सरसों के स्वास्थ्य लाभ
सरसों का तेल जीवाणुरोधी होता है। सरसों का तेल और दाने सदियों से भारतीय पकवानों का हिस्सा है। साथ ही इसकी पत्तियां भी बहुत फायदेमंद है। खाने में पौष्टिक और बहुपयोगी सरसों के औषधीय गुणों के बारे में हम आपको बताते हैं।

सरसों का तेल जीवाणुरोधी होता है। सरसों का तेल और दाने सदियों से भारतीय पकवानों का हिस्सा है। साथ ही इसकी पत्तियां भी बहुत फायदेमंद है। सरसों के तेल की मालिश के लिए भी इस्तेमाल करते है इसकी मालिश से रक्त-संचार बढ़ता है, मांसपेशियां विकसित और मजबूत होती है। बच्चों की भी सरसों के तेल से मालिश की जाती है। इससे उनकी त्वचा की बनावट में सुधार होता है। खाने में पौष्टिक और बहुपयोगी सरसों के औषधीय गुणों के बारे में हम आपको बताते हैं।

सरसों के तेल में ओलिक और लिनोलिक एसिड नामक फैटी एसिड पाए जाते है, जो बालों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इनसे बालों की जड़ो को पोषण मिलता है। हफ्ते में दो दिन इस तेल का इस्तेमाल बालों में करने से बालों का झड़ना कम हो जाता है।

सरसों में एलिल आइसोथियोसाइनेट के गुण मौजूद होते हैं। जो त्वचा विकारों के लिए सबसे अच्छे इलाज के रूप में काम करता है। साथ ही यह शरीर के किसी भी भाग में फंगस को बढ़ने से रोकता है।

अपनी गर्म प्रवृति के कारण सरसों का इस्तेमाल सर्दियों में बहुत ही फायदेमंद होता है। यह शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। सरसों शरीर को गर्माहट भी प्रदान करता है, अगर इसे सर्दियों में खाया जाए तो ठंड बिलकुल नहीं लगती।

सरसों के दानों को पीसकर शहद के साथ चाटने से कफ और खांसी समाप्त हो जाती है। इसके अलावा यह सर्दी, जुखाम, सिरदर्द और शरीर के दर्द में भी बहुत फायदा देता है।

सरसों के तेल को एक टॉनिक के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। इसका इस्तेमाल करने से शरीर की कमजोरी दूर होती है और कार्यक्षमता बढ़ती है। अगर आपके शरीर में भी कमजोरी बनी रहती हैं तो अपने आहार में सरसों को शामिल करें।

भूख कम लगने से शरीर में कमजोरी आ जाती है। कमजोरी को दूर करने और भूख को बढ़ाने के लिए सरसों के तेल का इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि यह तेल भूख बढ़ा कर शरीर में पाचन क्षमता को बढ़ाता है। अगर आपको भी भूख कम लगती हैं तो अपने खाने को सरसों के तेल में बनाना शुरु कर दीजिए।

सरसों के तेल में विटामिन ई होता है। जो त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसे त्वचा पर लगाने से सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाव होता है। साथ ही सरसों का तेल यह झाइयों और झुर्रियों से भी काफी हद तक राहत दिलाता है।

सरसों का तेल त्वचा पर लगाने से त्वचा को पोषण मिलता है और त्वचा नम हो जाती है। इसलिए जिन लोगों की त्वचा रूखी-सूखी है, वे लोग अपने हाथों, पैरों में तेल लगाने के बाद पानी से स्नान कर लें।

सरसों के तेल से मालिश करने से गठिया और जोड़ो का दर्द भी ठीक हो जाता है। अगर गठिया के रोगी सरसों के तेल में कपूर मिलाकर मालिश करें फायदा होगा। साथ ही अन्य किसी भी प्रकार के दर्द में इसके इस्तेमाल से फायदा होता है।

पायरिया के मरीजों के लिए भी सरसों बहुत फायदेमंद होता है। पिसा हुआ सेंधा नमक सरसों के तेल में मिलाकर प्रतिदिन मंजन करने से दांतों का हिलना और मसूड़ों से खून आना बंद हो जाता है। दांत साफ और मजबूत हो जाते हैं।
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