15 उपाय जो जीवन से विषाक्त पदार्थों को कर देंगे कम
शरीर में हवा, पानी और खाने में मौजूद प्रदूषण और अन्य प्रतिकूल तत्व के कारण टॉक्सिंस जमा हो जाते हैं, जो बीमारियां फैलाते हैं।

शरीर को फिट रखने और बीमारियों से बचाने के लिए जरूरी है शरीर के अंदर मौजूद टॉक्सिंस बाहर निकलते रहें। दरअसल हमारे शरीर में हवा, पानी और खाने में मौजूद प्रदूषण और अन्य प्रतिकूल तत्व के कारण टॉक्सिंस जमा हो जाते हैं, यह जहर की तरह हैं। जब ये विषाक्त पदार्थ हमारे लीवर में जमा हो जाते हैं तो ये त्वचा को बेजान कर देते हैं, नींद पूरी नहीं होने देते और हर हमेशा थकान का अनुभव होता है। इसलिए जरूरी है इनको शरीर से बाहर रखा जाये, इस क्रिया को डीटॉक्सीफिकेशन कहते हैं। आगे के स्लाइडशो में पढि़ये इन तरीकों के बारे में।
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डिब्बाबंद आहार आपके स्वास्थ्य के लिहाज से ठीक नहीं हैं, इसलिए इनको खाने से बचें। दरअसल डिब्बाबंद आहार में बीपीए (बिस्फेनॉल ए) पीओपी (पर्सिस्टेंट ऑगेनिक पोलूटेंट होता है, जो शरीर में विषाक्त पदार्थों के लिए जिम्मेदार है। इसलिए डिब्बाबंद आहार खाने से परहेज कीजिए चाहे वह आर्गेनिक फूड ही क्यों न हो।
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पानी पीना स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है और यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। लेकिन प्लास्टिक की बोतलों से पानी पीने से बचें, इसमें बिस्फेनॉल होता है जो विषाक्त पदार्थों के लिए जिम्मेदार कारक है।
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सजना संवरना किसे नहीं भाता, इसके लिए लोग बाजार में मौजूद कई तरह के उत्पादों का प्रयोग करते हैं। लेकिन शायद आपको नहीं पता है कि बाजार में मौजूद मेकअप के सामान आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए जब भी मेकअप सामग्री का प्रयोग करें तो उसपर लिए निर्देशों को ध्यान से पढ़ें। यदि इसमें फ्थेलेट्स (phthalates) और ट्रिक्लोसन (Triclosan) हो तो उसे प्रयोग न करें।
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घर की सफाई जरूरी है लेकिन इसके लिए प्राकृतिक क्लीनर का प्रयोग करना ही अच्छा है। दरअसल सिंथेटिक युक्त केमिकल क्लीनर डायऑक्सिन का निर्माण करते हैं जो बीमारियों को फैलाता है। यह लीवर के लिए भी नुकसानदेह है और स्तन कैंसर का कारण भी बन सकता है।
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ऐसे आहार को खाने से बचें जिसमें अतिरिक्त वसा हो, यह आपके लीवर की कार्यशीलता में बाधक बन सकता है। इसलिए रेड मीट जैसे आहार खाने से परहेज करें।
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शरीर के विषाक्त पदार्थों को निकालने में आहार की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अंगूर, प्याज, लहसुन, धनिया, अजवायन, पत्तेदार सब्जियां, आदि के सेवन से शरीर से टॉक्सिंस बाहर निकलते हैं।
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अधिक मात्रा में कैफीन का सेवन करने से बचें। दिन में 2 कप कॉफी या 4-5 कप चाय से अधिक न पियें। इसकी जगह ग्रीन टी और लेमन टी का सेवन अधिक मात्रा में करें।
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मादक पदार्थों के सेवन से बचें, ये लीवर को कमजोर बनाते हैं। मादक पदार्थों जैसे - तंबाकू, ड्रग्स आदि के सेवन से बचें।
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अधिक मात्रा में शराब और धूम्रपान आपको बीमार बनाता है। इसके कारण शरीर में विषाक्त पदार्थ भी जमा हो जाते हैं, इसलिए धूम्रपान और शराब से तौबा कर लें।
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तनाव भी शरीर में विषाक्त पदार्थों को बढ़ाने का प्रमुख कारण है। तनाव के कारण कार्टिसोल हार्मोन का स्राव होता है जो कई प्रकार की बीमारियों जैसे - ब्लड प्रेशर, वजन बढ़ना, डायबिटीज, अनिद्रा, दिल की बीमारियों के लिए जिम्मेदार होता है।
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हमें यदि कोई हल्की सी बीमारी हो जाती है तो हम तुरंत एंटीबॉयटिक का सेवन करते हैं। लेकिन इसके कई प्रकार के साइड इफेक्ट होते हैं। इसलिए चिकित्सक की सलाह के बगैर दवाओं का सेवन न करें।
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वजन अधिक होने के कारण भी शरीर में टॉक्सिंस जमा होते हैं, इसलिए यदि आपका वजन बीएमआई के अुनसार अधिक है तो उसे कम करें।
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व्यायाम करने से आप न केवल फिट रहते हैं बल्कि बीमारियों से भी बचे रहते हैं। इसलिए नियमित रूप से 30-40 मिनट का व्यायाम जरूर करें।
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पानी पीना स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है, पानी पीने से शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं। इसलिए रोज 8-10 गिलास पानी जरूर पियें।
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शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने के लिए सबसे जरूरी है भरपूर नींद। भरपूर नींद लेने से आप बीमारियों से बचते हैं और फिट भी रहते हैं। इसलिए रोज 7-9 घंटे की नींद जरूर लें।
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इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।