आराम करें

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही भ्रूण लगभग विकसित हो चुका होता है, इसलिए मां का वजन बढ़ जाता है और पेट आगे की तरफ ज्यादा निकल जाता है। इसलिए थर्ड ट्राइमेस्टर ज्यादा आराम करना चाहिए। आराम करने से तनाव दूर रहता है और निराशा और चिंता भी नही होती। सकारात्मक सोच हमेशा रखिए।
आवश्यक कैलोरी

गर्भवती महिला को तीसरी तिमाही के दौरान प्रति दिन 300-450 अतिरिक्त कैलोरी की जरूरत होती हैं। क्योंकि इस दौरान महिला का वजन प्रति सप्ताह 1 पाउंड बढ़ता है। इस समय आपको ऐसा प्रोटीन युक्त खार्द्य पदार्थ लेने चाहिए जिसमें अतिरिक्त कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट हो। इसलिए डेयरी उत्पाद, नट और अखरोट, साबुत अनाज या ब्रेड, पास्ता और दलिया आदि ले सकती हैं।
विशेष पोषक तत्व

इस दौरान भ्रूण का तेजी से विकास होता है, इसलिए यह सुनिश्चित कर लीजिए कि आपके बच्चे को जरूरी पोषक तत्व मिल रहे हैं या नही, यही पोषक तत्व भ्रूण की हड्डियों, मस्तिष्क, मांसपेशियों और ऊतकों को विकसित करने के लिए आवश्यक हैं। कैल्शियम डेयरी उत्पादों और संतरे के रस में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। अंडे, मांस और कॉड में कोलीन और मांस, सेम, डेयरी उत्पाद, समुद्री भोजन, नट्स में प्रोटीन पाया जाता है। विटामिन बी-6 केले आलू, चिकन, नट्स, बीज, सेम और डेयरी में पाया जाता है। जबकि आयरन मांस, पालक और अनाज में पाया जाता है।
शेष कुंजी

तीसरी तिमाही में, गर्भवती महिलाओं को अपने खान-पान का विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके लिए फल, सब्जियां, प्रोटीन, साबुत अनाज, डेयरी उत्पाद का सेवन करना चाहिए जिससे शरीर को जरूरी विटामिन, मिनरल, आयरन, कैल्सियम जैसे जरूरी पोषक तत्व मिल सकें।
शिशु के मूवमेंट का ध्यान रखें

तीसरी तिमाही में बच्चे की मूवमेंट का ध्यान रखना चाहिए। अगर आप नोटिस करते है कि बच्चे की फीटल किक कम हुई है तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। अगर आपका बच्चा कम मूवमेंट कर रहा है तो यह किसी समस्या का संकेत हो सकता है। ऐसे में गर्भवती महिला को बच्चे की हालत की जांच करवाने के लिए टेस्ट करवाने पड़ते हैं।
डॉक्टर को बुलाएं

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही गर्भवती महिला का महत्वपूर्ण चरण है और इस चरण में हर गर्भवती को बहुत सावधान होना चाहिए। किसी भी प्रकार के असामान्य संकेत या लक्षण के मिलने पर तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। अगर योनि से अधिक स्राव, गंध, बुखार, ठंड लगना, दर्द पेशाब करते समय दर्द, सिर दर्द, दृष्टि में परिवर्तन या नियमित रूप में धुंधलापन जैसी समस्या हो रही है तो चिकित्सक से संपर्क कीजिए।
अपने आपको तैयार कीजिए

तीसरी तिमाही शिशु के आगमन की तैयारी के लिए सबसे अच्छा समय है। इसके लिए बच्चे के लिए सोने की जगह तय करना, स्तनपान कराने का तरीका सीखना, बच्चे के लिए क्या सही है और क्या गलत इसके बारे में जानना, आदि की तैयारी की‍ जा सकती है। साथ ही बच्चे‍ के आने के बाद अपने दैनिक दिनचर्या की योजना बनाना भी शिशु के आगमन की तैयारी का महत्वपूर्ण हिस्सा है।