ये 5 जंगली फल हैं स्वाद और सेहत से भरपूर
आज हम आपको ऐसे फलों के बारे में बताने जा रहे हैं जो सेहत के लिए बेहद ही फायदेमंद होते हैं।

वैसे तो समय-समय पर हम आपको फलों के फायदों के बारे में बताते रहते हैं, लेकिन आज हम आपको ऐसे फलों के बारे में बताने जा रहे हैं जो शायद आपने बाजार में तो देखें होगें, लेकिन इनके पेड़ों को नहीं देखा होगा। जी हां यह जंगली फल बहुत ही कम देखने को मिलते हैं लेकिन यह आपकी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। आइए ऐसे ही 5 फलों के बारे में हम आपको बताते हैं।

फालसा एक मध्यम आकार का पेड़ है जिस पर छोटे बेर के आकार के फल लगते है। इसके फल स्वाद में खट्टे-मीठे होते है। गर्मियों में इसके फलों का शर्बत ठंडक प्रदान करता है और लू और गर्मी के थपेड़ों से भी आराम दिलाता है। आयरन की कमी होने पर फालसा के पके फल खाना चाहिए इससे ब्लड बढ़ता है। शरीर में त्वचा में जलन होने पर फालसे के फल या शर्बत को सुबह-शाम लेने से बहुत ही जल्द आराम मिलता है। फालसा के पके फलों के सेवन से शरीर के दूषित मल को बाहर निकाल आता है।
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शहतूत को मलबेरी के नाम से भी जाना जाता है। वनों के अलावा इसे सड़कों के किनारे और बाग-बगीचों में भी देखा जा सकता है। शहतूत में विटामिन-ए, कैल्शियम, फॉंस्फोरस और पोटेशियम अधिक मात्रा में मिलता हैं। इसके सेवन से बच्चों को पर्याप्त पोषण मिलता है। शहतूत को फल या शर्बत बनाकर भी पीया जा सकता है। शहतूत के फलों रस पीने से आंखों की रोशनी तेज होती है। शहतूत की तासीर ठंडी होती है जिसके कारण गर्मी में होने वाले सन स्ट्रोक से बचाव होता है। शहतूत का रस दिल के रोगियों के लिए भी लाभदायक है। गर्मियों में बार-बार प्यास लगने की शिकायत होने पर इसके फलों को खाने से प्यास शांत होती है।
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आमतौर पर करौंदे का इस्तेमाल सब्जी, चटनी, मुरब्बे और अ़चार के लिए किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि करौंदे में आयरन और विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। करौंदा भूख बढ़ाता है, पित्त को शांत करता है, प्यास रोकता है और दस्त को बंद करता है। सूखी खांसी होने पर करौंदा की पत्तियों के रस सेवन लाभकारी होता है। खट्टी डकार और अम्ल पित्त की शिकायत होने पर करौंदे के फलों का चूर्ण काफी फायदा करता है। करौंदा का फल खाने से मसूढ़ों से खून निकलना ठीक होता है, दांत भी मजबूत होते हैं।
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बेर का स्वाद खट्टा-मीठा होता हैं। बेर में फास्फोरस की कुछ मात्रा विद्यमान होती हैं। इसलिए इसे खाने से शरीर और दिमाग मजबूत होता हैं। बेर का सेवन करने से बाल तथा शरीर की हड्डियां भी मजबूत होती हैं, व्यक्ति की भूख बढती हैं। आंखों की रोशनी के लिए भी यह बहुत ही उपयोगी होता हैं। बेर का इस्तेमाल करने से पाचन तंत्र के आंत के कीड़े भी नष्ट हो जाते हैं। इसके अलावा बेर की तासीर ठंडी होती हैं। इसलिए यह पित्त को नष्ट करने के लिए उपयोगी होता हैं।
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काले-काले रसीले जामुन में एंटी-ऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं। इसके सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है। पाचन क्रिया के लिए जामुन बहुत फायदेमंद होता है। जामुन खाने से पेट से जुड़ी कई तरह की समस्याएं दूर हो जाती हैं। जामुन में फलेवोनॉइड्स प्रोटीन और कैल्शियम भी पाया जाता है। जो सेहत के लिए पायदेमंद होता है। इसके अलावा इसमें केरोटीन, आयरन, फोलिक एसिड, पोटेशियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और सोडियम भी पाया जाता है। इस वजह से यह शुगर लेवल मेंटेन रखता है। डायबिटीज रोगियों के लिए जामुन एक रामबाण उपाय है। जामुन के बीज सुखाकर और इसे पाउडर बनाकर खाने से डायबिटीज में काफी फायदा होता है।
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