सेहत का खजाना 'मशरूम'

वेजिटेरियन हों या फिर नॉन वेजिटेरियन, मशरूम की सब्‍जी हर किसी को पसंद होती है। और भला हो भी क्यों ना, यह स्वास्थ्यवर्धक एवं औषधीय गुणों से युक्त रोगरोधक सुपाच्य खाध पदार्थ जो है। इसमें एमीनो एसिड, खनिज, लवण, विटामिन जैसे पौष्टिक तत्व होते हैं। चीन में तो इसे महौषधि एवं रसायन सदृश्य माना जाता है। वहीं रोम के लोग मशरूम को र्इश्वर का आहार मानते हैं। भारत में उगने वाले मशरूम की दो सर्वाधिक प्रसिद्ध प्रजातियां वाइट बटन मशरूम और ऑयस्टर मशरूम है।
प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाए मजबूत

मशरूम में मौजूद एंटी ऑक्‍सीडेंट हमें हानिकारक फ्री रेडिकल्‍स से बचाते हैं। मशरूम का सेवन करने से शरीर में एंटीवाइरल और अन्‍य प्रोटीन की मात्रा बढ़ती है, जो शरीर की कोशिकाओं को रिपेयर करता है। यह एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक है जो कि माइक्रोबियल और अन्‍य फंगल संक्रमण को भी ठीक करता है।
हृदय रोगों से बचाव

मशरूम में हाइ न्‍यूट्रियंट्स पाये जाते हैं, इसलिये ये दिल के लिये भी अच्‍छे होते हैं। साथ ही मशरूम में कुछ प्रकार के एंजाइम और रेशे पाए जाते हैं जो हमारे कोलेस्‍ट्रॉल लेवल को कम करते हैं।
कैंसर के लिए मशरूम

मशरूम का सेवन करने से प्रोस्‍टेट और ब्रेस्‍ट कैंसर से बचाव होता है। क्योंकि इसमें बीटा ग्‍लूकन और कंजुगेट लानोलिक एसिड होता है जो कि एक एंटी कासिजेनिक प्रभाव छोड़ते हैं। कई शोध भी इस बात का समर्थन करती हैं कि मशरूम में मौजूद तत्व कैंसर के प्रभाव को कम करते हैं।
मधुमेह

मधुमेह रोगियों के लिए मशरूम उत्तम आहार माना जाता है। मशरूम में शर्करा (0.5 प्रतिशत) और स्टार्च की मात्रा बहुत कम होते हैं। इनमें वो सब कुछ होता है जो किसी मधुमेह रोगी को चाहिये। मशरूम में विटामिन, मिनरल और फाइबर होते हैं। साथ ही इमसें फैट, कार्बोहाइड्रेट और शुगर भी नहीं होती, जो कि मधुमेह रोगी के लिये जानलेवा है। यह शरीर में इनसुलिन के निर्माण में भी मदद करता है।
मोटापा से बचाए

मशरूम में लीन प्रोटीन होता है जो कि वजन घटाने में मददगार होता है। मोटापा कम करने वालों को प्रोटीन डाइट लेने की सलाह दी जाती है, जिसके लिए मशरूम खाना बेहतर विकल्पों में से एक माना जाता है।
मैटाबॉलिज्म करे मजबूत

मशरूम में विटामिन 'बी' होता है जो कि भोजन को ग्‍लूकोज़ में बदल कर ऊर्जा पैदा करता है। विटामिन बी-2 और बी-3 भी मैटाबॉलिज्‍म को दुरुस्त रखते हैं। इसलिए मशरूम खाने से मैटाबॉलिज्‍म बेहतर बना रहता है।
पेट के विकार करे दूर

ताजे मशरूम में पर्याप्त मात्रा में रेशे (लगभग 1 प्रतिशत) व कार्बोहाइड्रेट तन्तु होते हैं, इसका सेवन करने से कब्ज, अपचन, अति अम्लीयता सहित पेट के विभिन्न विकारों से बचाव होता है। साथ ही इसके सेवन से शरीर में कोलेस्ट्राल एवं शर्करा का अवशोषण भी कम होता है।
हीमोग्लोबिन रखे ठीक

मशरूम का सेवन रक्त में हीमोग्लोबिन के स्तर को बनाये रखता है। इसके अलावा इसमें बहुमूल्य फोलिक एसिड प्रचुर मात्रा में होता है जो केवल मांसाहारी खाध पदार्थो में होता है। अत: लौह तत्व एवं फोलिक एसिड के कारण यह रक्त की कमी की शिकार अधिकांश शाकाहारी ग्रामीण महिलाओं एवं बच्चों के लिये ये सर्वोत्तम आहार है।
कुपोषण से बचाए

मशरूम गर्भवस्था, बाल्यावस्था, युवावस्था तथा वृद्धावस्था तक सभी चरणों में उपयोगी माना जाता है। इसमें मौजूद प्रोटीन, विटामिन, खनिज, वसा तथा कार्बोहाइड्रेट बाल्यावस्था से युवावस्था तक कुपोषण से बचाते हैं। इसलिए डॉक्टर भी इसे खाने की सलाह देते हैं।