गर्मी के मौसम में सेहत से जुड़े मिथ
लोग न जाने गर्मी के बारे में क्या-क्या कहते हैं। और हम न जाने क्या-क्या मानते हैं। लेकिन, इनमें से कौन सी बात कितनी सही है, यह तो वैज्ञानिक आधार पर ही बताया जा सकता है। जानते हैं ऐसे ही कुछ मिथ और उनके पीछे की हकीकत।

तापमान बढ़ रहा है। और साथ ही आपके लिए सेहतमंद रहने की चुनौतियों में भी इजाफा हो रहा है। गर्मी के दिनों में ठंडा रहने के आसान तरीके कौन से हैं। क्या, मीठे पेय पदार्थ और मक्खन गर्मियों में आपकी तकलीफ को कम कर सकते हैं। चलिये जानते हैं गर्मियों से जुड़े कुछ मिथ और उनके पीछे की वास्तविकता।

गर्मी में ठण्डे पानी का शॉवर लेना समझ में आता है। लेकिन, यह आपको उतना फायद नहीं देगा, जितना आप सोचते हैं। गर्मी से अचानक ठण्डे में जाने से शरीर को बिलकुल अलग तरह से काम करना पड़ता है। जब आप गर्मी से आकर अचानक ठंडे पानी का शॅावर लेते हैं, तो आपकी रक्त कोशिकायें कस जाती हैं, जिससे ठंडक आपके भीतर तक नहीं पहुंच पाती। तो बजाय कि आप ठंडे पानी से नहायें, बेहतर होगा कि आप नल के सामान्य पानी से ही शॉवर लें। यह गर्मी को मारने का सही तरीका है। सबसे अच्छा तो यही है कि आप किसी ठण्डे खाद्य पदार्थ का सेवन करें।

यदि आप इस मुगालते में हैं, तो चेत जाइए। सूरज की हानिकारक अल्ट्रावॉयलेट किरणें बादलों के आसानी से बादलों के आर-पार जा सकती हैं। इसलिए चाहे आकाश में बादल ही क्यों न छाये हों, बिना सनस्क्रीन लगाये घर से बाहर न निकलें। एसपीएफ 30 की सनस्क्रीन लगायें जिसमें जिंक ऑक्साइड अथवा टाइटेनिमय डायऑक्साइड जैसे तत्त्व हों।

गर्मियों के सभी पेय पदार्थ आपको सामान्य रूप से हाइड्रेट नहीं करते। कुछ पेय पदार्थ मूत्रवर्धक होते हैं, जिससे आपके शरीर में पानी की कमी भी हो सकती है। कैफीन युक्त पेय पदार्थ या सोडा, फ्रूट ड्रिंक्स जिनमें अतिरिक्त शर्करा हो, आपके शरीर के लिए अच्छे नहीं होते। उन्हें पचाने के लिए कोशिकाओं को अतिरिक्त पानी खर्च करना पड़ता है। तो, जिन ड्रिंक्स को आप प्यास बुझाने के लिए पीते हैं, दरअसल वे आपको अधिक प्यासा बनाते हैं। सबसे अच्छ है कि आप पानी, लो-फैट मिल्क, 100 फीसदी फ्रूट व वेजिटेबल जूस या हर्बल चय का सेवन करें। इसके अलावा आप नींबू का पानी भी पी सकते हैं।

अधिक गर्मी या सर्दी में व्यायाम करने के लिए आपके शरीर को उसी हिसाब से एडजस्ट करना पड़ता है। लेकिन, कैलोरी बर्न करने का अर्थ यह नहीं कि आप ज्यादा कैलोरीयुक्त भोजन का सेवन कर सकते हैं। मौसम कैसा भी हो, आपके शरीर का मेटाबॉलिज्म अंदर का तामपान सामान्य बनाये रखता है। जब आप गर्मी में व्यायाम करते हैं, तो आप अपने शरीर का तापमान उस स्तर तक ले आते हैं कि आप कुछ कैलोरी का उपभोग पसीना आने में करते हैं। लेकिन, आपका शरीर इसे तेजी से समायोजित कर लेता है। तो गर्मी में व्यायाम से अधिक कैलोरी बर्न नहीं होती।

ऐसा नहीं है। ज्यादा देर तक रोशनी रहने का अर्थ यह कतई नहीं कि इसका असर आपकी नींद के चक्र पर पड़ेगा। हमारा शरीर रोजाना आठ घंटे सोने के लिए तैयार होता है। तो, भले ही बाहर कितनी ही रोशनी हो, अगर आप अपने रोजमर्रा के सोने के वक्त पर बिस्तर पर जाते हैं, तो आपको नींद आ जाएगी। अगर फिर भी इससे आपकी नींद में खलल पड़ रहा है, तो रात में एक घण्टा पहले सोने जाएं। सभी तकनीकी उपकरण बंद कर दें और एक अंधेरे कमरे में चैन की नींद फरमायें।

एसी के ठण्डे कमरे से सुकून भरा गर्मी में और कुछ हो ही नहीं सकता। लेकिन, कुछ लोगों को लगता है कि इससे ठण्ड लगने का खतरा होता है। यह बात पूरी तरह बेबुनियाद है। ठण्ड वायरस के कारण लगती है, न कि ठण्डी हवा के कारण। हालांकि, यदि एयरकंडीशनर का फिल्टर समय पर नहीं बदला गया है, तो जिन लोगों को एलर्जी है, उनके संक्रमण में जरूर इजाफा हो सकता है। एयरकंडीशनर नमी कम कर देता है, जिससे साइनस सूख जाता है, जिससे कुछ लोगों को एलर्जी हो सकती है। इसके लिए एयरकंडीशनर के फिल्टर को समय-समय पर बदलते रहना चाहिए।

अगर आपके शरीर पर खुला कट का निशान हो, तो आपको समुद्र में नहीं जाना चाहिये। समुद्र के पानी में कई बैक्टीरिया होते हैं। यह गंदा पानी, मिट्टी और रेत आपको संक्रमित कर सकती है। हां कटे पर समुद्र के पानी चुटकी पर डाल लेना समझ में आता है, लेकिन सागर के पानी में जाना सही नहीं। संक्रमण से बचने के लिए आपको अपने जख्म को साफ पानी से धो लेना चाहिये।

जब आपकी त्वचा जल रही हो, तो उस पर मक्खन लगाने से काफी आराम महसूस होता है, लेकिन आपको ऐसा नहीं करना चाहिए। यह आग पर घी डालने जैसा ही होता है। जलन महसूस होने पर एलोवेरा जैल सबसे अच्छा होता है। इसके अलावा आप स्किम मिल्क में समान मात्रा में बर्फ का पानी मिलाकर उसे भी सनबर्न वाले क्षेत्र पर लगा सकते हैं। इस सॉल्युशन को 15 मिनट तक लगा रहने दें। इससे आपको काफी आराम होगा। इससे लालिमा और जलन कम होगी।

गर्मी के बाद आपके पास शॉवर में जाने का वक्त नहीं, तो आपने पूल में गोता लगा लिया। लेकिन, इससे कोई फायदा होने की उम्मीद नहीं। यदि आप इस बात को लेकर आशंकित हैं कि पूल में बैक्टीरिया को समाप्त करने के लिए पर्याप्त मात्रा में क्लोरीन है अथवा नहीं, तो फिर शॉवर लिये बिना बात नहीं बनेगी। अगर यह आपका निजी पूल है, तो बात दूसरी है। लेकिन साबुन लगाकर शॉवर लेने से डेड स्किन सेल्स और बैक्टीरिया भी खत्म हो जाते हैं। जो पूल में सम्भव नहीं।
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