ये हैं 5 बॉडीबिल्डिंग झूठ जिसे लोग सच मान लेते हैं!

लोग फिट रहने के लिए जिम जाते है और बॉडी बनाते हैं। खासकर युवाओं में बॉडीबिल्डिंग को लेकर क्रेज काफी देखने को मिलता है। बॉडीबिल्डिंग को लेकर युवाओं में कई तरह की भ्रांतियां होती हैं, जिसके चलते उनका वर्कआउट प्रभावित होता है, तो आइए जानते हैं बॉडीबिल्डिंग के उन 5 मिथक और उसकी सच्‍चाई क्‍या है, जिसे सोचकर युवा परेशान होते हैं।

Atul Modi
Written by:Atul ModiPublished at: Aug 21, 2017

मिथक- हैवी वेट से ही बनेंगे बड़े मसल्स

मिथक- हैवी वेट से ही बनेंगे बड़े मसल्स
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सच- बॉडीबिल्डिंग का बहुत ही बेसिक कायदा है कि बड़ा नहीं उठाओगे तो बड़ा नहीं पाओगे। मतलब ये है कि भारी से भारी वेट उठाओ, मसल्स बनाओ। ये बात सही है मगर सौ फीसदी नहीं। रिसर्च कहती है कि सिर्फ हैवी वेट उठाने से काम नहीं चलता। हम और कई तरीकों से अपने मसल्स को वो टेंशन दे सकते हैं जो हैवी वेट से मिलती है। इसके लिए जो भी सेट लगाएं उनमें आखिर के चार से पांच रैप में दिमाग पूरी तरह से मसल्स पर फोकस रखें। ड्रॉप सेट, हाफ रैप, स्‍लो रैप, सुपर सेट वगैरा का इस्तेमाल करें।  

मिथक- हजार सिट अप्स है जरूरी

मिथक- हजार सिट अप्स है जरूरी
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सच- अगर आप ऐब्डॉमनल मसल्स पर काफी समय से काम कर रहें हैं लेकिन फिर भी उन्हें देख नहीं पा रहे है तो समस्या आपके पूरे शरीर के फैट परसेंटेज के साथ है आपकी एकसरसाइज के साथ नहीं।

मिथक- सप्लीमेंट्स लेना है जरुरी

मिथक- सप्लीमेंट्स लेना है जरुरी
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सच- बॉडीबिल्डिंग में बहुत सी चीजें है जरूरी- काम करने की तीव्र इच्छा, लग्न और स्ट्रांग विल पावर। हालाँकि सप्लीमेंट्स की जरूरत नहीं होती है। सबूत के लिए आप कुछ पुराने बॉडी बिल्डर्स के बारें में पढ़ सकते है जिन्होंने बिना किसी सप्लीमेंट्स के, अपनी मेहनत से अपनी बॉडी बनाई है। सप्लीमेंट्स आपको गेनिंग में मदद कर सकते है लेकिन अंत में कठोर परिश्रम से ही आप वास्तव में अच्छी बॉडी पा सकते है। इसके अलावा केवल हाई इंटेंसिटी वर्कआउट कर रहें है तो ही 2 ग्राम से ज्यादा प्रोटीन ले सकते हैं।

मिथक- प्रतिदिन वेट लिफ्टिंग करनी है जरूरी

मिथक- प्रतिदिन वेट लिफ्टिंग करनी है जरूरी
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सच- बहुत सारे लोग यह मानते हैं की रोज लिफ्टिंग करना हरेक के लिए जरूरी नहीं है। वे मानते है रोज रोज लिफ्टिंग करने से आपकी बॉडी ओवर ट्रैनड भी हो जाती है। ओवर ट्रेनिंग से आपको चोट भी लग सकती है जिससे आप हमेशा के लिए लिफ्टिंग करने से वंचित रह सकते हैं। सच तो यह है की प्रतिदिन की जाने वाली वेट लिफ्टिंग आपको हानि नहीं पहुँचाती। क्योंकि कई व्यक्ति रोज लिफ्टिंग करने से भी सफल है तो वहीँ कई लोग हफ्ते में 2 -3 बार भी लिफ्टिंग करने से सफल हुए हैं। यह जरूरी नहीं की जो तरीका आपके लिए काम करें वो दूसरों को भी वही नतीजा दे।

मिथक- जिम ट्रेनर को सब मालूम होता है

मिथक- जिम ट्रेनर को सब मालूम होता है
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सच- बहुत से लोग सोचते है की जिम ट्रेनर या प्रोफेशनल बॉडी बिल्डर को बॉडी बनाने, प्रोटीन, ड्रग्स के बारे में सारी जानकारी होती है। सच तो यह है की फिटनेस वर्ल्ड के लिए यह बहुत ही दयनीय स्थिति है की आजकल कई अनपढ़, अन ट्रैनड व्यक्ति मात्र सिक्स पैक ऐब्स बनाकर खुद को न्यूट्रिशन और सप्लीमेंट्स एक्सपर्ट मानने लग जाते हैं। और तो और वे युवाओं को जल्दी बॉडी बनाने के लिए स्टेरॉयड जैसे खतरनाक सप्लीमेंट्स को इस्तेमाल करने की गलत सलाह भी दे देते है।

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