व्हे प्रोटीन के हो सकते हैं ये खतरनाक साइड-इफेक्ट
जिम में घंटों वर्कआउट के बाद दोबारा एनर्जी के लिए लोग व्हे प्रोटीन का सेवन करते हैं, यह हमारे शरीर के लिए कितना नुकसानदेह है, इस स्लाइडशो में जानते हैं।

प्रोटीन मांसपेशियों के लिए बहुत जरूरी है, उन लोगों के लिए खासकर जो जिम जाते हैं। लेकिन जो लोग जल्दी से जल्दी बॉडी-बिल्डर बनने की ख्वाहिश रखते हैं वे अतिरिक्त मात्रा में प्रोटीन का सेवन करते हैं और व्हे प्रोटीन का सेवन भी इसमें है। इसे चीज यानी पनीर को प्रासेस करके बनाया जाता है। व्हे प्रोटीन तीन प्रकार का होता है – कंसन्ट्रेट, आइसोलेट और हाइड्रोलिसेट। कांसन्ट्रेट में अधिक फ्लेवर नहीं होता, आइसोलेट में फैट कम होता है और हाइड्रोलिसेट बहुत जल्दी असर करता है। व्हे प्रोटीन बहुत मंहगा भी होता है। इसका अधिक सेवन कितना खतरनाक हो सकता है इसके बारे में इस स्लाइडशो में जानते हैं।

व्हे प्रोटीन का अधिक प्रयोग करने से किडनी में पथरी की समस्या हो सकती है। क्योंकि इसमें प्रोटीन अधिक मात्रा में होती है इसके कारण ही यह किडनी में पथरी का कारण बन सकता है। हालांकि अभी तक यह प्रमाणित नहीं हुआ है कि व्हे प्रोटीन का अधिक सेवन करने से किडनी स्टोन हो सकता है, लेकिन यह बात प्रमाणित हो चुकी है कि अगर किडनी स्टोन की समस्या पहले से है तो व्हे प्रोटीन के अधिक सेवन से यह और भी बदतर हो सकती है। ऐसे में फाइबर और पानी का अधिक सेवन करके इस समस्या से निजात मिल सकती है।

हालांकि वर्कआउट के बाद समाप्त हुई एनर्जी को दोबारा बूस्ट करने के लिए व्हे प्रोटीन का सेवन बहुत अच्छा माना जाता है। लेकिन इससे पेट की समस्यायें भी हो सकती हैं खासकर कब्ज। व्हे प्रोटीन में लैक्टोज की मात्रा अधिक होती है जिसके कारण यह कब्ज का कारण बनता है। लैक्टोज इंटॉलरेंस से ग्रस्त लोगों को इसके सेवन से बचना चाहिए। इसलिए अगर पेट की समस्या से आप बचना चाहते हैं तो व्हे प्रोटीन का सेवन न करें।

यह सुनकर शायद आपको थोड़ा अजीब लगे कि प्रोटीन के सेवन से वजन कैसे बढ़ सकता है, लेकिन यह सच है। दरअसल व्हे प्रोटीन में शुगर के अलावा कार्बोहाइड्रेट भी होता है जो न केवल मांसपेशियों बल्कि शरीर का भी फैट बढ़ाता है।

व्हे प्रोटीन के अधिक सेवन से गाउट की समस्या भी हो सकती है। हालांकि गाउट आनुवांशिक भी होता है, अगर आपके परिवार में किसी को गाउट हुआ हो तो आप व्हे प्रोटीन का सेवन कभी न करें। दरअसल व्हे प्रोटीन में एमिनो एसिड होता है जो गाउट का प्रमुख कारण है।

व्हे प्रोटीन के सेवन से शरीर में प्रोटीन की अधिक मात्रा से मिनरल असंतुलित होने के कारण मिनरल बॉडी डेन्सिटी के कम होने का खतरा रहता है। यह लीवर को भी प्रभावित करता है। व्हे प्रोटीन एक सप्लीमेंट है इसलिए इसका इस्तेमाल प्रोटीन के मुख्य श्रोत वाले खाद्य पदार्थों की तरह न करें, बल्कि इसका सेवन एक प्रोटीन सप्लीमेंट की तरह ही करें।
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