महिलाओं के लिए जरूरी पोषण

यूं तो हर किसी के शरीर को पोषक तत्वों की जरूरत होती है। लेकिन पुरुषों और महिलाओं के शरीर की जरूरतों में काफी अंतर होता है। महिलाओं के शरीर में हार्मोन संबंधित काफी बदलाव होते हैं जैसे मासिक धर्म का होना, मां बनना और मेनोपॉज आदि में उनके शरीर की जरूरतें बदलती रहती हैं। आइए जानें महिलाओं को किस तरह के पोषक तत्वों की ज्यादा जरूरत होती है।
फोलिक एसिड

महिलाएं जब मां बने वाली होती हैं तो उन्हें फोलिक एसिड की बहुत ज्यादा जरूरत होती है। फोलिक एसिड की कमी के कारण न्यूरल ट्यूब को क्षति पहुंचती है जिससे दिमाग पर असर होता है। इसलिए फोलिक एसिड की कमी को पूरा करने के लिये हरी पत्तेदार सब्जियों, और एवोकैडो खाएं।
आयरन

एक महिला के जीवन में मासिक धर्म बहुत ही अहम चरण है। मासिक धर्म होने की वजह से महिलाओं के शरीर में रक्त की कमी होने लगती है, इसलिये यह कमी पूरी करने लिये अपने भोजन में पालक,सभी तरह की हरी सब्जियां, दालें अंजीर,अखरोट बदाम काजू, किशमिश,खजूर, आदि रक्त वर्धक पदार्थो का भरपूर उपयोग करना चाहिये।
कैल्शियम

कैल्शियम की कमी से महिलाओं में होने वाला रक्त का मासिक स्त्राव , प्रजनन की प्रक्रिया और मेनोपॉज के दौरान होने वाली एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी हो जाती है। इसलिए कैल्शियम की कमी न हो इसके लिए कुछ पदार्थ हर रोज अपने आहार में शामिल करें जैसे- दूध, पनीर, चीज़, दही, सोयाबीन, हरी सब्जियां, पत्ता गोभी, अंडे, मछली, काजू, बादाम में कैल्शियम की मात्रा भरपूर होती है।
विटामिन डी

विटामिन डी महिलाओं में पीरियड्स के दौरान होने वाले प्रीमेन्सट्रूअल सिंड्रोम में भी मदद करता है। गर्भावस्था के दौरान विटामिन डी की कमी से मां और बच्चे दोनों को कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। यह शरीर में कैल्शियम के स्तर को भी नियंत्रित करता है, शरीर में विटामिन डी की उचित मात्रा उच्च रक्तचाप के खतरे को कम करता है।
मैगनीशियम

मैगनीशियम कि वजह से हमारे शरीर में बहुत सरे रासायनिक प्रतिक्रियें होती हैं, यह मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत रखता है। यही नहीं यह ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे से भी बचाता है। मैग्नीशियम हृदय रोग को रोकने और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकते है। कद्दू के बीज, पालक, काले सेम और बादाम मैग्नीशियम के अच्छे स्त्रोत हैं।
विटामिन ई

शरीर में विटामिन ई की कमी से कई बीमारियां हो सकती हैं। शरीर को स्वस्थ बनाएं रखने के लिए विटामिन ई काफी लाभदायक होता है। सही मात्रा में इसके सेवन से शरीर कई प्रकार की बीमारियां से बचा रहता है और त्वचा पर भी निखार बना रहता है। विटामिन ई वनस्‍पति तेल, गेंहू, हरे साग, चना, जौ, शकरकंद, खजूर, क्रीम, बटर, स्‍प्राउट, कड लीवर ऑयल, आम, पपीता, कद्दू, पॉपकार्न और फ्रूट में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
ओमेगा -3 फैटी एसिड

अपने आहार में अति आवश्‍यक ओमेगा थ्री फैटी एसिड की मात्रा जरूर बढायें। यह आपको सॉलमन, मैक्‍रेल, ट्यूना और हेरिंग, जैसी म‍छलियों में मिलता है। इसके अलावा नट्स और बीजों, खासतौर पर चिया और अलसी के बीजों, का सेवन भी किया जा सकता है।
पौटेशियम

पौटेशियम का लेवल बहुत ज्यादा या बहुत कम होना दोनों ही खतरनाक साबित हो सकता है। कोशिकाओं के सामान्य रूप से कार्य करने के लिए पोटेशियम की एक सीमित मात्रा आवश्यक है। पोटेशियम मीट, चिकन और लाल मांस, मछली , इसके अलावा दही, शकरकंद, पालक और ब्रोकोली भी पोटेशियम का अच्छा स्त्रोत है।
फाइबर

फाइबर सही पाचन के लिए बेहद जरूरी है। इसकी वजह से पेट की कई बीमारियां नहीं होतीं। उन्नीस से पचास साल की महिलाओं को हर रोज 25 ग्राम फाइबर की जरूरत है और 51 साल के बाद महिलाओं को हर रोज 21 ग्राम फाइबर की जरूरत होती है। इससे टाइप-2 डायबिटीज, दिल की बीमारियों और कैंसर का खतरा भी कम हो जाता है। फल, सब्जियां, साबुत अनाज, बाजरा।