बच्चों की टीवी देखने की आदत

टीवी आज सबसे अच्छा और रोचक साधन है जो आपको पूरी दुनिया के साथ जोड़ता भी है और खाली समय में आपका एंटरटेन भी करता है। लेकिन कई बार ये जरूरी साधन बच्चों के शौक के कारण जी का जंजाल भी बन जाता है। क्योंकि आजकल छोटे बच्चे अपना शाम का समय खेलने के बजाय टीवी में कार्टून देखना पसंद करते हैं। जिसके कारण बच्चे फिजीकली और मेंटली कमजोर हो रहे हैं। तो अगर आपका बच्चा भी टीवी देखने में अपना ज्यादातर समय व्यतीत करता है तो इन चार तरीकों से उनकी इस आदत में सुधार करें।
टाइम निर्धारित करें

सबसे पहले बच्चे का टीवी देखने का टाइम निर्धारित करें। जैसे की शाम को छह से सात बजे का टीवी देखने का टाइम निर्धारित करें और उनके सामने ये शर्त रखें कि इस समय भी टीवी देखने तब ही मिलेगा जब वो पांच से छह बजे तक कोई गेम खेलेंगे। या फिर पूरे दिन में बच्चा तीन शो देखता है तो उसे केवल 2 शो देखने की इजाजत दें और तीसरे शो के टाइम पर उसे कुछ खेलने या चार्ट पेपर बनाने के लिए कहें।
टीवी देखने के नुकसान बताएं

अगर बच्चा टीवी देखने पर रोक लगाने के कारण गुस्सा हो गया है तो टीवी देखने से होने वाले नुकसानों के बारे में बताएं। लेकिन ऐसे कारण बताएं जो उनकी समझ में आएं और जो जायज भी हों। जैसे की, ज्यादा टीवी देखने से आंखें खराब होती हैं। इससे बच्चे भी खुद ब खुद टीवी देखना कम कर देंगे।
कॉमिक्स पढ़ने को दें

बच्चों को टीवी दिखाने के बजाय कॉमिक्स पढ़ने के लिए प्रेरित करें। जैसे बचपन में हम सब नागारज, चाचा चौधरी, नंदन पढ़ते थे वैसे ही उन्हें भी ये सब कॉमिक्स दें। इससे बच्चों में पढ़ने की आदत विकसित होगी और नई-नई बातें भी सीखने को मिलेंगी।
उनके दोस्तों को बुलाएं

बच्चों को अपने दोस्तों के साथ मिलकर खेलना बहुत अच्छा लगता है। जाहिर है जब उसके दोस्त घर में हों तो वे भी टीवी देखने के बजाय खेलना ही पसंद करेंगे। इसलिए रोजाना उनके दोस्तों को घर पर बुलाएं।