हैंगओवर का आपके शरीर पर पड़ता है क्या असर, जानें
क्या आपको सही-सही पता है कि हैंगओर क्यों होता है और शरीर पर इसका क्या प्रभाव होता है? अलग-अलग लोगों की इस विषय में अलग राय हैं, आइए जानें।

वीकेंड पार्टी का दौर तब महंगा काफी पड़ता है जब अगले दिन ऑफिस के लिए तैयार होते वक्त सिर हैंगओवर से चकरा रहा होता है। हैंगओवर क्यों होता है, इसका शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है और ये दूर कैसे होता है, इस बारे में लोगों को कई राय हैं। लेकिन क्या आपको सही सही पता है कि हैंगओर क्यों होता है और शरीर पर इसका क्या प्रभाव होता है? यदि नहीं तो चलिये जानें -
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अधिक शराब पीने, एक बार में कई ब्रांड की शराब मिलाकर पीने से हैंगओवर हो सकता है। हैंगओवर के कारण सिरदर्द, तनाव, मितली और बेचैनी की समस्या होती है। हैंगओवर के कारण डीहाइड्रेशन, एल्डोस्टेरॉन और कॉरटिसोल जैसे हार्मोनों के स्तर में बदलाव होता है और ये ही हैंगओवर का कारण बनता है।
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डेनमार्क में हुए एक शोध के दौरान 50,000 लोगों के अध्ययन से निष्कर्ष निकाला गया है कि युवाओं को हैंगओवर ज्यादा होता है। शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन में पाया गया कि 62 प्रतिशत युवाओं को हैंगओवर हुआ, जबकि 60 साल से अधिक उम्र के मात्र 14 प्रतिशत लोगों को हैंगओवर का अनुभव हुआ।
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एक्सपर्ट्स का कहना है कि स्ट्रॉन्ग अल्कोहल का असर 6-8 घंटे तक रहता है। एक्सपर्ट बताते हैं कि कोई भी ड्रिंक 60 एमएल से ज्यादा होने पर दिमाग के न्यूरॉन्स पर असर डालना शुरू कर देता है। और फिर दिमाग का सिग्नल सही समय पर बाकी अंगों को नहीं मिल पाता और संतुलन गड़बड़ाने लगता है। ऐसे में व्यक्ति कई चीजों पर नियंत्रण नहीं रख पाता।
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एक अमेरिकी शोध के अनुसार शराब का रंग जितना अधिक गाढ़ा होता है, उसे पीने के बाद खुमारी भी उतनी अधिक होती है। यही कारण है कि वोदका से बीयर का हैंगओवर ज्यादा होता है और बीयर से व्हिस्की का हैंगओवर ज्यादा होता है। हालांकि शोधकर्ता इसके पीछे का रहस्य अभी तक नहीं जान सके हैं।
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शाराब पीने के कुछ देर बाद ब्रेक लगाने या स्टेयरिंग को संभालने के मामले में भी पैरों और तक सिग्नल लेट पहुंचता है और अचानक ब्रेक मारने पर एक्सिडेंट हो जाते हैं। इतना ही नहीं, पीने के बाद ड्राउजीनेस (नींद से भरा हुआ) महसूस होता है। सामने से गाडि़यों की लाइट पड़ने पर आंखें चौंधियाने लगती हैं और ऐसे में दुर्घटना का खतरा रहता है।
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कई शोध बता चुके हैं कि पीने के बाद महिलाएं पुरुषों की तुलना में जल्दी सुधबुध खो बैठती हैं। मिज़ूरी और कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार शराब पानी की अपेक्षा फैट्स में तेजी से घुलती है और महिलाओं के शरीर में पानी की अपेक्षा फैट्स की मात्रा अधिक होती है। यही कारण है कि बराबर मात्रा में शराब के सेवन के बाद भी महिलाओं को हैंगओवर ज्यादा होता है।
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पीने के तकरीबन 45 मिनट बाद इसका असर दिमाग और शरीर पर शुरू होने लगता है और कम से कम चार घंटों तक ये असर रहता है। खाली पेट या बिना डाइल्यूट किए ड्रिंक लेना, एक के बाद एक कई ब्रैंड्स के ड्रिंक लेना आदि भी समस्या पैदा कर सकते हैं। ऐसा इसलिये क्योंकि किसी ब्रेंड में अल्कोहल की मात्रा 20 पर्सेंट होती है तो किसी में 45 पर्सेंट भी होती है और अल्कोहल की मात्रा बहुत ज्यादा हो जाती है।
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कई बार कुछ लोगों को काफी ड्रिंक करने के बाद भी हैंगओवर नहीं होता। इसका मतलब यह नहीं कि उनका शरीर बहुत मजबूत है बल्कि उनके शरीर में पहले से इतने अधिक टॉक्सिन्स हैं कि उन्हें शराब से अधिक डीहाइड्रेशन नहीं पोता है। यही कारण है कि जो लोग ज्यादा ड्रिंक करते हैं या फिर लंबे समय से ड्रिंक करते आ रहे होते हैं, उन्हें हैंगओवर कम होता है।
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