रोज अपनाएं सिर्फ ये 5 योगासन, चेहरे पर आएगा नेचुरल ग्लो

त्वचा के प्रति जरा सी लापरवाही आपके सौंदर्य को चुरा लेती है।

Rashmi Upadhyay
Written by:Rashmi UpadhyayPublished at: Nov 16, 2017

सौंदर्य

सौंदर्य
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त्वचा के प्रति जरा सी लापरवाही आपके सौंदर्य को चुरा लेती है। योग में ऐसे बहुत से आसन हैं जिन्हें अपनाकर आप स्वस्थ और सुंदर त्वचा की मलिका बन सकती हैं। त्वचा की चमक इस बात को दर्शाती है कि आप स्वस्थ हैं। लेकिन स्वस्थ त्वचा पाने के लिए शारीरिक और मानसिक दोनों स्तरों पर स्वस्थ होना जरूरी है। योग से चेहरे पर अलग ही चमक आती है। बेदाग और चमकदार त्वचा के लिए आज हम आपको कुछ योगासन बता रहे हैं। स्वस्थ स्किन के लिए रोज 30 मिनट इन्हें करें।

सर्वांगासन

सर्वांगासन
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पीठ के बल लेट जाएं। पैरों को 90 डिग्री के कोण में ऊपर उठाएं। घुटने सीधे रखें। अब हाथों से कमर को पकड़ते और सपोर्ट देते हुए अपने हिप्स और धड़ को ऊपर की तरफ सीधे उठाएं। अपनी कोहनियों को जितना संभव हो सटा कर रखें। आंखें बंद करके आराम महसूस करें। सामान्य सांस के साथ इसी स्थिति में जब तक रुक सकें, रुकें। पूर्वस्थिति में आएं। ऐसा 3-4 बार करें।

सिंहासन

सिंहासन
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जमीन पर (वज्रासन में) घुटनों के बल बैठ जाएं। अपनी हथेलियों को सामने की तरफ जमीन पर रखें। अपने पैरों को पीछें की तरफ ले जाएं और हिप्स को तलुवों के ऊपर रखें। अब जितना संभव हो जीभ बाहर निकालकर और आंखों को अच्छी तरह खोलते हुए सिंह की तरह दहाड़ें। ऐसा 3-4 बार करें। सांस छोड़ते हुए आराम की मुद्रा में आएं।

मत्स्येंद्रासन

मत्स्येंद्रासन
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सीधी लेट जाएं। अब हाथों को गर्दन के पास ले जाकर इस तरह रखें कि आपकी उंगलियां कंधों के नीचे हों। सामान्य सांस लें। अब सांस भरते हुए हाथ के पंजों से शरीर का अग्र भाग ऊपर उठाते हुए सिर को जमीन से छुआएं। जबड़े कसे हुए और नाक दीवार की साध में हो। पीठ जमीन से ऊपर हो। अब इसी मुद्रा में पद्मासन लगाकर अपने दोनों हाथों से पैर के अंगूठों को पकड़ें। 30 सेकंड तक होल्ड करें। फिर सांस छोड़ते हुए पूर्वस्थिति में आएं।

भुजंगासन

भुजंगासन
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पेट के बल लेट जाएं। दोनों पैरों, एडिय़ों और पंजों को आपस में मिलाएं और पूरी तरह जमीन के साथ चिपका लें। अपने शरीर को पैरों की उंगलियों से लेकर नाभि तक के भाग को जमीन से लगाएं। अब हाथों को कंधे के सामने जमीन पर रखें। दोनों हाथ कंधे के आगे पीछे नहीं होने चाहिए। हाथों के बल नाभि के ऊपरी भाग को ऊपर की ओर झुकाएं जितना संभव हो।

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