अशोक बनाए निरोग

अशोक से कई जीवनरक्षक दवायें भी बनाई जाती है। आइए जानें अशोक के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ के बारे में हमारे इस स्‍लाइड शो में।

Pooja Sinha
Written by:Pooja SinhaPublished at: Dec 07, 2013

अशोक

अशोक
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अशोक का अर्थ होता है जिसे कोई शोक एवं दुख न हो। अशोक के पेड़ में भी ऐसे औषधीय गुण होते हैं, जो व्‍यक्ति को कई रोगों से दूर रखने में मदद करते हैं। यह देखने में भी बहुत सुंदर होता है। अशोक से कई जीवनरक्षक दवायें भी बनाई जाती है। आइए जानें अशोक के स्‍वास्‍थ्‍य लाभों के बारे में हमारे इस स्‍लाइड शो में।

ल्यूकोरिया में फायदेमंद

ल्यूकोरिया में फायदेमंद
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अशोक महिलाओं में होने वाली ल्‍यूकोरिया की समस्‍या को दूर करने में मददगार होता है। ल्‍यूकोरिया होने पर इसकी छाल के चूर्ण व मिश्री को सामान मात्रा में मिलाकर गाय के दूध के साथ सुबह शाम सेवन करना चाहिए। इसके अलावा आंवला, गिलोय के चूर्ण और अशोक की छाल के चूर्ण को बराबर मात्रा में मिलाकर शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करें।

मुंहासे और फोड़े-फुंसी में लाभकारी

मुंहासे और फोड़े-फुंसी में लाभकारी
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मुंहासे होने पर अशोक की छाल को पानी में उबाल कर इसका काढ़ा बना लें। थोड़ा सा गाढ़ा होने पर इसे ठंडा करके इसमें उतनी ही मात्रा में सरसों को तेल मिलाकर लेप बना लें। अब इस लेप को मुंहासों और फोड़े-फुंसियों पर लगाएं। इसके नियमित प्रयोग यह समस्‍या दूर हो जाएगी।

तेज दिमाग

तेज दिमाग
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याद्दाशत कमजोर होने पर अशोक की छाल लेने से बुद्धि का विकास होता है। इसके लिए अशोक की छाल और ब्राह्मी का चूर्ण बराबर की मात्रा में मिलाकर 1-1 चम्मच सुबह-शाम एक कप दूध के साथ नियमित रूप से कुछ माह तक सेवन करें।

सांस फूलने से बचाव

सांस फूलने से बचाव
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जल्‍द सांस फूलने की शिकायत करने वाले लोगों को अशोक के बीज का चूर्ण लेना चाहिए। एक चम्‍मच अशोक के बीजों का चूर्ण पान में मिलाकर चबाने से सांस फूलने की शिकायत में आराम मिलता है।

गर्भधारण के लिए

गर्भधारण के लिए
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जिन महिलाओं को गर्भ नहीं ठहरता या फिर ठहरने के बाद गर्भपात हो जाता हैं। ऐसी महिलाओं के लिए अशोक के फूल बहुत लाभकारी सिद्ध होते हैं। अशोक के फूल दही के साथ नियमित रूप से सेवन करने से गर्भधारण करने में मदद मिलती है और गर्भपात की समस्‍या भी नहीं होती हैं।

यूरीन की समस्‍या दूर भगाए

यूरीन की समस्‍या दूर भगाए
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यूरीन की समस्‍या होने पर अशोक के बीज का सेवन करें। एक या दो ग्राम अशोक के बीज पानी में पीसकर नियमित रूप से 2 चम्मच पीने से मूत्र न आने की शिकायत और पथरी के कष्ट में आराम मिलता है।

बवासीर में लाभकारी

बवासीर में लाभकारी
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बवासीर के दौरान बहने वाले खून को बंद करने के लिए अशोक का इस्‍तेमाल करें। अशोक की छाल का 40-50 मिलीलीटर काढ़ा पीने से बवासीर में खून का बहना बंद होकर और शीघ्र लाभ मिलता है। अशोक की छाल और इसके फूलों को बराबर की मात्रा में लेकर रात्रि में एक गिलास पानी में भिगोकर रख दें। सुबह पानी छानकर पी लें।

सुंदरता बढ़ाए

सुंदरता बढ़ाए
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सुंदरता बढ़ाने में भी अशोका हर्ब का कोई जबाव नहीं। अशोक की छाल के रस में सरसों को पीसकर लेप बना लें। और इस लेप को त्वचा पर लगायें। इसको नियमित रूप से त्‍वचा पर लगाने से रंग निखरता है।

मासिक-धर्म की समस्‍या से बचाव

मासिक-धर्म की समस्‍या से बचाव
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अगर मासिक धर्म में खून बहुत अधिक बहता है तो 80 ग्राम अशोक की छाल और 80 ग्राम दूध को चार गुना पानी में तब तक पकायें जब तक एक चौथाई पानी शेष न रह जाए, अब इसको छानकर पी लें। इसका मासिक-धर्म के चौथे दिन से तब तक सेवन करना चाहिए, जब तक खून का बहना बंद न हो जाएं।

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