आंखों की दवा (आई ड्रॉप्स) के इस्तेमाल में बरतें सावधानी, छोटी सी गलती पड़ सकती है भारी
आंखों में डाली जाने वाली दवाओं (आई ड्रॉप्स) का इस्तेमाल बहुत सावधानी से करना चाहिए। आंखें संवेदनशील होती हैं। बिना डॉक्टर की सलाह के आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है।

आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल
आंखों में दर्द, आंखें लाल होना या ऐसी अन्य समस्याओं में अक्सर लोग बिना किसी सलाह के ही मेडिकल स्टोर से आई ड्रॉप खरीदकर आंखों में डाल लेते हैं। उस समय भले ही ये आपकी समस्या को ठीक कर दें, मगर बिना डॉक्टर की सलाह के आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है। अगर आप आंखों में जरूरत से ज्यादा दवा डाल लेते हैं, तो ये नुकसानदायक हो सकता है। इसके अलावा लंबे समय तक किसी आई ड्रॉप को इस्तेमाल करने से आंखें खराब भी हो सकती हैं। आइए आपको बताते हैं कि आई ड्रॉप्स के इस्तेमाल में आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

सभी एक बार में नहीं
मेरिओनॉक्स के अनुसार, जल्दी से आंखों में ड्रॉप्स डालने की गलती आमतौर पर ज्यादातर सभी लोग करते हैं। लेकिन आंख में वास्तव में केवल एक ही ड्रॉप को पकड़ने की क्षमता होती है, और दूसरी सिर्फ आपके चेहरे से नीचे जाकर बर्बाद हो जाती है। इसलिए आंखों में ड्रॉप डालते समय ध्यान रखें कि एक ड्रॉप डालने के कुछ देर बाद दूसरी बूंद डालें।

मिक्स और मैच न करें
अगर आपने एक ही समय में एक से अधिक आई ड्रॉप डालनी हैं तो कुछ समय के अंतर में डालें। यानी एक बूंद डालने के बाद दूसरी ड्रॉप डालने पर थोड़ा सा इंतजार करें। मेरिओनॉक्स कहते हैं कि एक साथ दवा डालने से दवाएं आंखों में जलन और बहुत अधिक पानी का कारण बनता हैं, साथ ही दवाओं का प्रभाव कम हो जाता है। मेरिओनॉक्स कहते हैं कि अलग-अलग बूंदों के इस्तेमाल का सबसे अच्छा तरीका जानने के लिए अपने नेत्र चिकित्सक से बात करें।

खुराक का ध्यान रखें
किसी भी दवा की तरह, आई ड्रॉप को भी निर्देशन अनुसार लिया जाना बहुत जरूरी होता है। खुराक को बंद करना या अति प्रयोग उपचार को प्रभावित कर सकता है। मोतियाबिंद जैसी गंभीर अवस्था में रोगी को अपनी आंख में दवा का इस्तेमाल करना हमेशा याद रखना चाहिए।

डॉक्टर से मिलने के समय दवाओं को छोड़ें नहीं
दवा का उपयोग हमेशा निर्देश के अनुसार ही करें, अक्सर लोग डॉक्टर से मिलने जाते समय आई ड्रॉप को नहीं डालते। लेकिन मेरिओनॉक्स के अनुसार, नेत्र चिकित्सक से मिलने का उद्देश्य यह देखना हैं कि दवा ठीक से काम कर रही हैं या नहीं। और दवा के ना डालने से यह उद्देश्य पूरा नहीं होता।

एक्सपायरी डेट का ध्यान रखें
आंखों में दवा को डालने से पहले उस पर दी एक्सपायरी डेट को जरूर चेक कर लेना चाहिए। और उपचार के बाद अगर उसमें कुछ बूंदें बच गई हैं, तो उसे किसी सुरक्षित जगह पर रख देना चाहिए। लेकिन कई दवाएं ऐसी होती है, जिनका इस्तेमाल एक महीने अंदर किया जाता हैं। इस बात का हमेशा ध्यान रखें। मेरिओनॉक्स कहते हैं कि यदि आपको किसी दवा के इस्तेमाल से कोई समस्या महसूस हो रही है तो इसके अंधाधुंध इस्तेमाल से बचें।

स्वयं निदान न करें
मेरिओनॉक्स के अनुसार, लाल आंखों की समस्या के लिए या आंखों में अन्य समस्या होने पर स्वयं इलाज न करें। मामूली समस्याओं में अगर 24 से 48 घंटे में सुधार नहीं होता है। तो समस्या को पहचाने के लिए आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। लेकिन अगर आपको दृष्टि हानि जैसी अधिक गंभीर लक्षण है, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

ड्रॉप्स की सही जानकारी
हमेशा अपनी आंखों में दवा डालने से पहले दवा की बोतल की दोहरी जांच कर लें। क्योंकि अक्सर लोग आंख की बजाय कान की ड्रॉप्स से भ्रमित होते हैं। मरिओनीक्स कहते हैं, कि कुछ लोग अनजाने में अपनी आंखों में ईयर ड्रॉप डाल देते हैं जो कभी-कभी बहुत नुकसानदेह होता है।

आई ड्रॉप्स डालने का तरीका
अक्सर लोग आंखों के बाहर दवाई डाल देते हैं। यह दवाई डालने का सही तरीका नहीं है। आंखों में ड्रॉप्स डालते समय अपना माथा पीछे की ओर करके छत की तरफ देखें। धीरे से पलक को ऊपर करें और ‘आई-ड्रॉप्स’ डालें। दवा डालते हुए ध्यान रखें कि ड्रॉपर आंख से दूर ही रखें।
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