जानें कितना हानिकारक है पाउच वाला पानी
पाउच वाला पानी पीने का सीधा असर सेहत पर पड़ता है। इसलिए इस पानी को पीने से बचना चाहिए। आइए इस स्लाइड शो के माध्यम से जानें कि पाउच वाला पानी सेहत के लिए कैसे और कितना हानिकारक हो सकता है।

गर्मी के दिन आते ही पाउच वाले पानी की मांग बढ़ जाती है। अगर आप भी प्यास बुझाने के लिए पाउच वाला पानी पीते हैं तो सावाधान हो जाये। जीं हां क्या आप जानते हैं, बस स्टैंड या दूसरे सार्वजनिक स्थानों पर पाउच में मिलने वाला पानी आपकी सेहत बिगाड़ सकता है। इसलिए पानी का सेवन जरा सोच-समझकर ही करें। क्योंकि पाउच को खुलेआम अमानक तौर पर बेचा जा रहा है। और तो और न तो इनमें बनने की तारीख लिखी होती है और न ही एक्सपायरी डेट। इतना ही नहीं शहर में मिलने वाले अधिकांश पानी के पाउच बिना हॉलमार्क के भी बिक रहे हैं। दूसरी तरह डॉक्टर की राय है कि पाउच के पानी को पीने से बचें क्योंकि इसका सीधा असर सेहत पर पड़ता है। आइए इस स्लाइड शो के माध्यम से जानें कि पाउच वाला पानी सेहत के लिए कैसे और कितना हानिकारक हो सकता है।
Image Source : 3.imimg.com

पानी पाउच तैयार करने से पहले पानी की शुद्धता आंकी नहीं जाती है। जहां ब्लीचिंग पाउडर एवं फिटकरी को मात्रा के हिसाब से उपयोग किया जाना चाहिए और नियम के अनुसार पाउच तैयार करने से पहले पानी में निर्धारित मात्रा में उच्च गुणवत्ता युक्त फिटकरी डाली जानी चाहिए। 24 घंटे तक मानक स्तर की फिटकरी पानी में रहने के बाद फिल्टर मशीन से पानी को शुद्ध किया जाना चाहिए। इसके बाद ही पैकिंग तैयार करना होता है। लेकिन पाउच वाले पानी को बनाने में ऐसे किसी मापदंड को अपनाया नहीं जाता है।
Image Source : fsxklbz.com

गर्मी के दिनों में बस स्टैंड सहित व्यस्त इलाकों में पान और कोल्ड ड्रिक्स के बिक्रेता पाउच का पानी बेचते हैं। ऐसे में वह अपने पास पानी का अच्छा खासा स्टाक कर लेते हैं। कई दुकानदारों तो पाउच की बोरियां की बोरियां भरकर स्टाक के रूप में रख लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि लंबे समय तक इन बोरियों में पाउच रखे रहने से पानी खराब हो सकता है।

एक फैक्ट्री रोजाना लगभग दस हजार लीटर पानी लाकर पाउच तैयार करती है। लेकिन सवाल उठता है कि इतना पानी उन्हें रोजाना कहां से मिल रहा है। सूत्रों का कहना है कि फैक्ट्रियों में आसपास के तालाबों तक का पानी लाकर उपयोग किया जा रहा है। जो हमारी सेहत के लिए हानिकारक होता है। यहां तक शहर में कई स्थानों पर मिलने वाले पानी पाउच का उपयोग करने पर हल्की बदबू वाला पानी भी मिलने की शिकायत होती है।

पाउच में मेन्युफैक्चरिंग डेट नहीं डाली जाती है। पता नहीं यह पानी पाउच कब पैक हुआ होगा और ग्राहक जब इसे खरीद कर पीएगा तो निश्चित ही पीलिया, हैजा जैसी संक्रामक बीमारियों का शिकार बनेगा। मिनरल वाटर पानी पाउच के नाम पर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है

पानी के पाउच पर ड्रिंकिंग वाटर लिखा होने और आईएसआई मार्क न होने पर कारोबारी के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। इसलिए पानी के कारोबारियों पाउच पर 'ड्रिंकिंग वाटर' लिखने की बजाय 'फॉर कुकिंग परपस' यानी खाना बनाने में उपयोग के लिए पानी लिखकर बेचते हैं। ड्रिंकिंग वाटर की जगह खाना बनाने के लिए उपयोग की बात लिखकर कंपनी खुद ही उस पानी को पीने लायक नहीं बता रही।
Image Source : 4.imimg.com

पानी को जिस पॉलीथिन में भरकर पाउच बनाया जा रहा है, वो भी मानक स्तर से कम पतली होने के कारण उसके कण पानी में घुल जाते हैं और पॉलीथीन का प्रयोग स्वास्थ्य के लिए कितना नुकसानदेह होता है, यह शायद हमें आपको बताने की जरूरत नहीं है।
Image Source : dhstatics.com

अगर आपको पाउच वाला पानी खरीदना पड़े तो पानी के पाउच पर आईएसआई मार्का जरूर देखें। साथ ही देखें कि पाउच का पानी आरओ से फिल्टर होकर चाहिए और पाउच पर निर्माण तारीख पर ध्यान दें। इसके अलावा यह भी देखें कि पाउच वाले पानी में कब एक्सपायर होगा, ये लिखा होना चाहिए। ज्यादा दिन पुराना पानी पाउच में न हो, इस बात का ख्याल रहे।
Image Source : wordpress.com
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।