सेहत से जुड़े इन 10 मिथ को छोड़ना अच्छा
सेहत के लिए क्या सही है और क्या नहीं, इसकी अवधारणा का निर्माण करने में सुनी-सुनाई बातों का भी महत्व होता है। हम अकसर उन बातों पर यकीन कर लेते हैं, जो हमें बताई जाती हैं। इनमें से कई का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं होता। आइए जानते हैं कौन सी हैं ऐसी दस

हर इनसान के कुछ विचार और विश्वास होते हैं। वे लगातार अपनी इन बातों को दोस्तों, रिश्तेदारों, और साथियों से बांटना चाहता है। जरूरी नहीं कि वे बातें सच ही हों। और जब मामला आपकी सेहत से जुड़ा हो तो किसी भी बात पर विश्वास करने से पहले आपको पूरी तरह आश्वस्त होना चाहिए। चलिए हम कुछ सेहत से जुड़ी ऐसी ही कुछ बातों को जानने की कोशिश करते हैं, जिनके पीछे की हकीकत शायद उनके प्रचलित रूप से काफी अलग है।

जी, बेशक जब आप कम रोशनी में पढ़ते हैं तो आपकी आंखों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। लेकिन, इस बात का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है कि इससे आपकी आंखों को क्षति पहुंचती है। हालांकि, आंखों में रूखापन आने के कारण आपको खुजली की शिकायत हो सकती है, लेकिन इससे ज्यादा और कुछ नहीं। यह बात हमारे बड़े-बुजुर्गों ने इसलिए कही होगी ताकि हम नाहक ही अपनी आंखों को थकाने से बचें।

यह बहुत प्रचलित मिथ है। और इसके पीछे की वास्तविकता का सही ज्ञान होना जरूरी है। लेकिन, शोध इस बात को प्रमाणित कर चुके हैं कि इन दोनों के बीच सीधा कोई संबंध नहीं है। हालांकि, यदि आपको सर्दी लगी हुई है, तो ऐसे में अपने गीले बालों को खुला छोड़ना जरूर हालत को खराब कर सकता है। खासकर सर्दी के मौसम में। बुखार और सर्दी आमतौर पर एलर्जी अथवा वायरल संक्रमण के कारण होते हैं। गीले बालों के कारण नहीं।

इस बात को शायद आपने कितनी ही बार सुना और पढ़ा होगा। लेकिन, हममें से कितने ही लोग ऐसे होंगे जो दिन में छह-सात गिलास पानी ही पीते हैं। उनके बारे में क्या कहा जाए। क्या आप जानते हैं कि जरूरत से ज्यादा पानी पीना आपके शरीर के जरूरी फ्लड्स को हल्का कर देता है। इससे शरीर में सेाडियम की मात्रा जानलेवा स्तर तक कम हो जाती है। आपको कितने पानी की जरूरत है यह जानने के लिए अपने शरीर के संकेतों को नजरअंदाज न करें। जब आपको प्यास न महसूस हो रही हो, तो बेकार में पानी न पियें।

पूरी तरह से झूठ। कोई भी शैंपू और कण्डीशनर यह चमत्कार नहीं कर सकता। बालों के दोमुंहेपन से बचने के लिए उनकी खास देखभाल की जानी चाहिए। आपको मछली, नट्स और डेयरी उत्पादों को अपने आहार का अहम् हिस्सा बनाना चाहिए। लेकिन, एक बार आपके बाल दोमुंहे हो गए हैं, तो नियमित अंतराल पर उन्हें ट्रिम कराना ही एकमात्र विकल्प है।

चॉकलेट के दीवानों को घबराने की जरूरत नहीं है। इसका एक्ने से कोई लेना-देना नहीं है। एक्ने की सबसे बड़ी वजह मृत त्वचा कोशिकायें और रोम छिद्रों में धूल-मिट्टी और बैक्टीरिया के जमना होती है। इसके अलावा हॉर्मोंस का असंतुलन भी इसका एक कारण होता है। त्वचा की इन समस्याओं की बड़ी वजह तैलीय और शर्करायुक्त भोजन होता है। इसे नियंत्रित करने के लिए खूब फल और सब्जियों का सेवन करना चाहिए। लेकिन चॉकलेट, खासकर डार्क चॉकलेट अपने एंटी-ऑक्सीडेंट्स गुणों और फ्लेवोनॉयड्स की वजह से बहुत फायदेमंद होती हैं।

शोध इस बात को पूरी तरह से नकारते हैं। अपने बच्चों को सिर्फ इसलिए मीठा देने से हाथ न रोकें कि यह खाने के बाद वे ज्यादा शरारती हो जाएंगे। हां, अगर चीनी या उससे बने पदार्थों का अधिक सेवन किया जाए, तो इससे आपका बच्चा मोटा हो सकता है और साथ ही इससे उसके दांत खराब हो सकते हैं।

पूरी तरह गलत। स्वास्थ्य विशेषज्ञ लगातार इस बात पर जोर देते हैं कि भूखे रहना असल में आपका वजन बढ़ा सकता है। एक वक्त का भोजन छोड़ने का अर्थ है कि अगली बार आप ज्यादा खाएंगे। इसके साथ ही इससे आप न केवल कई पोषक तत्वों से महरूम रहते हैं, बल्कि साथ ही समय पर भोजन न करने से मेटाबॉलिक रेट भी धीमी हो जाती है। यह बात तो आपको मालूम ही होगी कि धीमा मेटाबॉलिज्म वजन बढ़ने की बड़ी वजह है।

अधिकतर लोग या तो सर्दियों में सनस्क्रीन लगाने में आलस करते हैं, या वे यह मानते हैं कि सर्दियों में सनस्क्रीन की जरूरत नहीं होती। क्योंकि इस मौसम में सूरज की किरणें हानिकारक नहीं होतीं। जबकि हकीकत यह है कि सर्दियों में धरती सूरज के अधिक करीब होती है। और इसलिए यह आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती है। तो, भले ही सर्दियां हों, गर्मियां हों या बरसात, सनस्क्रीन लगाये बिना घर से बाहर न निकलें।

लो-फैट क्रीम, लो-फैट बटर, लो-फैट चिप्स। आप ये भोजन इसलिए चुनते हैं कि इन्हें खाने से आपको वजन कम करने में मदद मिलेगी। भले ही यह पूरी तरह से वसा युक्त भोजन के मुकाबले बेहतर विकल्प हों, लेकिन इनसे आपको वजन कम करने में कोई मदद नहीं मिलती। लो-फैट चिप्स कभी पौष्टिक आहार का विकल्प नहीं हो सकते।

यह एक और मिथ है। हालांकि, सामान्य सी बात यह है कि आपके शरीर का जो हिस्सा ढंका नहीं होगा, वहीं से शरीर की गर्मी बाहर निकलेगी। तो यदि आप बाहर निकलते समय सिर ढंककर जाते हैं और हाथ-पैर खुले होते हैं, तो आपके शरीर से गर्मी उसी हिस्से से निकलेगी।
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