क्रिएटिनिन के उच्च व निम्न स्तर और रोग

क्रियेटिन, एक मेटाबोलिक पदार्थ है। यह भोजन को ऊर्जा में बदलने के लिये सहायता करता है और टूट कर क्रियेटिनन (जो व्यर्थ पदार्थ होता है) में बदल जाता है। दूसरे शब्दों में कहें तो, जब मेटाबोलिज्म प्रकिया द्वारा भोजन ऊर्जा में बदलता है, तो एक अन्य पदार्थ 'क्रिएटीन' का निर्माण होता है। यह क्रिएटीन विघटित होकर क्रिएटिनिन में बदल जाता है और फिर गुर्दे इसे रक्त में छान कर यूरिन के माध्यम से बाहर निकाल देते हैं। आमतौर पर किडनी क्रियेटिनन को छानकर रक्त से बाहर निकाल देती है। और फिर, यह वेस्ट पदार्थ मूत्र के साथ शरीर से बाहर निकल जाता है। लेकिन हाइ क्रिएटिनिन लेवल होने पर यह प्रक्रिया बाधित हो जाती है और यह किडनी के समस्याग्रस्त होने का संकेत हो सकता है। रक्त में क्रिएटिनिन के उच्च व निम्न दोनों स्तर कुछ न कुछ इशारा करते हैं। ध्यान रहे, रक्त और मूत्र में क्रिएटिनिन के स्तर अलग अलग होते हैं। इनसे कई शारीरिक समस्याओं का भी अंदाज़ा लगता है। तो चलिये विस्तार से जानें कि रक्त में क्रिएटिनिन के उच्च व निम्न स्तर किन विकारों की ओर इशारा करते हैं। - Images source : © Getty Images
क्रिएटिनिन एवं क्रिएटीन क्लियरेंस परीक्षण

किसी वयस्क पुरुष के रक्त में क्रिएटिनिन का सामान्य स्तर लगभग 0.6 से 1.2 मिलीग्राम प्रति लिटर प्रति दशमांश (डीएल) होता है। वहीं वयस्क महिलाओं में यह प्रति लिटर प्रति दशमांश 0.5 1.1 मिलीग्राम होता है। क्रिएटिनिन एवं क्रिएटीन क्लियरेंस (Creatinine and Creatinine Clearance) परीक्षण से रक्त एवं पेशाब में क्रिएटिनिन नामक इस अनुपयोगी पदार्थ के स्तर की जांच की जाती है। इन दोनों परीक्षणों की मदद से किडनी (गुर्दे) के ठीक प्रकार से काम करने या कोई समस्या होने आदि की जानकारी मिलती है। किडनी के ख़राब होने की स्थिति में क्रिएटिनिन की मात्रा पेशाब में कम और रक्त अधिक हो जाती है।Images source : © Getty Images
क्रिएटिनिन का निम्न स्तर और इसके संकेत

सामान्यतौर पर क्रिएटिनिन को किडनी द्वारा बाहर निकाल दिया जाता है। लेकिन किसी कारणवश किडनी के रोगग्रस्त हो जाने पर रक्त में क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ जाता है। रक्त में क्रिएटिनिन का स्तर कम होना किसी गंभीर समस्या को इंगित नहीं करता है, बल्कि इससे किडनी की कुशलता की जानकारी मिलती है। सामान्य रूप से कार्य कर रही किडनियों में मूत्र काक्रिएटिनिन स्तर, रक्त की तुलना अधिक होना चाहिये, क्योंकि मूत्र के माध्यम से ये बाहर निकलता रहता है। यदि मूत्र में क्रिएटिनिन का स्तर कम और रक्त में इसका स्तर उच्च है तो यह एक समस्या का एक संकेत है। Images source : © Getty Images
रक्त में उच्च क्रिएटिनिन स्तर और रोग

रक्त में उच्च क्रिएटिनिन स्तर निम्न कारणों से हो सकते हैं - गंभीर रूप से किडनियों की खराबी या किडनियों की पुरानी बीमारी।शरीर में पानी की कमी के कारण।मांशपेशियों में गंभीर चोट (Rhabdomyolysis), पॉलीमायोसिटिस, और बहुत ज्यादा व्यायाम आदि। मानसिक तौर पर आघात, रक्त चाप (Blood Pressure) कम होना, घातक रक्त स्त्राव और घातक संक्रमण आदि।इसके अलावा यह परेशानी कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता, हाइपोथायरायडिज्म और गर्भवस्था के कारण भी हो सकती है।Images source : © Getty Images
निम्न क्रिएटिनिन रक्त स्तर और रोग

लो ब्लड क्रिएटिनिन लेवल होने के निम्न कारण हो सकते हैं - यह मांशपेशियों के समूह की कमी (Muscular Dystrophy) के कारण हो सकती है। उम्र बढ़ना भी इसका एक कारण हो सकता है। किडनियों की घातक बीमारी या खान-पान में प्रोटीन की कमी। गर्भावस्था के दौरान भी क्रियेटिनिन का स्तर नीचे चला जाता है।Images source : © Getty Images