टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए एक्सरसाइज टिप्स
डायबिटीज 2 से पीड़ित लोगों को इसकी जटिलताओं को कम करने के लिए एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है। आहार और दवा के साथ, एक्सरसाइज ब्लड शुगर के स्तर और वजन को कम करने में मदद करती है।

व्यायाम सुरक्षित होता है और टाइप टू डायबिटीज से पीड़ित ज्यादातर लोगों को इसकी जटिलताओं से बचने के लिए एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है। आहार और दवा के साथ, एक्सरसाइज ब्लड शुगर के स्तर और वजन को कम करने में मदद करती है। images courtesy : getty images

हालांकि, नियमित एक्सरसाइज की बात कई लोगों को डरावनी लग सकती हैं। लेकिन अगर आपको अभी-अभी टाइप 2 डायबिटीज हुआ है, तो आपके लिए कभी-कभी एक्सरसाइज करने का कोई लाभ नहीं होगा। ऐसे में आप चिंता न करें, धीमी गति से शुरूआत करें। यहां दिये गये टिप्स को अपनाकर आप स्वयं को आसानी से एक्सरसाइज से जोड़ पायेगें और साथ ही आपको एक एक्सरसाइज योजना खोजने में मदद मिलेगी। images courtesy : getty images

जॉर्ज ग्रिफ्फिंग, एमडी, प्रोफेसर ऑफ एंडोक्रिनओलोजी के सेंट लुइस ऑफ मेडिसिन यूनिवर्सिटी के अनुसार, अगर आप हर दिन 30 मिनट के लिए एक्सरसाइज करते हैं तो कई संक्षिप्त वर्कआउट आपके लिए ठीक रहते हैं। ग्रिफ्फिंग के अनुसार, 30 मिनट नियमित रूप से एक्सरसाइज जिसमें स्ट्रेच शामिल हो आपके लिए सही होता हैं। images courtesy : getty images

एक्सरसाइज का एक विशेष प्रकार अपनाने के साथ-साथ अपनी सामान्य गातिविधियों को भी बढ़ाये, जैसे चलना, सीढ़ियां चढ़ना
आदि। हालांकि बहुत से लोगों को एकमात्र अभ्यास के रूप में घर के कामकाज या अन्य दैनिक गतिविधियों पर भरोसा नहीं है। लेकिन यह गतिविधियां भी एक्सरसाइज की तरह कैलोरी को जलाती है। images courtesy : getty images

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 26 अध्ययनों की समीक्षा कर यह कहा कि पेडोमीटर का इस्तेमाल शारीरिक गतिविधि के लिए प्रेरणा हो सकता है। 2007 में प्रकाशित समीक्षा के अनुसार, जो लोग पेडोमीटर का इस्तेमाल करते हैं, उनकी गतिविधि लगभग आम एक्सरसाइज करने के मुकाबले लगभग 27 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। पेडोमीटर पर एक दिन में 10,000 कदम का लक्ष्य रखना सही रहता है। भले ही आप अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाये। पेडोमीटर के इस्तेमाल से वजन कम और रक्तचाप नियंत्रित रहता है। जो लोग पेडोमीटर का इस्तेमाल नहीं करते उन्हें प्रतिदिन 2500 से ज्यादा कदम चलना चाहिए। images courtesy : getty images

कोलंबिया में मिसौरी यूनिवर्सिटी, मो के कोन पीएचडी एसोसिएट डीन जिन्होंने डायबिटीज और एक्सरसाइज पर अध्ययन किया हैं, के अनुसार, दोस्तों के साथ एक्सरसाइज महत्वपूर्ण प्रेरक हो सकता हैं, विशेष रूप से ऐसे लोगों के लिए जिनकी उम्र 60 से अधिक है। images courtesy : getty images

अपने एक्सरसाइज के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विशिष्ट लक्ष्य निर्धारित करना बहुत जरूरी होता है। उदाहरण के लिए आप प्रत्येक सोमवार, बुधवार और शनिवार को 10 मिनट वॉकिंग का एक लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं। ऐसा करने से आप अपने लक्ष्यों को पाने की कोशिश करते हैं और अधिक एक्सरसाइज करने की प्रेरणा मिलती है। images courtesy : getty images

एक्सरसाइज न करने पर क्या बुरा हो सकता था। ऐसी खराब चीजों पर ध्यान केंद्रित करने की बजाय लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए स्वयं को इनाम दें। आप स्वयं को कह सकते हैं कि "अगर मैं 10 मिनट सप्ताह में तीन बार एक्सरसाइज करता हूं तो अगले तीन सप्ताह के लिए मैं सप्ताह में पांच बार व्यायाम करूंगा। साथ ही अन्य लाभ जैसे वॉक के दौरान अधिक एनर्जी या आनंद को भी महसूस करें। images courtesy : getty images

कई बार कई प्रकार के संकेतों से भी हम एक्सरसाइज के लिए स्वयं को उकसाते हैं। जैसे अपने फ्रिज पर एक नोट रखकर या टहलने के लिए जाने के लिए एक चेतावनी के रूप में पीछे के दरवाजे के बगल में अपने वॉंकिंग जूतों को रखने से एक्सरसाइज की संभावना ज्यादा होती है। images courtesy : getty images

कोन के अनुसार, अपने लक्ष्यों के बारे में लिखें, इसमें विस्तृत जानकारी इकट्ठी करें और हर समय की गई एक्सरसाइज के बारे में रिकॉर्ड लिखें। जैसे आपने हर दिन 10 या 15 मिनट या अधिक एक्सरसाइज की हैं, इसके बारे में अपने कैलेंडर पर रिकॉर्ड रखें। इससे आपको अधिक एक्सरसाइज करने की प्रेरणा मिलेगी। images courtesy : getty images

अगर आप घर में एक्सरसाइज नहीं करना चाहते तो एक्सरसाइज क्लास ज्वाइन कर सकते हैं। इस तरह से आपमें नियमितता आएगी, आप इंस्ट्रक्टर की निगरानी में एक्सरसाइज करेगें और आपात मदद के लिए किसी की सहायता भी ले पायेगें। साथ ही इंस्ट्रक्टर की मदद से एक्सरसाइज करने से आपको पता चलता हैं कि आपका शरीर कैसे प्रतिक्रिया करता है और बाद में आप स्वयं भी अधिक आत्मविश्वास के साथ इन एक्सरसाइज को कर सकते हैं। images courtesy : getty images

कोन के अनुसार, अपने लिये कम लक्ष्य निर्धारित करना और इसे सफल बनाना बेहतर होता है। इससे आत्मविश्वास की भावना बढ़ जाती है। एक बार कम लक्ष्य को पाने के बाद अगली बार अपने लक्ष्य को थोड़ा सा बढ़ा दें। छोटे लक्ष्यों से शुरुआत करने से सफल होने की संभावना अधिक रहती है। आसानी से प्राप्य लक्ष्य के साथ और धीरे-धीरे उनमें वृद्धि करें। images courtesy : getty images
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