कमजोर इम्यून सिस्टम

<p>आप आए दिन बीमारी के चलते छुट्टियां लेते रहते हैं। आपकी तबीयत कभी संभलती ही नहीं। ऐसे में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि आपकी रोग प्रतिरक्षा प्रणाली काफी कमजोर है। और सिर्फ सहयोगियों से छींक और खांसी से बचने के लिए आपने एक सप्ताह में सेनिटाइजर की एक बोतल खत्म कर दी है। ऐसा करना थोड़ी देर के लिए तो आपके लिए अच्छा हो सकता है। लेकिन सही मायने में स्वस्थ रहने के लिए इम्यून सिस्टम का मजबूत होना बहुत जरूरी है। लेकिन आप दिनभर में बहुत सी ऐसी बातें करते हैं जो आपके इम्यून सिस्टम को कमजोर बना रही हैं। आइए ऐसी ही कुछ बाहरी प्रभावों के बारें में जानें जो आपके इम्यून सिस्टम को बर्बाद कर रहा है और जो बहुत बुरी बात है।</p>
लंबे समय तक होने वाला तनाव

<p>तनाव का आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली पर बुरा असर पड़ता है। हालांकि हम इसे अनदेखा करते हैं लेकिन हम इससे जुड़ी इस बात से अनजान हैं कि निरंतर तनाव जुकाम और फ्लू जैसी आम बीमारियों के अलावा हृदय रोग और मधुमेह जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है। तनाव से राहत पाने और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए योग, ध्यान और लाफ्टर थेरेपी का सहारा लें।</p>
नियमित एक्सरसाइज

<p>शोध से साबित हुआ है कि निष्क्रिय लोगों की तुलना में नियमित रूप से ब्रिस्क वॉक करने वाले लोग कम बीमार पड़ते हैं। इसका मतलब अगर आप रोज टहलने नहीं जाते हैं तो आपमें बीमार पड़ने का खतरा दोगुना होता है। विशेषज्ञ कम से कम 30 मिनट नियमित रूप से एरोबिक करने की सलाह देते हैं। यह रक्त परिसंचरण में सफेद रक्त कोशिकाओं दूर करता है जिससे इम्यून सिस्टम सुचारू रूप से कार्य करने में मदद मिलती है।</p>
गंभीर व्यवहार

<p>आपने अक्सर व्यक्तिगत रूप से नोटिस किया होगा कि सकारात्मक भावनाओं का अनुभव करने और हंसने से तनाव का स्तर काफी कम हो जाता है। और काम से भरपूर एक बुरा दिन आपके लिए इतना भी बुरा नहीं होता है। वास्तव में, लोमा लिंडा विश्वविद्यालय में शोधकर्ताओं ने अध्ययन से पाया कि एक घंटे के लिए मजेदार वीडियो देखने वाले वयस्कों की प्रतिरक्षा प्रणाली अन्यों के मुकाबले ज्यादा मजबूत पाई गई। तो अब आपको पता होना चाहिए कि अपने लंच ब्रेक के दौरान क्या करना है।</p>
गेट-टुगेदर से बचना

<p>शोधकर्ताओं का मानना है कि कम मानव कनेक्शन के साथ लोगों के बीमार पड़ने की संभावना ज्यादा होती है क्योंकि ऐसे में मस्तिष्क से चिंता के कारण रसायनों से भरा होता है। अनुसंधान के अनुसार, वास्तव में कम मिलनसार साथियों की तुलना में वास्तव में 6 या अधिक कनेक्शन वाले लोगों में ठंड के कारण होने वाले वायरस से लड़ने की संभावना चार गुना बेहतर होती है।</p>
सोने में कंजूसी

<p>पर्याप्त नींद न लेने से प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया कम होने लगती है और कीटाणुओं से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली की कोशिकाएं भी कम होने लगती है। शिकागो विश्वविद्यालय की खोज के अनुसार, एक सप्ताह में चार घंटे रात को सोने वाले पुरुष, आठ घंटे सोने वाले पुरुषों की तुलना में, फ्लू का विरोध करने वाले एंटीबॉडी का उत्पादन आधे से भी कम होता हैं। इसलिए भरपूर नींद लें।</p>
एंटीबायोटिक्स का आनंद लेना

<p>दर्द को कम करने के लिए अक्सर एंटीबायोटिक का मदद लेना आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। अक्सर एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देता है। इसके अलावा यह हार्मोंन के स्तर को कम कर देता है, जो वायरस के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए इम्न सिस्टम को संदेश भेजता है। इसलिए जीवाणु संक्रमण और निर्धारित खुराक को पूरा करने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं को लेना ठीक है। लेकिन हर बीमार के लिए इन्हें लेना ठीक नहीं है।</p>
अगर आप पैसिव स्मोकर हैं

<p>इसका मतलब यह हैं कि आपके हाथ के अलावा दूसरे के हाथ में सिगरेट भी आपके लिए उतनी ही बुरी होती है। यह आपको अस्थमा का अटैक देकर समय से पहले मौत का कारण बन सकती है। जब आप धूम्रपान की गंध लेते हैं तो यह आपके शरीर के अंदर जाकर आपके लिए वैसे ही काम करती है, जैसी की एक सिगरेट करती है। खिड़कियों को खोलना या दूर बैठना आपकी मदद नहीं कर सकता। इसलिए सेकेंड हैंड धुएं और धूम्रपान करने वाले लोगों से दूर ही रहें।</p>
अपनी भावनाओं को दबाना

<p>आगे दुख का कारण न बनें इसलिए झगड़े से बचना आपके इम्यून सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है। अगर कुछ भी अंदर रखना आपको परेशान कर रहा है तो मतभेदों के बारे में रचनात्मक विचार विमर्श करना महत्वपूर्ण होता है। चिल्लाओ मत, अपमान मत करो और अतीत को मत कुरेदें लेकिन हाथ में होने वाली समस्या पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित कर इसे दूर करने की कोशिश करें।</p>
निराशावादी होना

अगर आप गिलास को आधा खाली देखते हैं, तो आप आधा भरा हुआ गिलास देखने वाले लोगों की तरह आाशावादी नहीं है। इसलिये उज्जवल पक्ष तनाव को कम करने और बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करता है। खुद को आशावादी बनाने के लिए अपने लिए ऐसी चीजों या बातों का पता लगाये जिनमें आपको खुशी मिलती हो। इन पर ध्यान केंद्रित करके आप खुद को खुश और भाग्यशाली महसूस करेगें।