वाई-फाई के स्वास्थ्य जोखिम

कॉफी हाउस हो या आपका दफ्तर या फिर एयरपोर्ट व कुछ अन्य खास जगहें, वाई-फाई की सुविधा लगभग हर जगह उपलब्‍ध है। और हो भी क्यों ना, ये इंटरनेट के इस्तेमाल को सहज जो बना देती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वाई-फाई के माध्यम से इंटरनेट का इस्तेमाल करने के कई कुछ स्वास्थ्य जोखिम भी हो सकते हैं। जी हां, कुछ अध्ययन बतलाते हैं कि वाई-फाई के इस्तेमाल से मानसिक स्वास्थ्य और खासकर बच्चों के विकास व सेहत पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। चलिये जानें कि वाई-फाई से क्या स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं।Images source : © Getty Images
गवाह हैं शोध के परिणाम

दुनियाभर के 200 से अधिक वैज्ञानिकों ने एक शोध के परिणामों के आधार पर बताया है कि वाई-फाई का इस्तेमाल सेहत, दिमाग और खासकर बच्चों पर तो काफी बहुत बुरा प्रभाव डाल सकता है। इन वैज्ञानिकों के अनुसार वाई-फाई कैंसर सहित कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। साथ ही इन वैज्ञानिकों ने यूनाइटेड नेशंस एनवायरमेंटल प्रोग्राम (यूनेप) से गुज़ारिश भी की है कि वाई-फाई व मोबाइल फोन के उपयोग को लेकर नए मानक तय किए जाने की जरूरत है। वैज्ञानिकों ने खासतौर पर वाई-फाई के इस्तेमाल को सुरक्षित बनाने की मांग की। गौरतलब है कि इन 200 वैज्ञानिकों में जेएनयू, आईआईटी, एम्स, दिल्ली यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज आदि के प्रोफेसर शामिल हैं।Images source : © Getty Images
कुछ इस तरह प्रभाव डालता है वाई-फाई

वैज्ञानिकों के मुताबिक जिस प्रकार माइक्रोवेव ओवन काम करता है, वाई-फाई से निकलने वाला रेडिएशन भी कुछ उसी प्रकार से काम करता है। दरअसल वायरलेस कनेक्टिविटी के लिए वाई फाई नेटवर्क, 2.4GHz और 5GHz की फ्रीक्वेंसी पर तरंगें फेंकता है। जिसका मतलब है कि लगातार इसके संपर्क का कुछ तो जोखिम जरूर संभव है। पेसमेकर इस्तेमाल करने वाले लोगों को इससे नुकसान हो सकता है। म्यूनिक स्थित जर्मनी हार्ट सेंटर के शोधकर्ता कार्सटन लेनर्ज के हालिया शोध के अनुसार पेसमेकर और मोबाइल फोन के बीच कम से कम 15 से 20 सेमी की दूरी होनी ही चाहिये। Images source : © Getty Images
क्या हो सकते हैं नुकसान

इसके कारण सोचने की क्षमता (खासतकर महिलाओं में) में कमी आ सकती है। 4जी रेडिएशन का दिमाग पर प्रभाव देखने के लिये जब एमआरआई तकनीक का उपोयग किया गया तो पता चला कि एकाग्रता, दिमाग के कई हिस्सों के कार्य करने की क्षमता को प्रभावित करता है। इसके अलावा लंबे समय तक इलेक्ट्रोमैग्नेट रेडिएशन के संपर्क से रहने पर दिमाग के काम करने के तरीके में बदलाव हो सकता है और अनिद्रा, डिप्रेशन, उच्च रक्तचाप बढ़ जाता है। पुरूषों की तुलना में महिलाओं के दिमाग पर इसका ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ता है। इसके कारण महिलाओं में गर्भधारण में समस्या हो सकती है। वहीं इसका लगातार संपर्क बच्चों में कोशिकाओं का विकास रोकता है। प्रोटीन सिंथेसिस का भी विकास बाधित करता है। Images source : © Getty Images
फ्रांस में हैं वाई-फाई के इस्तेमाल को लेकर खास कानून

वाई-फाई के अधिक इस्तेमाल के कारण सेहत को बढ़ते खतरों को मद्देनज़र रखते हुए फ्रांस में इसके इस्तेमाल को लेकर नया कानून लागू किया गया। डे-केयर सेंटर, क्रेच, किंडर गार्डन, बच्चों के अस्पताल आदि जगहों में वाई-फाई प्रतिबंधित होगा। प्राइमरी स्कूलों में भी केलव कंप्यूटर लैब में ही वाई-फाई की सुविधा होगी। इसके अलावा फ्रांस नेशनल फ्रिक्वेंसी एजेंसी रेडिएशन से खतरे वाली जगह की समीक्षा भी करेगा ताकि इससे हो सकते वाले दुष्प्रभावों को सीमित किया जा सके। इसके अलावा वाई-फाई एंटीना को लगाने के लिए पहले मेयर और नगर निगम अध्यक्ष से इसकी अनुमति लेनी होगी। Images source : © Getty Images