इन बातों को जानकर माइक्रोवेव का इस्तेमाल करने से बचेंगे आप
माइक्रोवेव से निकलने वाली इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक तरंगे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही नुकसानदेह हैं, इसके अधिक संपर्क में आने से कैंसर, डायबिटीज, दिल की बीमारी, पाचन शक्ति आदि प्रभावित हो सकती है।

माइक्रोवेव के नुकसान
माइक्रावेव का अधिक प्रयोग करने से कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्यायें हो सकती हैं। इससे निकलने वाली मैग्नेट तरंगे नर्वस सिस्टम, दिल, फेफड़ों, दिमाग सहित लगभग पूरे शरीर पर असर करती हैं। माइक्रोवेव का प्रयोग अगर गर्भवती महिलायें अधिक करें तो इससे गर्भपात हो सकता है। इससे निकलने वाली तरंगे कोशिकाओं को प्रभावित करती हैं। इसलिए माइक्रोवेव का प्रयोग सावधानीपूर्व करना चाहिए, या इसका प्रयोग करने से बचना चाहिए।
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कुछ शाध की मानें तो
माइक्रोवेव के प्रयोग से होने वाले नुकसान को लेकर अब तक पूरी दुनिया में शोध हो रहे हैं। यूरोप के कई देशों में इसका विरोध हो रहा है। अमेरिका में एक स्टडी में पता चला है कि दो साल या उससे ज्यादा पुराने 56 फीसदी माइक्रोवेव अवन में रेडिएशन काफी बढ़ जाता है। इसकी वजह से बांझपन, ब्रेस्ट कैंसर, नर्वस सिस्टम और डीएनए को नुकसान हो सकता है। गर्भपात या कुपोषित बच्चे जैसी दिक्कतें भी हो सकती हैं।
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कैंसर की संभावना
माइक्रावेव के अधिक प्रयोग के कारण कैंसर की संभावना बढ़ जाती है, क्योंकि इससे निकलने वाली किरणें खाने की पोषण क्षमता को कम कर देती हैं। शोधों की मानें तो माइक्रवेव अवन खाने में विटामिन बी, सी और ई, वाइटल एनर्जी और न्यूट्रीशंस को कम करते हैं।
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मुंह का जलना
माइक्रोवेव अवन के प्रयोग से मुंह जलने के मामले भी सामने आए हैं, क्योंकि इसमें बाहर से बर्तन ठंडा रहता है, जबकि अंदर रखी खाने-पीने की चीज बेहद गर्म हो जाती है। छोटे बच्चों की दूध की बोतल माइक्रोवेव में कभी गर्म नहीं करनी चाहिए।
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डायबिटीज की संभावना
माइक्रोवेव के कारण शरीर में इंसुलिन बनने की क्रिया प्रभावित होती है जिसके कारण डायबिटीज होने की संभावना रहती है। माइक्रोवेव अवन अगर 5 मेगावॉट का है तो उससे इंसुलिन बनना बंद होने का खतरा होता है, जिससे डायबीटीज हो सकती है।
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दिल की बीमारियां
माइक्रोवेव का अधिक प्रयोग दिल के लिए भी नुकसानदेह है। क्योंकि इससे निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगे रक्त संचार को प्रभावित करती हैं जिसका असर दिल की धड़कन पर पड़ता है। इसके कारण दिल से संबंधित बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है।
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ऊतकों पर प्रभाव
माइक्रोवेव से निकलने वाली ईएमआर यानी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडियेशन ऊतकों को भी प्रभावित कर स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। दरअसल ये तरंगें ऊतकों में छेद कर शरीर के अंदर पहुंचने की क्षमता रखते हैं।
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इम्यून सिस्टम पर प्रभाव
माइक्रोवेव के प्रभाव के कारण आणविक विघटन होता है, जिससे खाने में भारी मात्रा में अप्राकृतिक रेडियोलाइटिक यौगिक बन जाते हैं। ये खून को नुकसान पहुंचाते हैं और शरीर की रक्षा-प्रणाली को कमजोर बनाते हैं।
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दिमाग पर प्रभाव
माइक्रोवेव में पका खाना खाने से स्मरणशक्ति, एकाग्रता, बुद्धिमत्ता और भावनात्मक स्थिरता कमजोर पड़ती है। लंबे समय तक माइक्रोवेव का खाना खाने से दिमाग की कोशिकायें प्रभावित होती हैं और दिमाग कमजोर होने लगता है।
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पाचन तंत्र प्रभावित होता है
माइक्रोवेव का अधिक प्रयोग करने से पाचन तंत्र संबंधित समस्यायें होने लगती हैं। इसमें खाना पकाने से आई अस्थिरता और विकृति के कारण पाचनतंत्र संबंधी रोग हो जाते हैं। यहां तक कि आमाशय और आंतों का कैंसर भी इसके कारण हो सकता है और पाचन तथा उत्सर्जन तंत्र भी कमजोर पड़ जाता है।
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अनिद्रा
माइक्रोवेव की इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक तरंगें शरीर में ऊर्जा संचरण और रक्त संचार को प्रभावित करती हैं। इससे रक्त कोशिकाओं की सामान्य क्रियाएं प्रभावित होती है। इसके कारण चिड़चिड़ापन, नींद न आना, शुक्राणु की कमी, आदि समस्यायें होने लगती हैं।
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