लाल रक्त कोशिकायें बढ़ाने वाले आहार
खून में होमोग्लोबिन या रक्त कण की कमी हो जाने को एनिमिया या रक्ताल्पता कहा जाता है। अपने दैनिक आहार में कुछ खाद्य पदार्थों को शामिल करके आप लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या में सुधार कर सकते है।

ऑक्सीजन शरीर के हर कोशिका के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसके बिना कोई भी कोशिका काम नहीं कर सकती है। रक्ताल्पता (एनीमिया) वह अवस्था है, जहां पर लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या या ऑक्सीजन शरीर की बुनियादी शारीरिक जरूरत को पूरा करने के लिए अपर्याप्त होता है। अपने दैनिक आहार में इस स्लाइड शो में दिये खाद्य पदार्थों को शामिल करके आप लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या में सुधार कर सकते है।

आयरन की कमी को एनीमिया का सबसे आम कारण माना जाता है। जब शरीर अपने अंदर उचित मात्रा में आयरन उत्पन्न नहीं कर पाता तो वह पर्याप्त हीमोग्लोबिन का उत्पादन करने में असमर्थ होता है। हीमोग्लोबिन प्रोटीन युक्त हीम के रूप में एक आयरन है जो शरीर में ऑक्सीजन का निर्वाह करता है।

एनीमिया फोलिक एसिड, विटामिन बी 12 और सी की कमी के कारण होता है जो कम हीमोग्लोबिन गिनती के लिए जाना जाता है। अन्य कारणों में दुर्घटना, बोन मैरो दोष, कैंसर, किडनी में संक्रमण, कुछ दवाएं और दर्द निवारक दवाओं को ज्यादा प्रयोग या महिलाओं में भारी माहवारी के के कारण खून की कमी हो सकती है। कभी कभी आंतों की सर्जरी आयरन को अवशोषित कर आंतों की क्षमता को प्रभावित कर सकती है।

एनीमिया के आम लक्षणों में त्वचा में पीलापन, कमजोरी, थकान, सांस की तकलीफ, एकाग्रता में कमी शामिल है। अन्य लक्षणों में त्वचा पर समय से पहले झुर्रियां पड जाना, घाव हो जाने पर उसके ठीक होने या भरने में जरूरत से ज्यादा समय लगना, सिर दर्द और दिल की धडकन बढ जाना आदि शामिल है। रक्त परीक्षण की कमी से इसकी पुष्टि हो सकती है।

शरीर में आयरन या हीमोग्लोबिन की मात्रा कम होने पर तुरंत ध्यान देना चाहिए क्योंकि यह शरीर की चायपचय को प्रभावित करता है। यह प्रक्रिया बीमारी की निशानी के बजाय एक रोग ही है। क्रोनिक एनीमिया जैसे सिकल सेल एनीमिया किडनी रोग, थैलासीमिया, एनीमिया के कारण होता है। और एनीमिया की समस्या पोषण में कमी के कारण होती है इसलिए आहार में परिवर्तन करके इससे बचा जा सकता है।

पर्याप्त लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए फोलिक एसिड और विटामिन बी 12 की जरूरत होती है। फोलिक एसिड एक पानी में घुलनशील विटामिन है इसलिए एक नियमित आधार पर इसे जमा नहीं किया जा सकता है।

फोलेट की कमी का ध्यान रखें। इसके लिए अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक, मेथी, बीन्स और दालें जैसे मसूर, मूंग, अरहर और उड़द की दाल को शामिल करें। इसके साथ ही सब्जियों को ज्यादा पकाने से बचें क्योंकि ऐसा करने से उसमें मौजूद फोलिक एसिड कम हो जाते हैं।

विटामिन बी- 12 पशु उत्पादों से प्राप्त होने के कारण, शाकाहारी लोगों में इसकी कमी पाई जाती है। इसके अलावा, कुछ मामालों में ऑटोइम्यून विकार में प्रतिरक्षा प्रणाली पेट की कोशिकाओं पर हमला कर प्रोटीन की मात्रा कम कर देती है जिसे आंतरिक कारक कहा जाता है। यह भोजन से विटामिन बी 12 के अवशोषण के लिए आवश्यक होता है। विटामिन बी 12 ट्यूना मछली, अंडे और शाकाहारियों के लिए दूध, पनीर और दही में पाया जाता है।

शतावरी, तिल के बीज, बादाम, अंजीर और काली किशमिश में आयरन भरपूर मात्रा में होता है। कुछ बादाम, काली किशमिश और एक अंजीर दिनभर में आयरन की अच्छी आपूर्ति हमें दे देते हैं। साथ ही शतावरी, तिल के बीज, कुछ बादाम, काली किशमिश और सूखी अंजीर से बना शानदार खाना आयरन और फोलिक एसिड का स्तर बढ़ा सकता हैं।

खाना पकाने का तरीका भी लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ने में आपकी मदद कर सकता है। इसके लिए लोहे के बर्तन में खाना पकाना से आयरन की मात्रा में वृद्धि होती है।

चीनी की जगह गुड का इस्तेमाल फायदेमंद साबित होता है। हालांकि दोनों में बराबर मात्रा में कैलोरी होती है। लेकिन गुड़ को लोहे के कंटेनर में गन्ने के रस को उबालकर प्राप्त किया जाता है इसलिए यह आयरन का बहुत अच्छा स्रोत होता है।

विटामिन सी आयरन के अवशोषण में मदद करता है। इसलिए अपने आहार में विटामिन सी जैसे स्ट्रॉबेरी, मौसमी, अमरूद, ब्रोकोली, शिमला मिर्च जैसे खाद्य पदार्थों को अधिक से अधिक मात्रा में लें। भोजन पर निचोड़ा गया नींबू विटामिन सी लने का सबसे सस्ता और स्वादिष्ट रूप है। इसके साथ ही यह आयरन के अवशोषण में सहायता करता है।
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