जानें स्‍वास्‍थ्‍य के लिए कितनी फायदेमंद है शंखपुष्‍पी

आयुर्वेद में हर तरह के रोगों व विकारों का रामबाण इलाज होने के वजह से यह बहुत ही प्रभावी औषधि मानी गई है। इस स्‍लाइडशो में इसके बारे में विस्‍तार से जानते हैं।

Devendra Tiwari
Written by:Devendra Tiwari Published at: Aug 16, 2016

शंखपुष्‍पी के गुण

शंखपुष्‍पी के गुण
1/6

औषधियां कई तरह की होती हैं और उनमें से एक बहुत ही गुणकारी औषधि है शंखपुष्पी। चूंकि शंख के समान आकृति वाले सफेद पुष्प होने से इसे शंखपुष्पी कहते हैं। यह दूध के समान सफेद फूल है। यह सारे भारत में पथरीली भूमि में जंगली रूप में पायी जाती है। इनमें से सफेद पुष्पों वाली शंखपुष्पी ही औषधि मानी गई है। आयुर्वेद में हर तरह के रोगों व विकारों का रामबाण इलाज होने के वजह से यह बहुत ही प्रभावी औषधि मानी गई है। इस स्‍लाइडशो में इसके बारे में विस्‍तार से जानते हैं। Image Source : ayurvitewellness.com

क्‍या है शंखपुष्‍पी

क्‍या है शंखपुष्‍पी
2/6

लैटिन में इसे प्लेडेरा डेकूसेटा के नाम से जाना जाता है। दिमागी कमजोरी, अनिद्रा, अपस्मार रोग, सुजाक, मानिकस रोग, भ्रम जैसी समस्‍याओं में इसका महीन पिसा हुआ चूर्ण 1-1 चम्मच सुबह-शाम मीठे दूध के साथ या मिश्री की चाशनी के साथ सेवन करने से इन सब रोगों से छुटकारा मिलता है। शंखपुष्पी के पंचांग जड, फल, फूल, तना, पत्ते का रस 4 चम्मच शहद के साथ सुबह-शाम रोजाना सेवन करने से कुछ महीनों में मिर्गी का रोग दूर हो जाता है।Image Source : ayurtimes.com

दिमागी बीमारी में

दिमागी बीमारी में
3/6

शंखपुष्‍पी दिमाग के लिए बहुत ही प्रभावी मानी जाती है। इसके सेवन से न केवल दिमाग की क्षमता बढ़ती है साथ यह एकाग्रता बढ़ाती है। पढ़ने वाले छात्रों के लिए यह बहुत ही गुणकारी औषधि मानी जाती है।

तेज बुखार होने पर

तेज बुखार होने पर
4/6

तेज बुखार के कारण कुछ रोगी मानसिक नियंत्रण खो देते है और अनाप सनाप बकने लगते हैं। ऐसी स्थिति में शंखपुष्पी और मिश्री को बराबर मात्रा में मिलाकर एक-एक चम्मच दिन में तीन या चार बार पानी के साथ देने से लाभ होता है और नींद भी अच्छी आती है।

उच्‍च रक्‍तचाप में

उच्‍च रक्‍तचाप में
5/6

उच्च रक्तचाप के रोगी को शंखपुष्पी का काढ़ा बना कर सुबह और शाम पीने से रक्‍तचाप सामान्‍य हो जाता है। दो कप पानी में दो चम्मच चूर्ण डालकर उबालें, जब आधा कप रह जाए उतारकर ठंडा करके छान लें, यही काढ़ा है। दो या तीन दिन तक पियें उसके बाद एक-एक चम्मच पानी के साथ लेना शुरू कर दें रक्तचाप सामान्य होने तक लेतें रहें।

बिस्तर गीला करना

बिस्तर गीला करना
6/6

कुछ बच्चे बड़े हो जाने पर भी सोते हुए बिस्तर में पेशाब करने की आदत नहीं छोड़ते हैं। एसे बच्चों को आधा चम्मच चूर्ण शहद में मिलाकर सुबह शाम चटा कर ऊपर से ठंडा दूध या पानी पिलायें। एक महीने तक ऐसा करने से इस समस्‍या से छुटकारा मिल जायेगा। Image Source : Getty

Disclaimer