व्हील-रोलआउट की मदद से ऐसे बनाएं कोर को मज़बूत और आकर्षक
मौजूदा समय में एब्स लड़कों की पर्सनैलिटी का अभिन्न हिस्सा बन गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एब्स बनने का मतलब सिर्फ बाहरी रूप से हैंडसम दिखना भर नहीं है। वास्तव में एब्स जितने आकर्षक बनते हैं, भीतरी रूप से वह हमें उतना ही मजबूत बनाते हैं। लेकिन एब

सिक्स पैक
सिक्स पैक के दीवाने यह जानते ही नहीं कि सिक्स पैक एब चीज क्या है? वे महज एक्सरसाइज करते हैं और खुद को आकर्षक दिखाने की कोशिश करते हैं। जबकि सिक्स पैक एब का मतलब होता है कि हम अंदर से भी स्ट्रांग बनें। वास्तव में एक्सरसाइज के जरिये भीतरी मसल्स को ताकतवर बनाया जाता है जो बारही रूप से आकर्षित दिखते हैं। गौर करें तो यही मसल्स हमें झुकने से लेकर छलांग लगाने तक में मदद करते हैं। अतः सिक्स पैक के दीवानों को भीतरी रूप से स्ट्रांग होना बहुत जरूरी है।
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ट्रांसवर्स एब्डोमिनिस
अगर कहें कि ट्रांसवर्स एब्डोमिनिस को सबसे ज्यादा स्ट्रांग होना होता है तो कतई गलत नहीं होगा। असल में ये हमारी रीढ़ की हड्डी को झुकने में मदद करता है। इसके अलावा ये रीढ़ की हड्डी को स्थायी बनाता है साथ ही उसे सुरक्षा भी प्रदान करता है। इसी के जरिये हम भारी चीजों को सहजता से उठा पाते हैं। वेट लिफ्टिंग भाषा में ट्रांसवर्स एब्डोमिनिस को शरीर का वेट बेल्ट कहा जाता है। यह हमारे पोस्चर्स को बेहतर बनाता है, मसल्स को संतुलित रखता है। यही नहीं यह लिफ्टिंग के दौरान इसकी भूमिका को नजरंदाज नहीं किया जा सकता।
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एब-व्हील रोलआउट
शरीर में दर्द हो, अकड़न हो। निश्चित रूप से ऐसी स्थिति में एक्सरसाइज करना किसी सजा की माफिक हो जाता है। लेकिन एब-व्ही रोलआउट ऐसी स्थिति में भी किया जा सकता है। इससे हमारे शरीर को ताकत मिलती है। साथ ही ऊपरी और निचले एब के लिए यह आवश्यक होता है। व्हील रोलआउट एक्सरसाइज ट्रांसवर्स एब्डोमिनिस को सक्रिय मोड में रहने में मदद मिलती है। आप इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि स्पाइन को हाइपरटेंशन से बचाता है और एब्डमन में मौजूद तमाम मसल्स को सक्रिय रखने में मदद करता है।
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लिफ्टिंग काबिलियत पर गौर करें
हमेशा एक्सरसाइज का यह नियम होता है कि थोड़े से ही शुरु करें। एक साथ किला फतह करने की कोशिश न करें। कहने का मतलब यह है कि हर समय अपने लिफ्टिंग काबीलियत पर गौर करें। आपको यह बताते चलें कि रोल आउट एक्सरसाइज आसान नहीं है। शुरुआत में रोलआउट एसरसाइज के लिए 5 मिनट का वार्मअप करें। अगर आप बेहतरन लिफ्टर हैं और रोलआउट करना आपके लिए मुश्किल नहीं है तो 5 सेट में 20 बार ही रोलआउट करें। आप जितना बेहतर रोलआउट कर पाएंगे, उतना ही भारी वजन उठाने में आपको मदद मिलेगी।
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इंस्ट्रक्टर के साथ ही करें
अगर आप एब्स के शौकीन हैं तो यह हैरानी की बात नहीं है। लेकिन यदि आप व्हील रोलआउट एक्सरसाइज बिना किसी इंस्ट्रक्टर के करेंगे तो यह चैंकाने की बात अवश्य है। ध्यान रखें कि हर एक्सरसाइज के नियम होते हैं। साथ ही उसकी सीमाओं के विषय में जानना भी जरूरी है। अतः व्हील-रोलआउट एक्सरसाइज करते हुए इंस्ट्रक्टर के साथ रहें। कहीं किसी भी प्रकार की समस्या के होने पर इंस्ट्रक्टर को सूचित करें। एक्सरसाइज के दौरान खानपान का आवश्यक रूप से ख्याल रखें। अगर आप वाकई एब्स के दीवाने हैं तो अपने इंस्ट्रक्टर से सलाह लें।
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