गर्भावस्था संबंधी जटिलताएं
प्रग्नेंट महिला के लिए हर दिन चुनौती वाला होता है और उसे कई प्रकार की दिक्कतें और मुश्किलें भी होती हैं। आइए हम आपको बतातें हैं कि 9 महीने में क्या-क्या दुविधायें होती हैं।

गर्भावस्था में मधुमेह उसकी स्थिति को जटिल बना सकता है
गर्भावस्था के दौरान आपके रक्त में शर्करा की वृद्धि की संभावना ज्यादा रहती है। मधुमेह की समस्या आपकी स्थिति को और जटिल बना सकता है। यहां तक कि भ्रूण को नुकसान पहुँचा सकता है। ऐसी स्थिति को नियंत्रण के लिए जरूरी है कि आप अपनी गर्भवस्था के पहले 3 से 6 महीने में अपना अतिरिक्त ध्यान रखें और अपने डाक्टर की सलाह जरूर ले और उनका पालन करें ताकि गर्भस्थ शिशु को नुकसान ना पहुँचे।

गर्भवस्था के दौरान मोटापे की समस्या
हाल ही के अध्ययन के अनुसार, आपका मोटा होना गर्भावस्था की आपकी जटिलताओं को और बढ़ा देता है। अपरिपक्व प्रसव के मामलों में ये जोखिम पैदा कर सकता है। अगर आप गर्भधारण करने की सोच रही है तो उससे पहले अपना वजन जरूर कम करें।

इस दौरान महिलाओं में होने वाले शारीरिक परिर्वतन से जुड़ी समस्याएं
गर्भावस्था के दौरान आमतौर पर अधिक मात्रा में भोजन करने के कारण महिलाओं में वजन बढ़ने संबंधी अनेक शारीरिक परिर्वतन होते है। ऐसे परिवर्तन केवल गर्भावस्था के दौरान ही रहते है। लेकिन कई बार इस तरह के शारीरिक परिर्वतन बच्चे के जन्म दोष से जुड़ी जोखिमों को बढ़ाते है।

गर्भावस्था के दौरान रक्त स्राव होना
हालाँकि गर्भावस्था के प्रथम तिमाही में रक्त स्राव सामान्य होता है। लेकिन असामान्य रक्त स्राव गर्भपात का कारण भी बन सकता है। इसलिए इस समस्या को हल्के से न लें और डाक्टर से जरूर मिलें।

कुछ महिलाओं को गर्भाशय फाइब्रायड समस्या भी हो सकती है
फाइब्रायड यानी रसौली या ट्यूमर होना। फाइब्रायड का आकार मटर के दाने से लेकर खरबूजे के आकार तक का हो सकता है। आमतौर पर फाइब्रायड गर्भाशय की दीवार से निकलते है जिससे बांझपन का खतरा भी रहता है।
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