अंगूठा चूसने की आदत

3 से 6 महीने की उम्र के बच्चों में अक्सर अंगूठा चूसने की आदत की शुरुआत देखी गई है। पर कई बच्चों के साथ ये आदत उम्र बढ़ने के बाद भी बनी रहती है। सामान्य तौर पर 4 साल की उम्र के बाद बच्चे अंगूठा चूसने की आदत को छोड़ते हैं। लेकिन अगर आपका 4 साल के बाद भी ये आदत छोड़ नहीं पाया है तो ये गंभीर विषय है। कुछ बच्चों में ये आदत 12 से 15 साल की उम्र तक बनी रहती है। इस स्लाइडशो में हम आपको इसके पीछे का कारण और उससे निजात पाने का तरीका बता रहे हैं।Image Source-Getty
अंगूठा चूसने का कारण

मानसिक दवाओं के चलते बच्चे अंगूठा चूसना शुरू कर सकते हैं। व्यग्रता, आकुलता, मानसिक असुरक्षा, माता-पिता द्वारा बच्चों के प्रति प्रेम की कमी की वजह से इस आदत का शिकार होते हैं। यह आदत बच्चों में भूख से उत्पन्न नैराश्य दूर करने के लिए होती है। कई बच्चे ज़िद्द में आकर या भोलेपन में या किसी सोच और बेचैनी को शांत करने के लिए, अंजाने में अंगूठा चूसते रहते हैं|Image Source-Getty
अंगूठा चूसने के परिणाम

अंगूठा चूसने के कारण ऊपरी दांत की हड्डी बाहर की ओर आ जाती है।जुबान को बाहर की ओर धकेलने आदि के कारण भी बच्चों के दांत टेढ़े हो जाते हैं।ऊपर व नीचे के आगे के दांतों के बीच रिक्त स्थान रह जाता है। ऊपर के दांत बाहर की ओर उभरे हुए या निकले हुए हो जाते हैं। दांत अपने स्‍थान से खिसक सकते हैं और उसे खाने में समस्‍या हो सकती है। इसके अलावा एक समस्‍या ये हो सकती है कि बच्‍चे के सामने के दांत बाहर निकल सकते हैं।Image Source-Getty
कैसे छुड़ायें आदत

अंगूठे पर कड़वी या बेस्वाद चीज लगा दी जाए।यदि बच्चा जिस दिन या रात में खुद अंगूठा न चूसे तो उसे उत्‍साहित करे। बच्चे को मानसिक रूप से तैयार करें। इसमें बच्चे को स्नेह, अनुराग व मानसिक सुरक्षा की जरूरत होती है। बच्चे को लाड़ में और प्रेम से चुनौती देते हुए इस आदत को छोड़ने को कहें। उंगली पर पट्टी बाँधकर या इन अंगूठा चूसने से रोकने की चीज़ों का प्रयोग कर, आप अपने बच्चों की इस आदत को छुड़वाने में सफल हो सकते हैं।Image Source-Getty
मनोवैज्ञानिक तरीके से समझायें

बच्चों को अंगूठा चूसने के क्या क्या परिणाम हो सकते है इस बारे में जरूर बताएं। उन्हें समझायें कि ये आदत उन्हें बीमार कर सकती है। जिस उंगली को चूसा जा रहा है उसपर सूजन या संक्रमण होना, साँस में दिक्कत होना- ये सब अपने बच्चे को दिखायें।बड़े होकर टेढ़े या ऊँचे दाँतों पर तार लगवाने में कितना दर्द होता है, ये सब अपने बच्चे को बताएँ। उसे ये भी बतायें की बड़े होकर भी यदि वह इस आदत को नही छोड़ता तो उसके स्कूल/ कॉलेज में वह सबकी हँसी का पार्थ बन सकता है जो उसी को ठेस पहुँचाएगा। ऐसा करने पर आपका बच्चा ये आदत छोड़ेगा। आप चाहे तो डॉक्टर की मदद भी ले सकते है। Image Source-Getty