
सफेद फूलों से लदा चमेली का पौधा देखने में जितना मोहक होता है, उतना स्वास्थ्य गुणों से भरपूर होता है। चमेली को जूही भी कहा जाता है। इसके फूल स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभयदायक हैं। आयुर्वेद में जूही के फूलों का प्रयोग आंख, कान, मुंह की कई परेशानियों के अलावा पेट के रोगों में भी किया जाता है। इसके फूलों को सूंघने मात्र से तनाव जैसी परेशानियां दूर हो जाती हैं। आज के इस लेख में हम जानेंगे कि जूही के फूल के औषधीय गुण क्या हैं।
तनाव को करे दूर

आजकल की भागती-दौड़ती जिंदगी में तनावमुक्त जीवन जी पाना मुश्किल है। मल्टीस्टोरेज बिल्डिंग में रहने के चलते प्रकृति से जुड़ाव नहीं हो पाता है। ऐसे में जमेली के फूल इस तनाव को दूर करने का काम करते हैं। चमेली के फूलों को सूंघने से उन्हें देखने से सारा दुख, दर्द, तनाव दूर हो जाता है। जीवन फूलों की तरह हिलोरें मारने लगता है। बस चाहिए होता है थोड़ा-सा समय, प्रकृति के बीच गुजारने का। इन फूलों की सुगंध तनाव तो दूर करती ही है साथ ही वातावरण भी शुद्ध करती है। जूही के फूलों की चाय बनाकर पीने से भी तनाव दूर होता है।
कान दर्द में सहायक

कई बार सर्दी, खांसी जैसी परेशानियों की वजह से कान में दर्द होने लगता है। ऐसे में खांसी से गला व छाती परेशान रहती है तो दूसरी तरफ कान का दर्द भी दुखदायी हो जाता है। इस तरह के कान दर्द से निपचारा पाने के लिए जूही का पौधा लाभकारी है। विशेषज्ञों का मानना है कि जूही के पत्तों को तिल के तेल में मिलाकर थोड़ा गुनगुना करके छानकर लगभग 2 बूदें कान में डालने से कान दर्द में सहायता मिलती है। पर ध्यान रहे कि ऐसा कोई भी नुस्खा आजमाने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह ले लें।
गजरे के रूप में जूही के फूलों का प्रयोग

जूही इतना कोमल प्यारा है कि भारत में इसे महिलाएं गजरे के रूप में भी प्रयोग करती हैं और भारत में लड़कियों का नाम भी खूब रखा जाता है। उत्तर व दक्षिण भारत के कई राज्यों में जूही के फूलों को गजरे के रूप में प्रयोग लाया जाता है। इसे लगाकर महिलाओं के बालों की सुंदरता के साथ-साथ उनकी अपनी भी सुंदरता बढ़ती है। जूही के फूलों को प्रेम का इजहार भी माना जाता है। साथ ही यह श्रृंगार का अहम हिस्सा भी बन जाता है। जूही के फूलों के कई अन्य रोगों में भी लाभकारी हैं। इसके बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए नजदीकी आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क करें।
चमकती त्वचा के लिए

चमेली के फूल त्वचा रोगों में भी लाभकारी हैं। इसके प्रयोग से कई तरह के त्वचा रोग भी दूर होते हैं। चमेली के फूलों का प्रयोग त्वचा को निखारने में भी किया जाता है। जूही के फूल हीलिंग का काम करते हैं। चमेली के फूलों का लेप तेल में मिलाकर लगाने से चेहरे की चमक वापस आ जाती है। चेहरे जवां लगने लग जाता है।
मुंह के छालों में लाभकारी

अगर आपके मुंह में छाले हो गए हैं या मुंह में सूजन आ गई है तो जूही का पौधा आपके लिए बहुत लाभकारी हैं। मुंह में छाले होने पर जूही के पत्तों को पानी में उबालकर इससे कुल्ला करें। दूसरा इसे थोड़ी देर मुंह में रखकर छोड़ दें। इससे मुंह में दुर्गंध से लेकर मुंह के छालों की समस्या भी दूर होती है। जूही के पौधे से मुंह की कई अन्य समस्याएं दूर होती हैं।
फटी एड़ियों में लाभकारी

सर्दी के मौसम में अक्सर महिलाओं की एड़ियां फट जाती हैं। कई बार गर्मी के मौसम में भी यह दुखदायी होती हैं। इस तरह अगर आपकी भी बिवाई फटने लगी है तो जूही के पत्तों को पीसकर एड़ियों पर लगाएं। जूही के पत्तों में ऐसे गुण होते हैं कि ये त्वचा रोगों को दूर करते हैं।
दाद की समस्या करे दूर

त्वचा रोगों को दूर करने में जूही के फूल बहुत लाभकारी हैं। जूही के पत्तों को पीसकर दाद वाली जगह पर लगाने से दाद कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
दस्त की परेशानी करे दूर

आजकल के बिगड़ते खानपान की वजह से पेट की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में अगर आपका पेट खराब होता है तो जूही का पौधा आपके लिए बहुत लिए बहुत लाभकारी है। इसके सही उपयोग के बारे में जानकारी के लिए नजदीकी आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करें।
आंखों को दे ठंडक

लंबे समय तक कंप्यूटर पर काम करने के दौरान आंखों में जलन की परेशानी होने लगती है। इस परेशानी से निपटने के लिए जूही के फूलों पीसकर आंखों के ऊपर लेप की तरह लगाएं। पर ध्यान रखें कि यह लेप आंख के अंदर न जाए। इस तरह लेप लागने से आपकी आंखों को ठंडक मिलेगी। जूही के फूल के कई औषधीय गुण हैं। यह आंख, कान से लेकर पेट के रोगों में भी लाभकारी है। साथ ही महिलाओं की खूबसूरती बढ़ाने में भी कारगर है।