सेहत के लिहाज से बहुत फायदेमंद है लेमनग्रास
एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेंटरी, एंटी-सेप्टिक और विटामिन सी जैसे औषधीय गुणों से भरपूर लेमनग्रास कई रोगों से लड़ने की क्षमता होती है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थो को नष्ट करता है और शरीर को स्वच्छ करने में मदद करता है। आइए लेमन ग्रास के अन्य स्वास्

लेमनग्रास के फायदे
यह आमतौर पर उत्तर भारत में उगाया जाता है। इसे चाय में डालकर पीने का चलन है। लेमनग्रास अपने खास गुणों जैसे एंटीऑक्सीडेंट, जीवाणुरोधी प्रवृत्ति के लिए जानी जाती है। इसमें अनाल्जेसिक गुण भी होते हैं, इसलिए यह विभिन्न प्रकार के दर्द में भी लाभकारी है। लेमन ग्रास शरीर, जोड़ों, सिर और मांसपेशियों के दर्द से निजात दिलाती है और स्ट्रेस से भी बचाती है। लेमनग्रास निर्मित हरी चाय में कई रोगों से लड़ने की क्षमता होती है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थो को नष्ट करता है और शरीर को स्वच्छ करने में मदद करता है। सामान्य खांसी, जुकाम और थकावट के लिए यह एक असरकारक औषधि है। साथ ही यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है व तनाव से निपटने में सक्षम बनाती है।
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बुखार, कफ और सर्दी में फायदेमंद
इसे चाय के साथ लेना चाहिए, क्योंकि यह बुखार, कफ और सर्दी में फायदा करता है। इसमें प्रतिऑक्सीकारक और विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है, इसलिए यह शरीर के कुछ मूलभूत तत्वों को संतुलित करता है। ताजे या सूखे दोनों तरह के लेमन ग्रास का प्रयोग किया ज सकता है। इसका तना पत्तेदार प्याज की तरह होता है। जब इसे टुकड़ों में काटा जता है, तब इसकी खट्टी सुगंध फैलती है। इसका फ्लेवर नींबू की तरह होता है। लेमन ग्रास की जगह इसकी छाल का भी प्रयोग किया जा सकता है, पर उसकी सुगंध उतनी ताजी नहीं रहती।
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कैंसर का रामबाण इलाज
नींबू घास में कैंसर सहित कई बीमारियों से छुटकारा दिलाने वाले गुण होते है। इसमें अद्भुत एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते है। जिसके कारण मानव शरीर में कई गंभीर रोगों के लिए जिम्मेदार अणुओं के स्वरूप में परिवर्तन लाकर उन्हें न सिर्फ स्थिर किया जाता है बल्कि कुछ मामलों में यह रोगाणुओं को अपने में समाहित भी कर लेती है।
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पेट संबंधी बीमारियों का करें इलाज
लेमनग्रास में एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों के कारण इसमें बुखार, पेट संबंधी बीमारियों और अर्थराइटिस समेत विभिन्न बीमारियों के अणुओं के घातक स्वरूप को परिवर्तित करने और निष्क्रिय करने की क्षमता विद्यमान होती है। यह फ्री रेडिकल को अपने में समाहित कर स्थिर कर देता है। अपच, कब्ज, दस्त, पेट की सूजन, पेट फूलना, पेट में ऐंठन, उल्टी और ऐंठन इस प्रकार की तरह पाचन संबंधी समस्याओं में सुधार के लिए सहायता करते है।
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बच्चों की एडीएचडी समस्या में भी है फायदेमंद
1998 में हुए एक अध्ययन के अनुसार, एडीएचडी से पीडि़त बच्चों को नींद आसानी से नहीं आती। ऐसे बच्चों के लिए लेमन ग्रास से बनी हर्बल टी काफी फायदेमंद होती है। इसमें मौजूद पुदीना, कैमोमाइल या लेमन ग्रास और अन्य ऐसी ही जड़ी-बूटियां अति सक्रिय मांसपेशियों को शांत करने में मदद करती हैं।
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एनीमिया दूर करें
लेमनग्रास आयरन से भरपूर होने के कारण, यह उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी होता है जो आयरन की कमी से ग्रस्त है। साथ ही यह एनिमिया के विभिन्न प्रकार में उपयोगी होता है। आयरन हीमोग्लोबिन (पूरे शरीर में ऑक्सीजन ले जाने के लिए जिम्मेदार लाल कोशिकाओं में प्रोटीन) का संश्लेषण करने के लिए आवश्यक होता है।
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एंटी इंफ्लेमेंटरी और एंटी-सेप्टिक गुणों से भरपूर
एंटी इंफ्लेमेंटरी और एंटी सेप्टिक गुणों के कारण, लेमनग्रास अर्थराइटिस, गाउट और मूथ पथ की सूजन के इलाज के लिए एक मूल्यवान सहायता के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसलिए अगर आप इन समस्याएं से परेशान हो तो नियमित रूप से लेमनग्रास के जूस या इससे बनी हर्बल चाय का सेवन करें।
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दिमाग को तेज करें
अगर आप चाहते हैं कि आपका ब्रेन तेज हो तो लेमनग्रास का सेवन करें। मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और फोलेट तंत्रिका तंत्र की स्वस्थ कार्यप्रणाली के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। वे एकाग्रता, स्मृति और मस्तिष्क की क्षमता को बेहतर बनाने में मदद करता है।
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बैक्टीरियल या फंगल संक्रमण से बचाव
लेमनग्रास में मौजूद एंटी सेप्टिक गुणों के कारण यह बैक्टीरियल, कवक या खमीर संक्रमण को दूर रखने में मदद करता है। इसके अलावा यह ब्लड को शुद्ध और डिटॉक्स करने में भी मदद करता है।
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विषैले तत्वों को दूर करें
लेमनग्रास में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, एंटीसेप्टिक और मूत्रवर्धक गुणों के कारण यह शरीर के विषैले तत्वों को दूर करने वाला एक महत्वपूर्ण घटक है। यह लीवर, किडनी, ब्लैडर और अग्न्याशय को साफ करने और रक्त परिसंचरण को बढ़ाने में मदद करता है। और मूत्रवर्धक प्रभाव के कारण यह विषाक्त पदार्थों को बाहर ले जाने में मदद करता है।
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