गर्भावस्था में पीठ दर्द से निजात पाने के उपाय
गर्भावस्था के दौरान पीठ में दर्द रहना एक आम परेशानी हैं। इस परेशानी से हर महिला को जुझना पड़ता रहा है। आइए हम आपको बताते है इससे निजात पाने के उपायों के बारे में।

गर्भावस्था के दौरान पीठ में दर्द से राहत पाने के लिए सही मुद्रा में सोना सबसे महत्वपूर्ण है। एक तरफ से कम से कम एक घुटने को मोड़ कर सोना चाहिए। सोते समय एक तकिया अपने घुटनों के बीच में, और दूसरे तकिये को अपने पेट के नीचे लगाए। आप इसके स्थान पर गर्भावस्था का तकिया का भी इस्तेमाल कर सकती है। कभी भी दोनों पैरों को सीधा खींच कर मत सोएं, विशेष रूप से तीसरी तिमाही में क्योंकि ऐसा करने से मांसपेशियों में तनाव अधिक हो सकता है।

गर्भावस्था के दौरान एक महिला को हल्के तथा ढीले-ढाले कपड़े पहनने चाहिए। टाइट कपड़े पहनने से बॉडी में ब्लड का सर्कुलेशन कम होने लगता है और यह मासपेशियां में दर्द कारण बनता है। इसलिए कॉटन के आरामदायक कपड़े ही पहनने चाहिये।

गर्भावस्था के दौरान अधिक वजन का कुछ भी उठाने से बचें। क्योंकि अधिक हमेशा किसी भी भारी वस्तु को उठाने के लिए किसी की मदद लें। अगर फिर भी अगर आपको वजन उठाना ही पड़ें तो अपनी पीठ की बजाए अपने पैरों से उठाएं। इसके बजाय, अपने घुटनों पर झुकना नीचे बैठना और वजन उठा, कमर की बजाय अपने घुटनों को झुकाएं और नीचे बैठ कर वजन उठाए।

गर्भावस्था के दौरान हल्के-फुल्के व्यायाम करने चाहिये। टहलने और स्ट्रैचिंग करने से नीचे का शरीर कडा होने से बच जाता है। पर ध्यान रहे की इसे करते वक्त आपके लिगामेंट्स में ज्यादा खिचाव न हो। इस दौरान स्विमिंग एक अच्छा व्यायाम है क्योंकि इससे आपका वजन कम होगा और हाथ-पैर भी स्ट्रैच होगें। इसके साथ ही योगा भी काफी फायदेमंद होगा।

गर्भवती महिला को हाई हील के जूतें पहनने की सिफारिश नही की जाती हैं। हाई हील चप्पलें या जूते भी कमर की मासपेशियों पर असर डालते हैं, जिस कारण दर्द होता है।

गर्भावस्था के दौरान पेट का भार लगातार नीचे की ओर होता है। पेट के नीचे होने के कारण गर्भावस्था में मासपेशियों पर दबाव ज्यादा होता है। ऐसे में गर्भवती महिला को अपना पोस्चर हमेशा बनाएं रखना चाहिये। टहलना, सीधा बैठना, पैरों को खीचना और नीचे की ओर न झुकना आपकी कमर पर बिल्कुल भी दबाव नहीं डालेगा और कमर दर्द को कम कर देगा।

गर्भावस्था के दौरान अगर पीठ या कमर में दर्द हो रहा हो तो गरम तेल या बाल्म से मसाज करने से फायदा होता है। पीठ के निचले हिस्से में मालिश करने से ब्लड सर्कुलेशन को तेज़ होता है जिससे अक्सर थकी हुई मांसपेशियों को आराम मिलता है और दर्द नहीं होता। साथ ही गर्म स्नान, हॉट पैक या शॉवर से पानी का गर्म जेट, ये सभी पीठ दर्द में मदद कर सकते हैं।

सामान्य गद्दा बहुत नरम होने के कारण अतिरिक्त वजन का समर्थन करता है और सही नींद की मुद्रा को बनाए रखता है। नींद की मुद्रा का ध्यान रखना एक गर्भवती महिला के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।