गर्भावस्था के दूसरे ट्राइमेस्टर में शारीरिक बदलाव
गर्भावस्था के दूसरे ट्राइमेस्टर में भ्रूण के विकास के कारण कई प्रकार के शारीरिक बदलाव होते हैं, आइए हम आपको इन बदलावों के बारे में बताते हैं।

गर्भवती होने के दूसरी तिमाही में पेट का आकार बढ़ने के कारण पीठ, श्रोणि और कूल्हों में लगातार दर्द हो सकता है। चूंकि प्रेग्नेंसी में हार्मोन में बदलाव होता है जिसका असर हड्डियों पर पड़ता है और फलस्वरूप बैक पेन होता है।

प्रेग्नेंसी के सेकेंड ट्राइमेस्टर में शरीर के अन्य हिस्सों की तरह स्तनों का अकार भी बढ़ जाता है। दूसरी तिमाही में ब्रेस्ट में दूध का निर्माण करने वाली ग्रंथियों का विकास हो जाता है और अतिरिक्त वसा भी स्तनों में जमा हो जाता है।

ब्रैक्सन हिक्स संकुचन को प्रोड्रोमल लेबर (इसमें सचमुच डिलीवरी जैसी स्थिति का एहसास होता है) भी कहते हैं। इस दौरान गर्भाशय की मांसपेशियां संकुचित हो जाती हैं।

हार्मोनल परिवर्तन के कारण नाकों से खून भी बहने लगता है। इस दौरान शरीर में रक्त संचार बढ़ जाता है जिसके कारण नाक से खून निकलता है। नाक से बहते खून को रोकने के लिए अपने सिर को हमेशा सीधा रखिए (सिर को पीछे की तरफ मत झुकाइए) और ब्लडिंग के दौरान नाक को किसी तौलिए से दबा लीजिए।

गर्भावस्था के दौरान वजन का बढ़ना स्वाभाविक है। दूसरी तिमाही में ज्यादा भूख लगती है जो कि मोटापे का कारण हो सकता है। लेकिन अगर आपका मोटापा ज्यादा बढ़ रहा है तो चिकित्सक से जरूर संपर्क करें।
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