको चाहिए अपने बजट पर कायम रहें। जिन खाद्य पदार्थों को अपनी सूची में शामिल किया है, उन्हें ही लें। रेस्टोरेंट्स के बजट भी अलग से तैयार रखें।

बजट में टिकी रहें
अपनी प्लानिंग को यदि आप ईमानदारी से अमलीजामा पहनाना चाहती हैं तो बहुत जरूरी है कि बजट में टिकी रहें। सिंगल मदर इस बात से भलीभांति परिचित होती हैं कि घर के अंदर की जिम्मेदारी सहित बाहर की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है। मतलब यह कि कमाने का जिम्मा भी उन्हीं के सिर होता है। ऐसे में बजट से बाहर जाना सिंगल मदर के लिए चुनौती सरीका हो सकता है। महंगी और सस्ती चीजों के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए बजट में टिकी रहें।

चलते-फिरते आहार
अब आप सोच रही होंगी कि आखिर ये किस किस्म के आहार हैं? आपको बताते चलें कि आजकल समय का अभाव है। सिंगल मदर की बात की जाए तो उनसे बेहतर इस बात को कोई नहीं समझ सकता है। यही कारण है कि घर में बैठकर आरामतलब स्थिति में नाश्ता करना मुश्किल हो गया है। ऐसे में चलते-फिरते ऐसे आहारों को अपनी सूची में शामिल करें जिन्हें आप रोल बनाकर कार में, बस या मेट्रो में लेकर खा सकें। हालांकि इस तरह के आहार डिनर में नहीं लिया जाना चाहिए। यदि मजबूरी हो तो हेल्दी आहार ही लें। यदि मांसाहारी हैं तो चिकन का रोल अपनी सूची में शामिल किया सकता है।

फैमिली फ्रेंडली आहार
सिंगल मदर को अपने बच्चों की अतिरिक्त देखरेख की जरूरत होती है। साथ ही बच्चों की ख्वाहिशों और चाहतों का भी ध्यान रखना होता है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि आजकल बच्चे घर की तुलना में रेस्तरां का खाना ज्यादा पसंद करते हैं। ऐसे में जरूरी है कि मां बच्चों के लिए घर में ही रेस्तरां जैसा खाना बनाएं। अब सवाल उठता है कि घर में भी यदि अतिरिक्त तेल और घी का आहार बनाया जाता है तो वह अनहेल्दी यानी अस्वस्थ आहार में सम्मीलित हो जाता है। इस स्थिति से बचने के लिए सिंगल मदर को चाहिए कि वे थोड़ी रचनात्मक बनें। मतलब साफ है कि उन्हें कम तेल और ज्यादा सब्जियों के साथ स्वादिष्ट व्यंजन बनाना है ताकि आहार फैमिली फ्रेंडली बन जाए।
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