अद्भुत गुणों से भरपूर है जिमिकंद
जिमिकंद एक गुणकारी सब्जी है, जिसमें कई तरह के गुण हैं, इनको खाने से बीमारियां दूर होती हैं और शरीर निरोग रहता है, इनके गुणों को जानकर इससे दूर नहीं रह पायेंगे आप।

देखने में आम और मिट्टी के रंग की यह सब्जी जमीन के नीचे उगती है। इसे सूरन के नाम से भी जाना जाता है। जिमिकंद एक गुणकारी सब्जी है। जो कि सभी को स्वस्थ एवं निरोगी रखने में मदद करती है। इनके गुण इतने कि कई रोगों से मुक्ति दिला दे। जिमिकंद बवासीर से लेकर कैंसर जैसी भयंकर बीमारियों से बचाए रखता है। इसमें फाइबर, विटामिन सी, विटामिन बी6, विटामिन बी1, फोलिक एसिड और नियासिन होता है। साथ ही मिनरल जैसे, पोटैशियम, आयरन, मैगनीशियम, कैल्शियम और फॉस्फोरस भी पाया जाता है। अगर आप इस सब्जी से दूरी बनाकर रखते हैं तो यहां दिये इसके फायदों को जानकर आप इससे दूर नहीं रह पायेगे।
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जिमीकंद दिमाग तेज करने में भी आपकी मदद करता है। अक्सर बहुत सी चीजें हम भूल जाते हैं, लेकिन जिमीकंद खाने से याद करने की पावर बढती है और दिमाग तेज बनता है। साथ ही यह अल्जाइमर रोग होने से भी बचाता है। अगर आप अपना दिमाग तेज करना चाहते हैं तो जिमीकंद को अपने आहार में शामिल करें।
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जिमीकंद में पाया जाने वाला कॉपर लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाकर शरीर में ब्लड के फ्लो को दुरुस्त करता है। और आयरन ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करने में मदद करता है।
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जिमीकंद में अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी और बीटा कैरोटीन पाया जाता है जो कैंसर पैदा करने वाले फ्री रैडिकल्स से लड़ने में सहायक होता है। साथ ही इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण यह आहार गठिया और अस्थमा रोगियों के लिये सबसे अच्छा होता है।
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जिमीकंद में पोटैशियम की मौजूदगी के कारण यह पाचन क्रिया को दुरुस्त करने में मदद करता है। इसे नियमित खाने से कब्ज और खराब कोलेस्ट्रॉल की समस्या दूर हो जाती है।
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शरीर में अच्छी मात्रा में बी 6 होने से दिल की बीमारी नहीं होती। यह ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट के लिये भी जिम्मेदार है। और जिमीकंद में विटामिन बी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। रक्तचाप को नियंत्रित कर हृदय को स्वस्थ रखता है। इसमें ओमेगा-3 काफी मात्रा में पाया जाता है। यह खून के थक्के जमने से रोकता है।
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जिमीकंद का अधिकतर उपयोग बवासीर, सांस रोग, खांसी, आमवात और कृमिरोगों आदि में किया जाता है। जिमीकंद के प्रमुख गुणों में से एक इसका उपयोग अर्श अथवा बवासीर में होना है और इसी वजह से इसे अर्शीघ्न भी कहते हैं। जिन लोगों को लीवर या यकृत में समस्या हो उनके लिए भी जिमीकंद एक वरदान है। इसके सेवन से वातरोग में भी फायदा होता है।
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फाइबर से भरपूर होने के कारण जिमीकंद के सेवन से आपको भरा हुआ महसूस होता है। जिससे आप आसानी से वजन कम कर सकते हैं। अगर आप भी अपना वजन कम करना चाहते हैं तो जिमीकंद को अपने आहार में शामिल करें।
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आयुर्वेद के अनुसार जिमीकंद उन लोगों को नहीं खाना चाहिए जिनको किसी भी प्रकार का चर्म या कुष्ठ रोग हो। जिमिकंद ड्राई, कसैला, खुजली करने वाला, रुचिकारक, चरपरा, कफ व बवासीर रोगनाशक है। इसे आप कभी-कभार इसलिए खा सकते हैं, क्योंकि इसमें ओमेगा-3 होता है और इसमें भरपूर मात्रा में आयरन भी पाया जाता है।
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