स्वास्थ्य के लिए बहुत गुणकारी है गुग्गुल
गुग्गुल कफ, वात, कृमि और अर्श नाशक होता है। इसके अलावा इसमें सूजन और जलन को कम करने के गुण भी होते हैं। गुग्गुल से जुड़ें और अधिक स्वास्थ्य लाभों के बारे में जानें।

गुग्गुल एक वृक्ष का नाम है। इससे प्राप्त लार जैसे पदार्थ को भी 'गुग्गल' कहते है। इसकी महक मीठी होती है और आग में डालने पर वह स्थान सुंगध से भर जाता है। इसका स्वाद कड़वा और कसैला होता है और इसकी प्रवृत्ति गर्म होती है। गुग्गुल कफ, वात, कृमि और अर्श नाशक होता है। इसके अलावा इसमें सूजन और जलन को कम करने के गुण भी होते हैं।

हड्डियों में किसी भी प्रकार की परेशानी में गुग्गुल बहुत उपयोगी होता है। हड्डियों में सूजन, चोट के बाद होने वाले दर्द और टूटी हड्डियों को जोड़ने एवं रक्त के जमाव को दूर करने में बहुत लाभकारी होती है।

गर्भाशय से जुड़ें रोगों के लिए गुग्गुल का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए गुग्गुल को सुबह-शाम गुड़ के साथ सेवन करने से कई प्रकार के गर्भाशय के रोग ठीक हो जाते हैं। अगर रोग बहुत जटिल है तो 4 से 6 घंटे के अन्तर पर इसका सेवन करते रहना चाहिए।

गुग्गुल में मौजूद इन्फ्लमेशन गुण दर्द और सूजन में राहत देने में मदद करता है। इसके अलावा यह शरीर के तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाने में भी बहुत मदद करता है।

खून की खराबी के कारण शरीर में होने वाले फोड़े, फुंसी व चकत्ते आदि के कारण गुग्गुल बहुत लाभकारी होता है। क्योंकि इसके सेवन से खून साफ होता है। त्वचा संबंधी समस्या होने पर इसके चूर्ण को सुबह-शाम गुनगुने पानी के साथ लें।

अगर आपको कब्ज की शिकायत रहती हैं तो आपके लिए गुग्गुल का चूर्ण फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए लगभग 5 ग्राम गुग्गुल में सामान मात्रा में त्रिफला चूर्ण को मिलाकर रात में हल्का गर्म पानी के साथ सेवन करने से लम्बे समय से बनी हुई कब्ज की शिकायत दूर हो जाती है तथा शरीर में होने वाले सूजन भी दूर हो जाते हैं।

मुंह से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या में गुग्गुल का सेवन करना अच्छा रहता है। गुग्गुल को मुंह में रखने से या गर्म पानी में घोलकर दिन में 3 से 4 बार इससे कुल्ला व गरारे करने से मुंह के अन्दर के घाव, छाले व जलन ठीक हो जाते हैं।

आधुनिक जीवनशैली और गलत खान-पान के कारण आजकल बढ़ी उम्र के लोग हीं नहीं बल्कि युवा भी गंजेपन का शिकार हो रहे हैं। अगर आपकी भी यहीं समस्या हैं तो आप गुग्गुल को सिरके में मिलाकर सुबह-शाम नियमित रूप से सिर पर गंजेपन वाले स्थान पर लगाएं इससे आपको लाभ मिलेगा।

आमतौर पर उल्टा-सीधा या अधिक मिर्च मसाले युक्त आहार लेने से अम्लपित्त यानि खट्टी डकारों की समस्या हो जाती है। इस समस्या से बचने के लिए आप गुग्गुल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए 1 चम्मच गुग्गुल का चूर्ण एक कप पानी में मिलाकर रख दें। लगभग एक घंटे के बाद छान लें। भोजन के बाद दोनों समय इस मिश्रण का सेवन करने से अम्लपित्त की समस्या से छुटकारा मिल जाता है।

रक्तचाप के स्तर को कम और सामान्य स्तर पर बनाए रखने में गुग्गुल बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा गुग्गुल दिल को मजबूत रखता है और दिल के टॉनिक के रूप में जाना जाता है।

गुग्गुल का इस्तेमाल शरीर में फैट को कम करने के लिए किया जाता है। सदियों से यह एक मोटापा विरोधी एजेंट के रूप में काम करता है। अगर आप मोटापे की समस्या से परेशान है तो शुद्ध गुग्गुलु की 1 से 2 ग्राम को गर्म पानी के साथ दिन में 3 बार सेवन करें। गुग्गुल शुद्ध करने के लिए इसे त्रिफला के काढ़े और दूध में पका लें।

गुग्गुल की प्रकृति गर्म होने के कारण इसका ज्यादा इस्तेमाल करने पर इसे गाय के दूध या घी के साथ सेवन करे। साथ ही इसका प्रयोग करते समय तेज और मसालेदार भोजन, अत्याधिक भोजन, या खट्टे खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
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