लिवर को घातक नुकसान पहुंचाती है फैटी लिवर की स्थिति, जानें कैसे और क्यों होती है ये बीमारी

फैटी लिवर एक ऐसी स्थिति है, जब लिवर की कोशिकाओं में गैरजरूरी फैट की मात्रा बढ़ जाती है और इससे लिवर को स्थायी नुकसान पुहंचने का खतरा रहता है। इंफ्लैमटॉरी एक्शन से लिवर के टिशू कठोर हो जाते हैं।

Jitendra Gupta
Written by:Jitendra GuptaPublished at: Feb 05, 2018

क्या है फैटी लिवर

क्या है फैटी लिवर
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व्यस्त जीवनशैली और अस्वस्थ भोजन से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं उन्हीं में से एक है फैटी लिवर। अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए तो यह गंभीर रूप ले सकता है। फैटी लिवर एक ऐसी स्थिति है, जब लिवर की कोशिकाओं में गैरजरूरी फैट की मात्रा बढ़ जाती है और इससे लिवर को स्थायी नुकसान पुहंचने का खतरा रहता है। इंफ्लैमटॉरी एक्शन से लिवर के टिशू कठोर हो जाते हैं।

फैटी लिवर के तीन रूप

फैटी लिवर के तीन रूप
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फैटी लिवर रोग के तीन रूप हो सकते हैं, स्टीटोसिस, (जिसमें सूजन के बिना फैटी लीवर होता है), स्टीटोहैपेटाइटिस (जख्म और सूजन वाला लिवर, जोकि शराब के सेवन से होता है) और तीसरा नॉन-एलकोहॉलिक स्टीटोहैपेटाइटिस या नैश (बेहद आम है और उपचार ना किय जाने की स्थिति में नैश, गंभीर और अपरिवर्तनीय है, का कारण बनता है।) नॉन-एलकोहॉलिक फैटी लिवर डिज़ीज में शुरू में लक्षण दिखई नहीं देते हैं, लेकिन वसा के लिवर में जमा होने के साथ पेट में दर्द या थकान जैसे लक्षण समय के साथ दिखाई दे सकते हैं। अधिक वजन या मोटापा, शराब और अप्रबंधित मधुमेह आदि फैटी लीवर के विकास में योगदान कर सकते हैं। इसका उपचार इसके कारणों पर निर्भर करता है, लेकिन आमतौर पर लिवर में बढ़ रही अतिरिक्त वसा की मात्रा को सीमित करने के लिए आहार में परिवर्तन, वजन प्रबंधन, शराब संयम और स्वास्थ्य की स्थिति के प्रबंधन आदि को शामिल किया जाता है। 

वसा और कोलेस्ट्रॉल को सीमित करना जरूरी

वसा और कोलेस्ट्रॉल को सीमित करना जरूरी
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मांसाहार युक्त पदार्थों, स्वस्थ ऊतकों और ऊर्जा भंडारण व पोषक तत्व अवशोषण के लिए वसा बनाए रखने के लिए प्रोटीन की आपूर्ति करते हैं। संतृप्त वसा और कोलेस्ट्रॉल में उच्च खाद्य पदार्थों की अधिक सेवन से फैटी लिवर जटिल हो सकता है। फैटी रेड मीट और डेयरी खाद्य पदार्थों की जगह, प्रति सप्ताह मछली के दो सर्विंग्स बेक किया हुआ चिकन और कम वसा वाले डेयरी उत्पाद लें। तले हुए खाद्य पदार्थ से बचें, संतृप्त वसा सामग्री के लिए पोषण लेबल को ठईक से पढ़ें तथा अगर रेड मीट खाते ही हैं तो सप्ताह की जगह महिने में एक बार इसका सेवन करें। साथ ही अपनी विशिष्ट स्थिति के आधार पर, डॉक्टर से दैनिक वसा, कोलेस्ट्रॉल और प्रोटीन के सेवन का प्लान तैयार कराएं।

फल, सब्जियां और अनाज का सेवन जरूरी

फल, सब्जियां और अनाज का सेवन जरूरी
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कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ थर्मल ऊर्जा का मुख्य स्रोत है तथा विटामिन, खनिज और फाइबर भी प्रदान करता है, जोकि लिवर की क्षति को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक होते हैं। कोई क्षतिग्रस्त लिवर को संग्रहित ऊर्जा को कार्बोहाइड्रेट से ग्लाइकोजन में परिवर्तित करने में कठिनाई होती है। इसलिये, पर्याप्त ऊर्जा की आपूर्ति के लिए आपको दैनिक भोजन की एक विशेष राशि की आवश्यकता होती है। खुबानी और नींबू जैसे ताजे फल, साग, ब्रोकोली या शतावरी जैसी कच्ची या उबली हुई सब्जियां तथा साबुत अनाज को अपने आहार में शामिल करें। अपने फैटी लीवर स्थिति के आधार पर, सर्विंग की मात्रा के लिये अपने चिकित्सक से परामर्श लें। पेट में तरल रुकने या उच्च रक्तचाप को रोकने के लिए सोडियम की खपत को सीमित करें। शराब का सेवन व धूम्रपान बंद करें।  

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